Sunday, May 19, 2024
Homeराज्यक्या सोनभद्र सदर की सीट भाजपा खोने जा रही हैं ?

क्या सोनभद्र सदर की सीट भाजपा खोने जा रही हैं ?

-

पिछले कुछेक दिनों से भाजपा सदर विधायक अपने कार्यों को लेकर खासा चर्चा में बने हुए हैं, सूबे के मुख्यमंत्री के जनपद आगमन के अवसर पर भीड़ जुटाने के लिए रिक्शा चालक को रिक्शे पर बिठा कर नगर में भृमण करना ,जो विधायक बनने के बाद कभी पैदल चलते हुए नहीं दिखाई पड़ते थे  अचानक संकल्प के साथ नंगे पैर चलने लगना ,इतना ही नहीं इस चुनावी समर में अपने विरोध के चलते सार्वजनिक रूप से उठक बैठक लगाना कम से कम तो यहीं इंगित करता है कि विधायक जी को अपनी जमीन खिसकती महसूस हो रही हैं ।

सोनभद्र । उत्तर प्रदेश के अति पिछड़े जनपदों में से एक आकांक्षि जनपद में सुमार होने वाले सोनभद्र की सदर सीट जो परम्परागत रूप से भाजपा की सीट मानी जाती हैं और हैं भी के बावजूद क्या भाजपा विधायक को ऐसा आभास हो गया है कि वो अपनी सीट गवां रहे हैं ।

त्रिदेव सम्मेलन में भाजपा सदर विधायक के सामने मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए लोग

पिछले कुछेक दिनों से भाजपा सदर विधायक अपने कार्यों को लेकर खासा चर्चा में बने हुए हैं, सूबे के मुख्यमंत्री के जनपद आगमन के अवसर पर भीड़ जुटाने के लिए रिक्शा चालक को रिक्शे पर बिठा कर नगर में भृमण करना ,जो विधायक बनने के बाद कभी पैदल चलते हुए नहीं दिखाई पड़ते थे अचानक संकल्प के साथ नंगे पैर चलने लगना ,इतना ही नहीं इस चुनावी समर में अपने विरोध के चलते सार्वजनिक रूप से उठक बैठक लगाना कम से कम तो यहीं इंगित करता है कि विधायक जी को अपनी जमीन खिसकती महसूस हो रही हैं ।

शायद यही कारण है कि डैमेज कंट्रोल के लिए वह उस जनता जिससे कभी मिलना पसन्द नहीं करते थे सिर्फ नगर के चंद मुठ्ठी भर लोगों के साथ उठ बैठ कर यह समझ लिये थे कि मोदी और योगी के जादू के चलते उन्हें कोई पटकनी नहीं दे सकता है

नंगे पांव नामांकन दाखिल करने जाते हुए भाजपा सदर विधायक

लेकिन विधायक जी यह भूल गए कि जनता बहुत समझदार हैं और वक्त पर अपने पत्ते खोलती है ,विधायक जी अपनी अस्मिता पर पालिका परिषद के अध्यक्ष को चयनित कराना भी जनता की नाराजगी का एक कारण बना हुआ है जबकि किसानों ,बेरोजगारो और महंगाई का तड़का व सत्ता का स्वाभाविक विरोध ,भाजपा के अंदरखाने में पनप चुका कई धड़ा विधायक जी हार की फसल को और लहलहा रहे हैं ।

त्रिदेव सम्मेलन में स्थानीय सदर भाजपा विधायक जनता से कान पकड़ कर उठक बैठक लगा ,माफी मांगते हुए

दूसरी ओर विपक्षी दलों ने भी विधायक जी की घेराबंदी बन्दी करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रखा है ,बीते दिनों जनपद मुख्यालय के प्रभावशाली पूर्व प्रमुख एवम अन्य सम्भ्रांत जन का पार्टी से किनारा करना, प्रमुख प्रतिद्वंद्वी पार्टी बसपा से ब्राह्मण चेहरा उतारना भी स्थानीय बनाम बाहरी ब्राह्मण मतों के रूप में विभाजन की पटकथा लिख रहा है ।

गत मंगलवार को नगर के एक होटल में भाजपा के स्थानीय चुनाव कार्यालय में त्रिदेव सम्मेलन में जिस प्रकार से भाजपा विधायक मुर्दाबाद के नारे लगाए गए कम से कम वह तो अभी तक यही संकेत दे रहा है कि इस बार सदर विधायक के लिए अपनी सीट बचा पाना एक टेढ़ी खीर साबित होने जा रही हैं ।

सम्बन्धित पोस्ट

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

error: Content is protected !!