पिछले पांच दिनों से सोनभद्र में ट्रकों का पहिया थम सा गया है और इस ट्रक हड़ताल से अब तक लगभग 100 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व की क्षति होने का अनुमान है।ट्रक ओनर्स एशोसिएशन के लोगों का कहना है कि जब तक हमारी मांगो व समस्याओं का जिला प्रशासन उचित समाधान नहीं निकालता व ट्रक मालिकों का खनन विभाग द्वारा किया जा रहा शोषण बन्द करने का आश्वासन नहीं मिल जाता ट्रकों का पहिया रुका रहेगा और इसी चक्का जाम हड़ताल के पांचवें दिन ट्रक एशोसिएशन के लोग जिलाधिकारी के कैम्पस में आज से समस्या समाधान होने तक आमरण अनशन पर बैठ गए हैं।
ट्रक एशोसिएशन के लोगों का कहना है कि हम लोगों की मांग है कि जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का आदेश है कि लोडिंग प्वाइंट पर ही अंडरलोड खनन सामग्री लोड की जाय तथा खनन सामग्री लेकर परिवहन करने वाली ट्रक को सही परिवहन प्रपत्र (एम एम 11) दिया जाय तो अब तक उक्त आदेश को लागू क्यों नहीं किया जा रहा ? अब जब ट्रक मालिक लोडिंग प्वाइंट अर्थात क्रेशर से ही ओभरलोडिंग पर लगाम लगाने की मांग पर अड़े हैं तो जिला प्रशासन को ट्रक एशोसिएशन की इस मांग को मान लेने में समस्या क्या है ?आखिर जब ट्रक एशोसिएशन के लोग मुख्यमंत्री के आदेश ,कि लोडिंग प्वाइंट से ही ओभरलोडिंग को रोक दिया जाय, को लागू कराने के लिए पिछले पांच दिनों से हड़ताल पर हैं तो मुख्यमंत्री के आदेश के पालन में खनन विभाग व जिला प्रशासन रुचि क्यों नहीं ले रहा ?
इस बाबत जब ट्रक ओनर्स एशोसिएशन के लोगों से पूछा गया कि आखिरकार ऐसी कौन सी वजह है कि खनन विभाग मुख्यमंत्री के आदेश का पालन नहीं करवा पा रहा है वह भी तब जब खनन विभाग स्वंय मुख्यमंत्री के पास है ? इसके जबाब में ट्रक मालिकों ने जो जानकारी दी वह चौकाने वाली थी।
ट्रक मालिकों ने बताया कि हम लोग तो चाहते हैं कि सारी ट्रक अंडरलोड व परमिट के साथ चलें पर ऐसा नहीं हो पा रहा ? क्योंकि कुछ क्रेशर संचालकों के पास स्वंय की या फिर उनके सगे सम्बन्धियों के पास जो ट्रक हैं वह विभाग की मिलीभगत से बिना परमिट ओभरलोड धड़ल्ले से सड़कों का सीना चीरती खनिज सामग्री लेकर मंडियों में पहुंच जाती हैं और ऐसी स्थिति में जब कुछ लोग परमिट के साथ अंडरलोड खनिज लेकर पहुंचते हैं तो उनका माल मंडी में महंगा होने के कारण बिकता ही नहीं जबकि बिना परमिट व ओभरलोडिंग वाली गाड़ियों का माल सस्ता होने के कारण जल्दी बिक जाता है।ऐसी स्थिति में हम लोगों की मांग है कि लोडिंग प्वाइंट से ही ओभरलोडिंग को रोका जाए।
ट्रक मालिकों का यह भी कहना है कि विभाग की मिलीभगत से रात के अंधेरे में जो अवैध खनन कर पत्थर निकाल गिट्टी बनाई जा रही है उसे बाजार तक पहुचाने के खेल का पर्दाफाश न हो इसके लिए ही खनन विभाग लोडिंग प्वाइंट पर ओभरलोड पर रोक लगाने से हिचक रहा है और जब मजबूर होकर ट्रक मालिक अपनी ट्रक को सड़क पर निकाल रहे हैं तो उनमें से कुछ पर कार्यवाही का चाबुक चला कर शासन की नजर में ईमानदारी की ढोल पीट रहे हैं।
ट्रक ओनर्स एशोसिएशन के लोगों का यह भी कहना था कि खनिज संपदा लेकर परिवहन करने वाली ट्रकों से जो जिला पंचायत की वसूली का रिकॉर्ड है उसके अनुसार 2500 से 3000 ट्रक प्रतिदिन खनिज लेकर परिवहन करती हैं जबकि खनिज विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार 700 से लेकर 1000 ट्रकों को परमिट जारी किया गया है। यह रिकॉर्ड ही खनिज विभाग व सड़को पर खनिज लेकर परिवहन करने वालों की जांच में लगे लोगों की निष्पक्षता को उजागर करने के लिए काफी है।
फिलहाल ट्रक मालिकों ने ताल ठोंक दी है कि हम लोग मुख्यमंत्री के आदेश को लागू कराने के लिए जिला प्रशासन से आग्रह कर रहे हैं। ऐसे में देखना होगा कि भ्र्ष्टाचार को खत्म करने के लिए जब ट्रक मालिक खुद ही आगे आ रहे हैं तो क्या ज़ीरो टॉलरेंस की बात करने वाली सरकार में उनके नुमाइंदे इन ट्रक मालिकों की मांग मानते हैं या फिर कुछ और ही रास्ता निकाला जाता है। वैसे ट्रक ओनर्स एशोसिएशन के लोगों का कहना था कि आने वाले बुधवार को मंडलायुक्त मिर्जापुर ने सोनभद्र आने का तथा समस्या के उचित समाधान का आश्वासन दिया है।अब हम लोगों को उन्हीं पर भरोसा है ,इसलिए हम लोग मंडलायुक्त के आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
ट्रक हड़ताल का पांचवां दिन:चक्का जाम से आमरण अनशन तक,गेंद पहुंची कमिश्नर के पाले में
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