सोनभद्र । उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनावी महासमर में रोज कोई न कोई दिग्गज नेता अपनी आत्मा की आवाज पर ,अपनी जाति और क्षेत्र के साथ किये जा रहे सौतेले व्यहवार ,अथवा विकास के नाम पर पलटी मार रहा है ।

दलबदल के इस खेल में अब तक सबसे ज्यादा केन्द्र और प्रदेश के सत्तासीन दल भाजपा को सबसे करारा झटका लगा है ,हालांकि भाजपा ने भी मुख्य विपक्षी दलों के कुछेक बड़े नामचीन नेताओं को अपने पक्ष में लाने में सफलता हासिल की है ।

प्रदेश के चुनावी रण में पूरे दमखम से सत्ता से दो दो हाथ करने वाली समाजवादी पार्टी ने अब जबकि अपने पार्टी के कार्यालय के बाहर हाउसफुल का बोर्ड लगा कर भाजपा को आश्वस्त किया था कि अब वह किसी भी विधायक या नेता को अपने दल में शामिल नहीं करेंगें, के बावजूद रोज पार्टी में दलबदल कर नेता आ भी रहे और शामिल भी हो रहे हैं ।

राजनीति कि समझ रखने वालों के अनुसार विंध्याचल मण्डल से कम से कम भाजपा के सहयोगी अपना दल के दो ऐसे बड़े नेता जिनका न सिर्फ अपने बिरादरी में ही वरन क्षेत्र में भी खासा दखल है शीघ्र ही समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं ।
जानकर सूत्रों के अनुसार यदि जैसा कि कयास लगाया जा रहा है वह फलीभूत हो जाता है तो पूर्वांचल में सत्तारूढ़ दल के लिए काफी बड़ा झटका होगा और इसका असर कम से कम 10 सीटों पर देखने को मिल सकता है।

अपने बिरादरी और क्षेत्र पर खासी पकड़ रखने वाले नेताओं की जोड़ी के सम्भावित दल बदल पर जब विंध्यलीडर अपनादल के संगठन से चर्चा की पुष्टि की तो संगठन के लोगों ने इसे सिरे से नकारते हुए चर्चा को कोरा अफवाह बताया ,वहीं सूत्रों का दावा है कि सब कुछ तय हो चुका है किसी भी क्षण ये जोड़ी अपने पुराने दल में जा सकती है ।वैसे कहा जाता है कि जिस तरह क्रिकेट अनिश्चितता का खेल है उसी तरह राजनीति भी सम्भावनाओं पर टिकी है।सम्भावनाओं के इस राजनीतिक खेल में कौन कब किस पाले में होगा कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।