सोमभद्र।पी ० एम ० जी ० एस ० वाई ० खण्ड , लो 0 नि 0 वि 0 द्वारा पटवध से बसुहारी सम्पर्क मार्ग ( चैनेज सं 00.00 से 61.50 ) के चौड़ीकरण एवं सुदृढीकरण हेतु ओबरा वन प्रभाग में प्रभावित 34.672 हे ० आरक्षित वन भूमि के गैर वानिकी प्रयोग व बाधक 1114 वृक्षो / पौधों के पातन व कैमूर वन्य जीव प्रभाग मीरजापुर में प्रभावित 10.62 हे ० आरक्षित वन भूमि के गैर वानिकी प्रयोग व बाधक 194 वृक्षों / पौधों के पातन अर्थात कुल प्रभावित 45.2925 हे ० आरक्षित वन भूमि के गैर वानिकी प्रयोग व बाधक 1308 वृक्षों / पौधों के पातन की अनुमति के सम्बन्ध में वन विभाग से एन ओ सी के अभाव में पिछले एक वर्ष से टेंडर जारी किए जाने के बाद भी उक्त सड़क का निर्माण कार्य न हो पाने से क्षेत्रीय जनों में पनपते आक्रोश को देखते हुए स्थानीय सांसद पकौड़ी लाल कोल ने सोनभद्र के प्रभारी मंत्री को पत्र लिख कर वन विभाग से जल्द एन ओ सी जारी कराने का अनुरोध किया है।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि महोदय आपको अवगत कराना है कि पटवध से बसुहारी सम्पर्क मार्ग के चौड़ीकरण एवं सुदृढीकरण में कैमूर वन्य जीव प्रभाग तथा ओबरा वन प्रभाग प्रभावित होने वाले वन भूमि हस्तान्तरण का प्रस्ताव उचित माध्यम से मुख्य वन संरक्षक / नोडल अधिकारी , पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग उ ० प्र ० लखनऊ को प्रषित किया गया । मुख्य वन संरक्षक / नोडल अधिकारी , पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग , उ 0 प्र 0 लखनऊ द्वारा प्रस्ताव के परीक्षणोपरान्त इंगित कमियों का निराकरण के पश्चात पूर्ण संशोधित मेकित प्रस्ताव उपलब्ध के कराने का निर्देश दिया गया है । उक्त के क्रम में प्रभागीय वनाधिकारी ओबरा वन प्रभाग ओबरा – सोनभद्र द्वारा अपने पत्र सं 0 500 दिनांक 26.08.2021 को उचित माध्यम से रिपोर्ट मुख्य वन संरक्षक , मीरजापुर क्षेत्र , मिर्जापुर को प्रेषित की गयी है ।
अस्तु आपसे आग्रह है कि उक्त पटवध से बसुहारी सम्पर्क मार्ग के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य में आने वाले बाधा का निस्तारण कराकर जनहित में निर्माण कार्य कराने का कष्ट करें।यहाँ आप को बताते चलें कि पटवध से बसुहारी लगभग 61 किमी की जो सड़क है वह नक्सलियों पर प्रभावी अंकुश लगाने में कारगर रही है।उक्त सड़क के बन जाने से बिहार की सीमा से उत्तर प्रदेश में घुसकर अपनी गतिविधियों को अंजाम देने वाले नक्सलियों तक पुलिस की जल्दी पहुँच होने के कारण ही उक्त क्षेत्र में नक्सली संगठन पर प्रभावी अंकुश लग सका है तथा उक्त क्षेत्र के लोगों तक विकास की सीधी पहुंच ने लोगों को नकारात्मक विचारों से दूर कर नक्सलियों की कमर तोड़ने में उक्त सड़क ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।इस सड़क के बन जाने से उक्त क्षेत्र के हजारों लोगों को रोजमर्रा की सामानों के लिए शहर तक संचरण में आसानी होगी।यहाँ यह बात भी विचारणीय है कि जंगली पहाड़ी क्षेत्र तक यही एकमात्र सड़क मार्ग होने की वजह से यहाँ के लोगों के लिए यह लाइफलाइन है इसकी दुर्दशा वर्तमान सरकार के लिए विपक्ष को एक चुनावी भी दे सकती है।यही वजह है कि सांसद ने पत्र लिख इसे प्रारंभ करने के लिए मंन्त्री से अनुरोध किया है।