डाला। श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर पर मानस प्रवचन के अंतिम दिन चित्रकूट से पधारे संत श्री सलिल दास जी महाराज ने उद्बोधन में बताया की परमात्मा केवल अनुराग से मिलते है जिसका जीता जागता उदाहरण केवट, माता जानकी व हनुमान जी है। इसलिए जीवन में अनुराग की प्रधानता है अनुराग से की गई उपासना कभी निष्फल नहीं होती है।

रामायण में वर्णित है – हरी पुर गयो परम बड़ भागी ,राम काज कारण तन त्यागी…. इस प्रकार से जीवन में अनुराग की परम आवश्यकता है। काशी से पधारे श्री श्री एक सौ आठ संत गिरनारी दास त्यागी जी महाराज ने बताया रामकथा मे कैसे मनुष्य अपने मन की बात द्वारा अपनी चेतनाओं को जागृत कर सकता है । श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर न्यास के संरक्षक प0 ओम प्रकाश तिवारी ने बताया न्यास के संस्थापक महंत मुरली तिवारी जी द्वारा इस परंपरा की नीव रखी गई है।

मानस परिवार समिति अनिश्चित काल तक धर्मार्थ कार्यों को यूं ही आगे ले जाता रहेगा, ताकि सृष्टि के मनुष्यो का कल्याण हो।मानस प्रवचन की समाप्ति के बाद सोमवार को अखंड श्री रामचरित मानस पाठ की शुरुवात की गई है, पाठ के समापन पर मंगलवार को हवन पूजन के बाद प्रसाद वितरण किया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन आचार्य पंडित राजेश मिश्र ने किया ।

इस दौरान ओम प्रकाश शर्मा, अवधनाथ मिश्र, श्रीप्रकाश पाण्डेय, हनुमान पाण्डेय, सुशांत झा, संजय सिंह, सजावल पाठक , जया तिवारी, जानकी तिवारी समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।