उत्तर प्रदेश

विंध्यलीडर के अवैध खनन पेनाल्टी पर खबर का असर , खनन अधिकारी किए गए मुख्यालय से संबद्ध

उपरोक्त आशय की खबर आज ही  सोनभद्र से प्रकाशित हिन्दी समाचार पत्र / न्यूज पोर्टल ने प्रकाशित किया था , जिसका असर न सिर्फ खनन व्यवसाई /माफियाओं के साथ- साथ प्रदेश सरकार में बैठे नौकरशाह और राजनेताओं के बीच चर्चा का विषय बना रहा और अन्तत: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपना चाबुक चलाया और सोनभद्र के खनन आधिकारी को प्रदेश मुख्यालय लखनऊ से  संबद्ध कर दिया । आगरा के जेष्ठ खनन अधिकारी राकेश बहादुर सिंह अब संभालेंगे सोनभद्र खनन विभाग की कमान।

Sonbhdra News । सोनभद्र । जनपद सोनभद्र में खनन माफियाओं ने अपने फायदे को बढ़ाने के लिए प्रकृति का ऐसा दोहन किया कि उसकी तस्वीर ही बदल गयी है।अवैध खनन करने के लिए गगनचुंबी पहाड़ियों के कोख में इतना बारूद भरा गया कि वह पाताल में तब्दील हो गई हैं। खनन सेक्टर के आस पास के ग्रामीण बताते हैं कि पहले ओबरा एवं बिल्ली मारकुंडी में हरी- भरी गगनचुंबी पहाड़ियों की अंतहीन श्रृंखला थी। दिन रात विस्फोट करके इन पहाड़ियों को विशालकाय खाईं में तब्दील कर दिया गया।समय समय पर सरकारें और अधिकारी तो बदलते रहे, मगर खनन सेक्टर में नियमों को ताक पर रखकर खनन माफिया निरन्तर गुल खिलाते रहे जिसका नतीजा है सोनभद्र में हुई व्यापक पर्यावरणीय क्षति।

Also read(यह भी पढ़ें) पत्थर खदानों में किये गए अंधाधुंध अवैध खनन के कारण प्रशासन द्वारा वसूली गयी करोड़ो की पेनाल्टी,पर पर्यावरणीय क्षति के लिए लगने वाली पेनॉल्टी पर प्रशासन ने क्यूँ साध रखी है चुप्पी ?

सोनभद्र में अवैध खनन की लगातार मिल रही शिकायत के मद्देनजर दिनांक 12 जुलाई 2023 को निदेशक खनन डॉ रोशन जैकब ने सोनभद्र के पत्थर खनन बेल्ट का औचक निरीक्षण किया। लखनऊ से आयी निदेशालय की टीम पत्थर खनन बेल्ट का विध्वंसक नज़ारा देखकर दहल गयी। बेतरतीब अंधाधुंध प्रकृति के दोहन से रोशन जैकब आग बबूला हो गयीं। जिला मुख्यालय पर अधिकारियों की मीटिंग लेने के बाद पट्टाधारकों द्वारा नियमों को ताक पर रख किये गए अवैध खनन की जांच हेतु टीम बनाकर जिलाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए वापिस चली गईं।

उल्लेखनीय है कि उपरोक्त आशय की खबर आज ही सोनभद्र से प्रकाशित हिन्दी समाचार पत्र / न्यूज पोर्टल ने प्रकाशित किया था , जिसका असर न सिर्फ खनन व्यवसाई /माफियाओं के साथ- साथ प्रदेश सरकार में बैठे नौकरशाह और राजनेताओं के बीच चर्चा का विषय बना रहा और अन्तत: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपना चाबुक चलाया और सोनभद्र के खनन आधिकारी को प्रदेश मुख्यालय लखनऊ से संबद्ध कर दिया ।

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