सोनभद्र। कृषि कानूनों की वापसी व किसान आंदोलन समाप्ति के लिए मोदी सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा के बीच 5 मांगों को लेकर बनी लिखित सहमति के आज तक पूरा न होने से किसान एक बार फिर आन्दोलन की रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं ।
बुधवार को राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा कक्का जी ने सोनभद्र में किसानों की बैठक कर किसानों को आंदोलन से जोड़ने के साथ आगे की रणनीति पर चर्चा की । इस दौरान उन्होंने चंद्र भूषण पांडे को किसान मजदूर महासंघ का प्रदेश संयोजक बनाया और उन्हें उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में इकाइयों के गठन की जिम्मेदारी भी सौंपी । यानी साफ है कि पिछली बार किसान आंदोलन में जिस तरह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश से किसान ज्यादा दिख रहे थे इस बार नई रणनीति के मुताबिक पूर्वांचल के जिलों से किसानों को आंदोलन के लिए तैयार किया जा रहा है ।
यूपी में बीजेपी ने भले ही बहुमत की सरकार बना ली हो मगर कक्का जी का मानना है कि चुनाव जीतने का मतलब यह कतई नहीं है कि उन्हें जनता ने पूरी तरह से उनकी नीतियों का समर्थन किया है।उनका कहना रहा कि चुनाव जीतने के लिए कई हथकंडे अपनाये जाते हैं औऱ उनमें से एक ईबीएम भी है ।
शिवकुमार शर्मा कक्का जी ने मोदी सरकार के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि सरकार ने दावा किया था कि किसानों की आय दुगनी होगी मगर संसद में जो रिपोर्ट पेश किया गया है उसके मुताबिक किसानों की आय आधे से भी कम हो गई । उन्होंने मोदी सरकार के हर के वादों को जुमलेबाजी करार दिया है और कहा कि जुमलेबाजी से देश नहीं चलता ।
बहरहाल जिस तरह से किसान एक बार फिर आंदोलन को लेकर रणनीति बना रहे हैं, ऐसे में यह कहा जा सकता है कि यदि समय रहते मोदी सरकार इस पर जल्द कोई फैसला नहीं लेता है तो एक बार फिर किसान आंदोलन की राह पर चल पड़ेंगे और इस बार उन्हें रोक पाना आसान नहीं होगा।