Sunday, May 19, 2024
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Sonebhadra News : पनारी में बुखार से तीन बच्चों की हुई मौत , CMO ने जताई अनभिज्ञता

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रेणुका पार के इलाके में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है। पनारी ग्राम प्रधान प्रतिनिधि लक्ष्मण यादव ने बताया कि छत्ताडांड टोले में बीते एक सप्ताह के अंदर तीन बच्चों की मौत हुई है। इसमें सुब्रिता (5) पुत्री तामेश्वर, सुक्खन (3) पुत्र देव नारायण एवं बाबू राम के तीन वर्षीय पुत्र शामिल हैं। सभी बुखार से ग्रसित थे। गांव में 12 से अधिक लोग बीमार हैं। इसमें ज्यादातर बच्चे हैं। इन्हें भी बुखार और दस्त की समस्या है।

ओबरा। जिले के ग्रामीण इलाकों में बीमारियों से मौतों सिलसिला कम नहीं हो रहा हैं , म्योरपुर के बेलहथी में दो मासूमों की मौत के बाद अब चोपन ब्लाॅक के रेणुकापार स्थित पनारी ग्राम पंचायत में बुखार से तीन बच्चों की मौत हो गई । हलांकि जिले का स्वास्थ्य विभाग ने इलाके में जाकर जांच , दवा और उपचार कराना शुरु कर दिया है लेकिन मौतों की पुष्टि नहीं कर रहा है ।

सूत्रों की माने तो चोपन क्षेत्र पंचायत के पनारी ग्राम पंचायत के दुरुह इलाके छत्ताडांड में पिछले एक सप्ताह के दौरान यह मौतें हुई हैं। ग्रामीणों के मुताबिक बच्चों को तेज बुखार था। सोमवार को गांव में पहुंची स्वास्थ्य टीम ने कैंप लगाकर जांच व दवा-उपचार शुरू किया है। कई अन्य लोग भी बीमार बताए जा रहे हैं। ज्ञातव्य है कि एक सप्ताह पहले ही म्योरपुर के बेलहत्थी गांव में भी दो बच्चों की मौत हुई थी। उनमें भी तेज बुखार व पेट दर्द की समस्या थी।

रेणुका पार के इलाके में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है। पनारी ग्राम प्रधान प्रतिनिधि लक्ष्मण यादव ने बताया कि छत्ताडांड टोले में बीते एक सप्ताह के अंदर तीन बच्चों की मौत हुई है। इसमें सुब्रिता (5) पुत्री तामेश्वर, सुक्खन (3) पुत्र देव नारायण एवं बाबू राम के तीन वर्षीय पुत्र शामिल हैं। सभी बुखार से ग्रसित थे। गांव में 12 से अधिक लोग बीमार हैं। इसमें ज्यादातर बच्चे हैं। इन्हें भी बुखार और दस्त की समस्या है।

ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने बताया कि इसकी सूचना चोपन सीएचसी पर दी गई है। उधर, सूचना के बाद सोमवार को सीएचसी से डॉ. नंद कुमार, एलटी रविकांत, अरविंद कुमार सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की टीम गांव पहुंची। वहां कैंप कर ग्रामीणों की जांच कर दवाएं दी।

सीएचसी के अधीक्षक ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में भेज दी है टीम

चोपन सीएचसी के अधीक्षक डॉ. सुभाष चंद्रा ने बताया कि बच्चों की मौत कैसे हुई, इस बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं है। फिलहाल प्रधान की सूचना के बाद टीम भेजकर दवा-उपचार कराया जा रहा है। ग्रामीणाें को साफ-सफाई रखने, मच्छर दानी के उपयोग आदि की सलाह दी गई है।गांव में टीम एक सप्ताह कैंप करेगी ।

मुख्य चिकित्साधिकारी ने जाहिर की अनभिज्ञयता

सीएमओ डॉ. अश्वनी कुमार ने बताया कि गांव में इलाज के लिए स्वास्थ्य टीम को भेजी गई है। टीम एक सप्ताह तक गांव में कैंप करेगी और डोर टू डोर जाकर लोगों की जांच कर दवा वितरित करेगी। खून की जांच कर बीमारी के बारे में पता किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कुछ मरीजाें के खून की जांच में मलेरिया के लक्षण मिले हैं। बच्चों की मौत की बात पर उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की।

अभूझ परिस्थितियों में होने वाली मृत्यु इस इलाके की बन चुकी है नियत

सुदूर इलाकों में हर साल होती है मौत चोपन ब्लाॅक के रेणुका पार स्थित पनारी, बैरपुर और कनहरा ग्राम पंचायत के विभिन्न टोलों में प्रतिवर्ष इस मौसम में बीमारियों का कहर बरपता है। विभिन्न बीमारियों की चपेट में आने से कई मौतें हो जाती हैं। बावजूद स्वास्थ्य महकमा की ओर से समय रहते जरूरी इंतजाम नहीं किए जाते। मलेरिया विभाग पूरे साल बेफिक्र बना रहता है और मौतों के बाद जांच की रिपोर्ट न होने का हवाला देते हुए बीमारी के लिए अन्य कारण को बताकर पल्ला झाड़ लेता है।

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