सोनभद्र ।
तहसील दिवस पर छोटी छोटी समस्याओं के निदान की उम्मीद में ग्रामीण क्षेत्रों से आये लोगों की भीड़ को देखते हुए सोनभद्र के वर्तमान जिलाधिकारी ने एक बिल्कुल नई सोच व उम्मीद के साथ ग्राम समाधान दिवस की शुरुआत की।ग्राम समाधान दिवस का मकसद था कि ऐसी समस्या जिसका समाधान ग्राम स्तर पर सम्भव है उसका ग्राम पंचायत स्तर पर ही समाधान कर दिया जाय जिससे कि दूरस्थ इलाके के ग्रामीणों को इन छोटी छोटी समस्याओं मसलन वृद्धा पेंसन, राशन कार्ड से सम्बंधित कार्य अथवा जमीन नापी से सम्बंधित कार्य या फिर पंचायत विभाग से सम्बंधित समस्या के समाधान के लिए जिले पर न आना पड़े।
पिछले दो महीनों से आयोजित ग्राम समाधान दिवस के सार्थक परिणाम भी अब सामने आने लगे हैं। IGRS शिकायतों के निस्तारण के मामले में सितंबर माह में जनपद को प्रदेश में प्रथम स्थान मिलने के बाद उत्साहित जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह ने हर सोमवार रोस्टरवार 80 गांवों में लगने वाले ग्राम समाधान दिवस में और बेहतर परिणाम के उद्देश्य से बड़ा बदलाव किया है।
यहां आपको बताते चलें कि पूर्व में जारी रोस्टर में निचले स्तर के अधिकारियों को नोडल की जिम्मेदारी दी गयी थी लेकिन कई जगहों से अधिकारियों के न आने की वजह से समस्याओं के सही तरीके से निस्तारण न हो पाने की शिकायतों पर जिलाधिकारी ने संज्ञान लेते हुए बड़ा बदलाव करते हुए अब नोडल की जिम्मेदारी तहसील स्तरीय अधिकारियों और जिला स्तरीय अधिकारियों को सौंप दी है।
ग्राम समाधान दिवस में लापरवाही और शिकायतों के सही तरीके से निस्तारण नहीं करने पर पूर्व में ग्राम समाधान दिवस पर ही जिलाधिकारी ने कई सचिवों पर कड़ी कार्यवाही करते हुए निलंबित कर यह संदेश देने को कोशिश किया था कि ग्राम समाधान दिवस में किसी तरीके की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। इस बदलाव के साथ ही अगले सोमवार को ग्राम समाधान दिवस लगना है जिसको लेकर आज सूची भी जारी कर दी गयी है।
अब आगे देखना होगा कि बदले रोस्टर के साथ कितना कारगर होता है ग्राम समाधान दिवस तथा जिलाधिकारी की यह सार्थक पहल क्या जंग लग चुकी नॉकरशाही व आम जन की समस्याओं के प्रति उदासीनता के अंतिम पायदान पर खड़ी कर्मचारियों की कार्यप्रणाली में क्या कोई बदलाव लाकर लोगों के प्रति अपने कर्तव्य बोध को जगा पति भी है अथवा यह योजना भी अन्य योजनाओं की तरह दम तोड़ देगी।