MM 11(परमिट) का बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने की तैयारी-धर्मवीर तिवारी
—मौके पर भस्सी और हाफ इंची गिट्टी पड़ी है लेकिन जिला प्रशासन ने टेंडर निकला है डोलो स्टोन गिट्टी का जबकि भस्सी की रॉयल्टी है केवल ₹100 और डोलो स्टोन गिट्टी की रायल्टी है 160 रुपये घन मीटर
खनन विभाग बड़े व्यवसायियों को लाभ देने के लिए नियम को ताक पर रखकर काम कर रहा है, यह खनन विभाग द्वारा जारी एक टेंडर से स्पष्ट हो गया । जिस तरह से खनन विभाग छोटे-छोटे ब्लाक को खत्म कर बड़े ब्लॉक बनाकर टेंडर देने की फिराक में है, उससे परमिट की कालाबाजारी बढ़ेगी और खनन के रेट में भी जबरदस्त उछाल आएगा । जबकि पूर्व के अधिकारी छोटे-छोटे ब्लागों को ज्यादा प्रोत्साहित करते थे ताकि कालाबाजारी पर लगाम लग सके, यह कहना है बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मवीर तिवारी का ।
धर्मवीर तिवारी ने पत्र प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए कहा कि खनन विभाग द्वारा 18 नवम्बर 2024 को निकाले गए टेंडर को यदि ध्यान से देखा जाये तो पता चलता है कि विभाग कैसे बड़े व्यवसायियों को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों को ताक पर रख कुछेक बड़े व्यापारी को लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि बिल्ली मारकुडी में सड़क किनारे जो डोलो स्टोन व गिट्टी अवैध रूप से पड़ी है, उसकी ई-निविदा दिनांक 18 नवम्बर 2024 को पोर्टल के माध्यम से निकाली गई है। जिसका रेट 160 रुपये रखा गया है। जबकि जिन स्थानों पर गिट्टी पड़ी दिखाई जा रही है वहां मौके पर भस्सी व हाफ इंच गिट्टी पड़ी हुई है जिसकी रॉयल्टी रेट लगभग 100 रुपये होता है। यानी बड़े व्यवसायियों को लाभ देने के लिए गलत जानकारी भी दी जा रही है और दूसरी तरफ यदि बस्सी या हाफ इंच गिट्टी की जगह 25 mm गिट्टी का परमिट जारी किया जाएगा तो निश्चित रूप से अवैध खनन को प्रोत्साहित करने का कुचक्र भी विभाग रच रहा है।
धर्मवीर तिवारी ने जिलाधिकारी को पत्र के माध्यम से पूरे मामले को अवगत कराते हुए बताया कि ई निविदा में जो समय सीमा विज्ञप्ति और पोर्टल पर आने की दी गई है वह शासनादेश संख्या 2021 उत्तर प्रदेश खनिज नियमावली के पेज संख्या 27 के 2 क) पैरा का स्पस्ट उल्लंघन है।शासनादेश के उक्त पैरा में स्पष्ठ उल्लेख किया गया है कि विज्ञप्ति निकलने तथा उसके खुलने के बीच कम से कम 30 दिवस का समय होना चाहिए। पूर्व जिलाध्यक्ष ने कहा कि यह टेंडर सुनियोजित तरीके से कुछ बड़े खनन व्यवसायियों को लाभ देने व अवैध परमिट (MM11) का कारोबार करने वालो को लाभ पहचाने के लिये किया गया हैं। उन्होंने जिलाधिकारी से कहा कि यह टेंडर सुनियोजित तरीके से बनाया गया है ताकि बड़े व्यवसायियों को लाभ पहुंचाया जा सके । पूर्व बीजेपी जिलाध्यक्ष ने कहा कि यह टेंडर यह दर्शाता है कि कैसे छोटे व्यापारियों को खत्म किया जा रहा है । उन्होंने जिलाधिकारी से इस तरह के टेंडर से उत्पन्न हो रहे दुर्व्यवस्था को खत्म करने की मांग करते हुए इसे निरस्त करने की भी मांग की है।
यहाँ य़ह बात भी विचारणीय है कि आखिर जब दिन रात प्रशासनिक मशीनरी खनन क्षेत्र मे काम कर रही है तो इतनी बड़ी मात्रा अर्थात् तीन लाख तिहत्तर हजार घन मीटर डोलो स्टोन गिट्टी सड़क किनारे कौन रख कर भाग गया ? यहां य़ह बात भी ध्यान रखने योग्य है कि अभी कुछ महिनों पूर्व ही जब खनन निदेशक रोशन जैकब का जनपद दौरा हुआ था तब उन्होंने जांच करायी थी तब भी लगभग इतनी ही गिट्टी ऐसी मिली थी जिसका कोई वैध कागजात नहीं था तब उसे भी इसी तरह नीलाम किया गया था।अब सवाल यह उठता है कि मात्र कुछ महिनों में ही फिर से इतनी बड़ी मात्रा में सड़क किनारे गिट्टी कौन रख रहा है ? सवाल तो यह भी है कि इतनी बड़ी मात्रा में गिट्टी बनाने के लिए पत्थर कहाँ से आए होंगे ? उन पत्थरों को तोड़ने के लिए विस्फोटक कहाँ से आए ? क्या सोनभद्र में विस्फोटक इतनी सहजता से उपलब्ध हो जाते हैं कि कोई भी पत्थरतोड़नेमेंप्रयोगकरेऔर गिट्टी बनाकर उसे सड़क किनारे रख दे ताकि बादमें जिला प्रशासन उसकी नीलामी कर सके ? खैर इन सवालों के जवाब के जबाब हम अगले लेख में ढूंढने का प्रयास करेंगे।