गर डायरी दिखा दी , तो आपके होश उड़ जायेंगे
मीडिया में माहौल गरम है..
सुना है कड़ाके की ठन्ड में,
मीडिया में माहौल गरम है।
शायद किसी ने ,
सच कह दिया है?
समाज की फटे में टांग अड़ाना,
मीडिया को खूब भाता है।
इस को वह अपना,
कर्तव्य बोध बताता है।।
और बात जब,
अपने पर आती है।
तो मामला प्रेस की आजादी के,
हनन का बन जाता है।।
मीडिया समाज का आईना है,
ऐसा माना जाता है।
समाज को आईना दिखाने वाला,
उसी आईने में अपना चेहरा देख कर
फिर आखिर क्यूँ डर जाता है।।
सच यह है कि आईना न बुरा,
और न किसी को अच्छा दिखाता है।
बस वह तो देखने वाले की सूरत,
हूबहू दिखलाता है।।
पुरानी कहावत है एक मछली,
पूरे तालाब को गंदा कर देती है।
यह कहावत मीडिया पर भी,
एक दम सटीक बैठती है।।
मीडिया भी इसी समाज का हिस्सा है,
और अपवाद हर जगह होते हैं,
मीडिया में भी हैं..
जहां अधिकांश अच्छे तो,
कुछ खोटे सिक्के हैं।।
यहाँ का पाठक बहुत प्रबुद्ध है,
जो सब जानता है।
एक एक चेहरे का सच,
बखूबी पहचानता है।।
सच जानना है तो कभी किसी , अधिकारी से या क्रशर- बालू वालों से मिलिए ..
जिन्होंने अगर कभी,
अपनी डायरी दिखा दी,
तो नाम और दाम देखकर,
आपके होश उड़ जायेंगे
फिर चेहरे पर चेहरा लगाये,
लोग किधर जायेंगे।