सीएम कार्यक्रम से लौट रहे पंचायत प्रतिनिधियों के बस के नोडल पंचायत सेक्रेटरी ने डीपीआरओ ऑफिस के बाबू पर लगाया गाली व धमकी देने का आरोप , ऑडियो हुआ वायरल
डीपीआरओ ऑफिस के बाबू ने फोन पर बस के नोडल पंचायत सेक्रेटरी को याद दिला दी छठी का दूध, सेक्रेटरी ने जब बस में डीजल न होने की वजह से बस रुक जाने की बात बताई तो मिलने लगी गाली व धमकी।

नोडल ने बताया कि उक्त कार्यक्रम के लिए हर विकास खंड को मिला था 1 लाख , लेकिन उसे नहीं मिला धन
सोनभद्र । लखनऊ में सूबे के मुखिया ने सूबे के सभी निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उन्हे अधिकार संपन्न बनाते हुए उनके मानदेय में इजाफा करने की पंचायत प्रतिनिधियों की बहुप्रतीक्षित मांग सहित अन्य मांगों को मानकर उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को विजय दिलाने के लिए जहां प्रधानों को साधने का प्रयास किया है वही दूसरी तरफ इस बैठक के बाद यह संदेश भी देने का प्रयास किया है कि सरकार निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ खड़ी है।इस बैठक में मुख्यमंत्री ने यह भी साफ कर दिया कि किसी भी संस्था अथवा व्यक्ति को पंचायत प्रतिनिधियों के शोषण का अधिकार नहीं होगा ।

बताया जा रहा है कि सीएम का कार्यक्रम खत्म होने के बाद प्रधानों को लेकर सोनभद्र के म्योरपुर ब्लाक के लिए आई बस जब उन्हें लेकर लौट रही थी तो वह डीजल की कमी की वजह से खड़ी हो गयी । ब्लाक के नोडल (पंचायत सेक्रेटरी) ने जब पंचायत के जनप्रतिनिधियों को बताया कि जितना डीजल है उतने में बस सोनभद्र नहीं पहुंच पाएगी तो फिर क्या था इसके बाद जनप्रतिनिधियों का पारा चढ़ गया और वे नोडल पर ही बरस पड़े । इसके बाद म्योरपुर ब्लाक के नोडल ने डीपीआरओ आफिस में तैनात एक बाबू को फोन कर समस्या से अवगत कराया , फिर क्या था इतना सुनते ही डीपीआरओ आफिस में तैनात बाबू का पारा इस कदर चढ़ गया कि वे अपना आपा खोते हुए म्योरपुर के नोडल अर्थात उक्त पंचायत सेक्रेटरी को इस कदर डांट पिलाई की नोडल साहेब को तो छठी का दूध ही याद आ गया । विंध्यलीडर के पास मौजूद ऑडियो में साफ सुना जा सकता है कि किस तरह डीपीआरओ आफिस में तैनात बाबू न सिर्फ नोडल को गाली दे रहा है बल्कि धमकी भी दे रहा है ।(विंध्यलीडर उक्त वायरल ऑडियो की पुष्टि तो नहीं करता पर यदि यह सही है तो निश्चित ही यह वायरल ऑडियो विभाग में वर्षो से जमे उक्त बाबू की कार्यप्रणाली को उजागर अवश्य करता है)

वहीं विंध्यलीडर संवाददाता से बातचीत में म्योरपुर के पीड़ित नोडल ने बताया कि तेल के नाम पर उसे सिर्फ 10 हजार ही मिले थे , जितना उसके पास था वह खर्च कर दिया । पैसा न होने के कारण ही वह डीपीआरओ ऑफिस में तैनात बाबू को फोन किया था । नोडल ने बताया कि जिले में प्रति ब्लाक खर्च के लिए एक लाख रुपयेआया था लेकिन वह धन भी नहीं मिल सका । नोडल ने बताया कि बड़े बाबू जिस तरह से गाली व धमकी दिए , उससे वह बहुत डरा व सहमा हुआ है ,उन्होंने फोन पर कहा है कि सोनभद्र लौटने पर नॉकरी करना मुश्किल कर देंगे,उनकी उक्त धमकी से वह बहुत डर गया है।लगता है कि सोनभद्र पहुंच कर उक्त बाबू उनके खिलाफ अवश्य ही कोई न कोई फर्जी जांच बैठवाकर उनका आर्थिक व मानसिक शोषण करने का कुचक्र रचेगा।अब सवाल यह भी उठता है कि जब मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में इस तरह की दुर्व्यवस्था सामने आई है तो सामान्य कार्यक्रमों में क्या होता होगा यह साफ समझा जा सकता है ।

फिलहाल सीएम ने पंचायत विभाग में पंचायत खत्म करने के लिए यह बैठक बुलाई थी लेकिन बैठक खत्म होते ही जिस तरह से पंचायत शुरू हो गई है उससे यह बात तो साफ हो गई है कि सीएम पंचायतों व उनके प्रतिनिधियों के कितने भी अधिकार बढ़ा दें लेकिन पंचायतें तो होती ही रहेंगी।