हरियाणा की खट्टर सरकार का पुतला दहन कर किसानों ने किया विरोध प्रदर्शन ।
सोनभद्र। अलग पूर्वांचल राज्य स्थापना की मांग कर रहे पूर्वांचल नव निर्माण मंच तथा किसानों की आवाज बुलंद करने वाले संगठन पूर्वांचल नव निर्माण किसान मंच के किसानों ने संयुक्त रूप से हरियाणा की खट्टर सरकार द्वारा किसानों पर बर्बरता पूर्वक किये गए लाठी चार्ज के विरोध में खट्टर सरकार का पुतला दहन कर विरोध जताया ।करनाल हरियाणा बार्डर पर कल किसानों पर हुए लाठीचार्ज से नाराज सोनभद्र के किसानों ने मंच के नेता श्रीकांत त्रिपाठी व गिरीश पाण्डेय के नेतृत्व मे विरोध प्रदर्शन करते हुए हरियाणा की खट्टर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए खट्टर सरकार का पुतला दहन किया ।

नेता द्वय ने कहा नौ महीने से आन्दोलनरत किसानों की मांग का समाधान करने की बजाय भाजपा सरकार किसानों का दमन करने पर आमादा है । कहा किसानों के साथ सरकार का ऐसा सौतेला व्यवहार कत्तई बर्दाश्त नही किया जायेगा। नेता द्वय ने कहा आन्दोलनरत किसान दोषपूर्ण कृषि कानून की वापसी तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनन गारंटी की जायज मांग को लेकर आन्दोलन कर रहे हैं । सैकडों किसानों की जान तक जा चुकी है । बावजूद इसके उनकी मांग पर विचार करने की बजाय उनपर बल प्रयोग करना सरकार का दुर्भाग्यपूर्ण व दमनकारी कदम है। इसको लेकर किसानों मे जबरदस्त गुस्सा है।

नेता द्वय ने कहा सरकार का किसानों के प्रति तानाशाही पूर्ण रवैया आगामी चुनाव मे भाजपा के लिए मंहगा पडे़गा । किसान भाजपा की सरकारों को सबक सिखाने का मन बना चूके हैं। किसान अनिल तथा शारदा पटेल ने कहा किसानों पर लाठीचार्ज किया जाना भाजपा की सरकारों की हताशा को दर्शा रहा है । किसान बेचने सिंह, अवधेश पटेल ने लाठीचार्ज की निंदा करते हुए कहा कि भाजपा की सरकार लगातार किसानों का दोहन कर रही है । खाद बीज तथा डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं और भाजपा के लोग किसानों की आय दोगुनी करने का झूठा दावा कर रहे हैं । जबकि किसान की आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है ।

किसान अभय पटेल ने कहा किसानों पर लाठीचार्ज किया जाना प्रमाण है कि खट्टर सरकार किसान द्रोही है। उक्त अवसर पर मनोज चौबे, लवकुश पाण्डेय, बेचन, केशव सिंह, राजेश पटेल, विमलेश सिंह, निर्भय, आलोक, संतोष, रामजी, रामा तिवारी, अनिल चौहान, दामोदर, तनगू, सुनील गुप्ता, बाबा, भरत, मूरली, अटल ओझा, सूरज सिंह, मुन्ना गुप्ता आदि अनेक किसान उपस्थित थे ।
