—सोनभद्र के जनप्रतिनिधियों को नहीं दिख रहा यहां का भ्र्ष्टाचार, अब सोनभद्र के भ्र्ष्टाचार पर गैर जनपद के विधायक लिख रहे चिट्ठी
—जनता चट्टी चौराहे पर कह रही कि सोनभद्र के भ्र्ष्टाचार पर अधिकारियोँ,कर्मचारियों को मिल रहा सोनभद्र की राजनीतिक जमीन से खाद पानी
दो कारखासों के सहारे चल रहा पूरा स्वास्थ्य विभाग। मुख्य चिकित्साधिकारी से वरदहस्त प्राप्त स्वास्थ्य विभाग को चला रहे यही दोनों कारखास
सोनभद्र।मिर्जापुर जिले की छानबे सीट से विधायक राहुल कोल ने सोनभद्र के स्वास्थय विभाग में फैले भ्र्ष्टाचार पर कार्यवाही करने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जांचोपरांत कार्यवाही करने का अनुरोध किया है।मिर्जापुर के विधायक ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में सोनभद्र की मीडिया में छपी ख़बरों के हवाले से पत्र लिखकर कहा है कि वर्तमान मुख्य चिकित्सा अधिकारी जब से सी एम ओ के चार्ज पर आए हैं तभी से सोनभद्र के स्वास्थ्य विभाग में भ्र्ष्टाचार पनप रहा है।विधायक ने पत्र में कहा है कि बिना चिकित्सा अवकाश स्वीकृति के ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अपना दो वर्षों का वेतन निकाल लिया है तथा विधायक के अनुसार इनके कार्यकाल में लगभग 50 लाख ऑन लाईन गमन कर लिया गया है।इतना ही नहीं वर्तमान सी एम ओ द्वारा भ्र्ष्टाचार में लिप्त कर्मियों को संरक्षण दिया जा रहा है।विधायक ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में यह भी अरोप लगाया है कि उक्त सीएमओ द्वारा कोरोना की दूसरी लहर में कोविड एल टू हॉस्पिटल में ऑक्सीजन पाइप लगाने वाली फर्म को अनियमित तरीके से लाखों रुपये का भुगतान किया गया है।अब सवाल यह भी उठ रहा है कि सोनभद्र के जनप्रतिनिधियों को उक्त विभाग में फैले भ्र्ष्टाचार पर नजर क्यूँ नही पड़ रही है? दूसरे जनपद के विधायक सोनभद्रके भ्र्ष्टाचार पर कार्यवाही के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिख रहे हैं परन्तु यहां के जनप्रतिनिधियों ने चुप्पी साध रखी है? वजह क्या है अब जनता को खलने लगा है ।
विधानसभा चुनाव नजदीक ही है ऐसे में भ्र्ष्टाचार पर जनप्रतिनिधियों की चुप्पी उन पर भारी पड़ सकती है।आपको बताते चलें कि वर्तमान समय में सोनभद्र का स्वास्थ्य विभाग अपने भ्र्ष्टाचारी कार्यप्रणाली के लिए मीडिया के सुर्खियों में बना हुआ है।ऐसे में सोनभद्र के जनप्रतिनिधियों की उक्त विभाग पर चुप्पी आम लोगों को खलने लगी है।आम लोग अब चट्टी चोराहों पर वर्तमान जनप्रतिनिधियों को कोसते नजर आ रहे हैं।
आने वाले समय मे इन बातों का असर विधानसभा चुनाव2022 में भी देखने को मिलेगा।सुत्रों पर भरोसा करें तो जब से स्वास्थ्य विभाग में वर्तमान सी एम ओ ने चार्ज लिया है तभी से उनके द्वारा विभाग की जिम्मेदारी उनके दो कारखास सम्भाल रहे हैं।इन्हीं दोनों करखासों के सहारे पूरा विभाग चल रहा है और विभाग में फैले भ्र्ष्टाचार को भी इन्हीं कारखासों के सहारे अन्जाम दिया जा रहा है।अब सवाल यह भी है कि क्या कारखास प्रणाली पुलिस विभाग से हट कर स्वास्थ्य विभाग में भी अपनी जड़ें जमा रही है।इसका अंजाम अब आम लोगों को भुगतना पड़ेगा।चूंकि स्वास्थ्य विभाग आम आदमी के सेहत से जुड़ा होता है इसलिए इस विभाग की कार्यप्रणाली पर जनप्रतिनिधियों की चुप्पी सवालों के घेरे में है।