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Parliament Monsoon Session 2023 : प्रधानमन्त्री को घेरने के लिए विपक्ष आज लायेगा अविश्वास प्रस्ताव , लोकसभा अध्यक्ष को सौंपेगा नोटिस

Parliament Monsoon Session 2023 सरकार के पास पूर्ण बहुमत है और ऐसे में किसी भी अविश्वास प्रस्ताव का कोई अर्थ नहीं होगा लेकिन विपक्ष इस प्रस्ताव के जरिये प्रधानमंत्री से बयान की अपनी जिद जरूर पूरी कर सकता है। अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब प्रधानमंत्री को देना होता है जबकि मणिपुर पर चर्चा हुई तो उसका जवाब गृह मंत्री अमित शाह देंगे।

नई दिल्ली। New Delhi News । मणिपुर पर संसद में गतिरोध के बीच विपक्ष बुधवार को मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रहा है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार रात ये एलान किया। उन्होंने कहा कि सुबह 10 बजे नोटिस लोकसभा अध्यक्ष को सौंपा जाएगा। इस बीच पार्टी ने सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है।

सरकार के पास पूर्ण बहुमत है और ऐसे में किसी भी अविश्वास प्रस्ताव का कोई अर्थ नहीं होगा लेकिन विपक्ष इस प्रस्ताव के जरिये प्रधानमंत्री से बयान की अपनी जिद जरूर पूरी कर सकता है। अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब प्रधानमंत्री को देना होता है जबकि मणिपुर पर चर्चा हुई तो उसका जवाब गृह मंत्री अमित शाह देंगे।

विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल दलों ने यह साफ कर दिया है कि प्रधानमंत्री के सदन में बयान के बाद ही मणिपुर पर चर्चा शुरू करने के अपने रुख पर वे कायम हैं। सूत्रों ने बताया कि ‘इंडिया’ के नेताओं की मंगलवार सुबह संसद भवन में राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में हुई बैठक में अविश्वास प्रस्ताव लाने के विकल्प पर चर्चा हुई।

संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव लाने के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन अगर वे ऐसा कर रहे हैं तो उन्हें पता होना चाहिए कि पिछली बार जब वे अविश्वास प्रस्ताव लाए थे तो भाजपा 300 से अधिक सीटों के साथ मजबूत बहुमत के साथ सत्ता में वापस आई थी। इस बार अविश्वास प्रस्ताव लाए तो हमें 350 से अधिक सीटें मिलेंगी।

17वीं लोकसभा में अभी तक नहीं आया है कोई अविश्वास प्रस्ताव

17वीं लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अभी तक कोई अविश्वास प्रस्ताव नहीं आया है। अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में कोई भी सांसद पेश कर सकता है। प्रस्ताव सूचीबद्ध होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष सदन के भीतर इसकी जानकारी देंगे और उसी समय कम से कम 50 सांसदों को प्रस्ताव के समर्थन में हामी भरनी होगी।

सदन में प्रस्ताव स्वीकार हो जाता है तो स्पीकर अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के साथ वोटिंग की तारीख की घोषणा करते हैं। नियमानुसार प्रस्ताव स्वीकार होने के दिन से 10 दिनों के भीतर अविश्वास प्रस्ताव का निपटारा होना जरूरी है। लोकसभा की 543 सीटों में से फिलहाल पांच अभी रिक्त हैं।

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राजग के पास लोकसभा में 330 से अधिक सदस्य हैं जबकि बहुमत का आंकड़ा 272 का है। वहीं ‘इंडिया’ में शामिल दलों के पास लगभग 150 सांसद हैं। वाईएसआर कांग्रेस, बीजेडी, भारत राष्ट्र समिति जैसे दलों के 60 से अधिक सांसद हैं और वे इन दोनों खेमों से बाहर हैं।

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