आखिर ट्रांसपोर्टरों से क्यूँ खफा हो गयीं खनन निदेशक,लोग लगा रहे कयास
Sonebhadra news (सोनभद्र)। एक दिन पहले जब सोनभद्र के दौरे पर आई खनन निदेशक जनपद मुख्यालय स्थित सभागार में खनन व्यवसायियों व ट्रक ऑपरेटर एशोसिएशन के साथ अधिकारियों की मीटिंग बुलाई तो ट्रक ऑनर्स एशोसिएशन के लोगों के चेहरे पर छाई मुश्कान देखकर लग रहा था कि शायद उनकी समस्याओं का समाधान हो जाएगा, क्योंकि एक सप्ताह पूर्व ही ट्रक एशोसिएशन के लोग राजधानी लखनऊ जाकर खनन निदेशक को अपनी मांग के सम्बंध में ज्ञापन सौंप उसके निदान की गुहार लगायी थी और उन्हें लग रहा था कि उनकी मांग पर खनन निदेशक सोनभद्र आई हैं और अब शायद उनकी समस्याओं का हल खोज कर ही जाएंगी।
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यहां आपको बताते चलें कि कलेक्ट्रेट सभागार में खनन निदेशक ने जिले के अधिकारियों की उपस्थिति में पट्टेधारकों व ट्रक ऑपरेटर असोसिएशन के लोगों के साथ खनन के हर पहलू पर विचार मंथन किया।शायद वह सोनभद्र में वैध /अवैध खनन व परमिट की किल्लत से परमिट की होती कालाबाजारी के खेल से प्रशासन व सरकार की हो रही किरकिरी के इस खेल को समझना चाह रही थीं । सभागार में घंटो चली मैराथन बैठक के दौरान जब उन्होंने सबकी बात सुनीं तो शायद वह समझ गयीं की इस खेल में कौन कौन से लोग शामिल हैं और मीटिंग खत्म होने के बाद जब खनन निदेशक मीटिंग हाल के बाहर निकली तो ट्रक एशोसिएशन के लोगों ने उनके स्वागत में उन्हें बुंके भेंट करनी चाही तो खनन निदेशक उन लोगों को इग्नोर करते हुए आगे बढ़ गई जिसकी जनपद में खूब चर्चा रही।खनन निदेशक के ट्रक एशोसिएशन के प्रति इस दृष्टिकोण की लोग खूब चर्चा करते फिर रहे हैं।लोगों का कहना है कि शायद जिले में आने के बाद खनन निदेशक को इस बात का भी समाधान खोजना था कि आखिर वह कौन लोग हैं जो सोनभद्र जिले को अवैध खनन के लिए बेवजह बदनाम किया करते हैं। शायद इसी बिंदु पर खनन निदेशक ट्रक ऑपरेटर एशोसिएशन की गतिविधियों से नाराज हो गईं और जिले के अधिकारियों से इस तरह की गतिविधियों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से कड़ा संदेश देकर गयीं।
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फिलहाल खनन निदेशक तो जनपद के खनन क्षेत्र का भ्रमण कर राजधानी लखनऊ के लिए कूच कर गयीं पर उन्होंने खनन निदेशालय की एक टीम जनपद में छोड़ दिया है जो खनन क्षेत्र का व्यापक निरीक्षण कर किये गए अवैध खनन सहित अन्य पहलुओं की जांच कर सरकार को व्यापक रिपोर्ट पेश करेगी जिसके आधार पर अवैध खनन सहित खनन क्षेत्र की अन्य अनलीगल गतिविधियों द्वारा सरकारी राजस्व की हुई क्षति के जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही शुरू की जाएगी।यही वजह है कि खनन निदेशक के जाने के बाद भी खनन क्षेत्र में अफरा तफरी मची हुई है।जानकारी के मुताबिक खनन निदेशक ने बिल्ली ओबरा सहित खनन क्षेत्र में स्थापित क्रेशरों पर भंडारित कर रखी गयी खनन सामग्री जिसमे बोल्डर व गिट्टी की मात्रा की नापी कर उसके सापेक्ष एम एम 11 की उक्त क्रेशर पर उपलब्धता की जांच करने तथा यदि उपलब्ध एम एम 11 से भंडारित मात्रा अधिक है तो उसे अवैध मनते हुए कार्यवाही करने का निर्देश दिया है। खनन पर पैनी नजर रखने वालों की मानें तो यदि निदेशक के इस आदेश का कड़ाई से पालन हो गया तो खनन क्षेत्र की सारी पोल खुल सकती है और उन लोगों का यह भी कहना है कि परमिट की किल्लत बिना परमिट या ओभरलोडिंग सहित अन्य समस्याओं की जड़ कहाँ है,का भी पता चल जाएगा।