ओबरा में कोरियाई कम्पनी दुसान द्वारा निर्माणाधीन 1320 मेगावॉट की नई विद्युत परियोजना में महीनों से वेतन ना मिलने से नाराज सैकड़ों मजदूरों ने हड़ताल कर दी है. मजदूरों का आरोप है कि पांच महीने से ज्यादा समय का वेतन नहीं दिया गया है.
सोनभद्र। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के ओबरा नामक स्थान पर कोरिया की दुसान कम्पनी द्वारा 1320 मेगावॉट की विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य कराया जा रहा है।कम्पनी में कार्यरत ठेका मजदूरों द्वारा आज अचानक काम बंद कर हड़ताल पर जाने से दुसान कम्पनी के मैनेजमेंट में हड़कम्प मंच गया।सैकड़ों की संख्या में मजदूरों ने सी प्लांट का काम रोककर आंदोलन शुरू कर दिया।मजदूरों का कहना है कि ठेकेदारों ने कई महीने का वेतन नहीं दिया है।नाराज मजदूर कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठ गए और सी प्लांट में जाने वाला रास्ता रोक दिया।
आपको बता दें कि यहां लगभग 15 दिनों से मजदूर आन्दोलनरत हैं, पर सी प्लांट का काम कर रही दुसान कम्पनी का कोई अधिकारी मजदूरों की समस्या पर ध्यान तक नहीं दिया, जिससे आज मजदूर भड़क गए और उन्होंने सड़क को ब्लॉक कर जाम लगा दिया।सुबह 7 बजे से मजदूर काम बंद कर 11 बजे तक धरने पर बैठे रहे पर कोई आला अधिकारी मजदूरों से बात करने के लिए नहीं आया। मजदूरों के इस तरह काम बंद करने और धरना से पहले से ही निर्माण में देरी हो चुके पॉवर प्लांट के काम मे और बाधा उत्पन्न हो गई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पांच से छह महीने का वेतन मजदूरों को नहीं मिला है।ठेकेदार का कोई अता-पता नही है।मौके पर स्थानीय पुलिस आंदोलनरत मजदूरों को समझाने का कार्य कर रही है। उक्त आंदोलन की जानकारी जिलाधिकारी अभिषेक सिंह के संज्ञान में आने के बाद जिलाधिकारी ने तत्काल आदेश देकर ओबरा एसडीएम व श्रम अधिकारी को मौके पर भेजा है।
ठेका मजदूरों का आरोप है कि हम लोगों का पांच महीने से ज्यादा समय का वेतन नहीं दिया गया है।हम लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति उतपन्न हो गयी है, पर कम्पनी के ठेकेदार भाग खड़े हुए हैं ना तो मोबाइल उठा रहे हैं, ना ही उनका कोई सम्पर्क हो पा रहा है। जब तक हम लोगों का बकाया वेतन नहीं दिया जाता, तब तक काम बंद ही रहेगा।खबर लिखे जाने तक वार्ता का क्रम जारी है।
इस मामले में जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने कहा कि तत्काल ओबरा एसडीएम व श्रम अधिकारी को मौके पर भेज कर मजदूरों की मांगों को जल्द पूरा कराने का आदेश दिया है. जिन मजदूरों का श्रम विभाग में रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है, उनका रजिस्ट्रेशन करवाने का काम किया जाएगा.
अब देखने वाली बात होगी कि कब तक मजदूरों का बकाया भुगतान हो पाता है क्योंकि 1320 मेगावॉट उत्तर प्रदेश सरकार की परियोजना में सबसे महत्वपूर्ण है. बिजली संकट से जनता को बचाने के लिए इस परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करना है. अधिकारियों के लापरवाही से पहले ही परियोजना में देर हो चुकी है. सरकार जनता को 24 घण्टे बिजली मुहैया कराना चाहती है, वहीं इन लापरवाह अधिकारियों की वजह से सरकारी कार्य मे रोज कोई ना कोई बाधा उतपन्न हो रही है।