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यूपी कैडर के एक IAS अफसर की इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब धूम मची है. वैसे तो वो पहले से अपने हुनर के कारण जाने-जाते रहे हैं लेकिन, एकाएक उनकी चर्चा बढ़ गयी है. उनकी पुरानी गज़ल फिर से चर्चा में इसलिए आ गई है क्योंकि इसे उन्होंने एक बेहद खास जगह पर आवाज दी है. कश्मीर की डल झील में शिकारा पर बैठकर हरिओम ने इसे दोबारा गाया है. उन्होंने इसे 27 नवम्बर को ट्विटर पर अपलोड किया और 1 दिसम्बर तक एक लाख लोग इसे सुन चुके हैं.
लखनऊ । यूपी कैडर के एक IAS अफसर की इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब धूम मची है. वैसे तो वो पहले से अपने हुनर के कारण जाने-जाते रहे हैं लेकिन, एकाएक उनकी चर्चा बढ़ गयी है. इसकी बड़ी वजह है उनका कश्मीर कनेक्शन.
इस चर्चित IAS अफसर का नाम है डॉ. हरिओम. इन्हें गज़ल गायिकी और कविताओं का शौक है. बड़े -बड़े मंचों से ये अपनी गज़ल गायिकी के हुनर का प्रदर्शन करते रहे हैं. इनके कई एलबम भी आ चुके हैं लेकिन, इन दिनों हरिओम की एक पुरानी गज़ल फिर से लोगों के दिलों में मिठास घोल रही है.

उनकी पुरानी गज़ल फिर से चर्चा में इसलिए आ गई है क्योंकि इसे उन्होंने एक बेहद खास जगह पर आवाज दी है. कश्मीर की डल झील में शिकारा पर बैठकर हरिओम ने इसे दोबारा गाया है. उन्होंने इसे 27 नवम्बर को ट्विटर पर अपलोड किया और 1 दिसम्बर तक एक लाख लोग इसे सुन चुके हैं. गज़ल है “मैं तेरे प्यार का मारा हुआ हूं, सिकन्दर हूं मगर हारा हुआ हूं. “
रोशनी के पंख…
ट्विटर के अलावा फेसबुक और यू ट्यूब पर भी बड़ी संख्या में लोगों ने इसे पसंद किया है. बता दें कि डॉ. हरिओम की ये गज़ल “रोशनी के पंख” एल्बम की है, जिसे उन्होंने 6 साल पहले 2015 में रिलीज किया था. अब एक बार फिर से हरिओम की मखमली आवाज से इस गज़ल को नया मुकाम मिला है.

इससे पहले 31 अक्टूबर को उन्होंने डल झील के किनारे से ही एक गज़ल को फिल्माकर ट्विटर पर अपलोड किया था. उसके बोल हैं – “सर्द हवा है भीनी-भीनी, धूप फ़िज़ा में छायी है”. इसे भी ट्विटर पर 75 हजार लोगों ने सुना था .