सोनभद्र

खाद्य विभाग की उदासीनता से खूब बिक रही हैं नकली मावे और रसायन युक्त मिठाईयाँ , फफूंद की तरह उग आई है बाजार में मिठाईयों की दुकानें , प्रशासन को इंतजार है किसी बड़े हादसे का !

क्या सोनभद्र के जिलाधिकारी इन दुकानों पर बिक रहे मिठाईयों के नमूना संकलन के साथ प्रभावी कार्यवाही कराएंगे , क्योंकि सड़क पर बिक रहे मिठाईयों के इन दुकानों के न तो रजिस्ट्रेशन है और ये न ही जीएसटी का भुगतान ही करेगें।

सोनभद्र । Sonbhdra News । सावधान ! जिले में खूब तेजी से बिक रही हैं नकली मावे और रसायन युक्त मिठाईया लेकिन इन सब चीजों से बेखबर खाद्य विभाग चैन की नींद सो रहा हैं शायद उसे इंतजार है किसी बड़े हादसे का।

जिला मुख्यालय के हर सड़को पर दो तीन दिनों से फफूंद की तरह से ऐसी मिठाई की दुकानें उग आई है जिनका नाता कभी भी मिठाई के बिक्री से या बनाने से नही रहा है। इतना ही नहीं इन सड़क किनारे नालियों के ऊपर उगी हुई दुकानों के मालिकों के पास न तो खुद का कारखाना हैं और न ही इसके बनाने का अनुभव ही ।

अब प्रश्न उठता है कि जब इनके पास मिठाई बनाने का न तो तजुर्बा है और न ही संसाधन तो फिर नगर में या जिले में हजारों कुंतल मिठाई इन दुकानों पर आई कहां से ? अस्तु स्वयं सिद्ध है कि इन मिठाईयों को आसपास के शहरों से खरीद कर यहां बेचा जा रहा है । पिछले दो दिनों से बिक रही ये मिठाई कब की बनी है , कैसे बनी है , किस तरह से बनी है क्या इसका जबाब खाद्य विभाग के जिम्मेदार आधिकारियों या जिले के प्रशासनिक आधिकारियों के पास हैं । शायद नहीं ।

जिले के मुख्यालय सहित अन्य सभी उपनगरों में धड़ल्ले से बिक रही मिठाई के सम्बंध में जानकर सूत्रों का कहना है कि सब कुछ खाद्य विभाग की सहमति से हो रहा है । नगर के एक प्रतिष्ठित व्यवसाई ने नाम न उजागर करने के शर्त पर कहा कि खाद्य विभाग के नुमाइंदे पिछले दो दिनों से सड़क पर उग आए इन दुकानों से नगद नारायण लेकर मानक विहीन मिठाईयों की बिक्री करा रहा है।

क्या सोनभद्र के जिलाधिकारी इन दुकानों पर बिक रहे मिठाईयों के नमूना संकलन के साथ प्रभावी कार्यवाही कराएंगे , क्योंकि सड़क पर बिक रहे मिठाईयों के इन दुकानों के न तो रजिस्ट्रेशन है और ये न ही जीएसटी का भुगतान ही करेगें।

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