सांसद ने जिले मे निजी पैथोलॉजी संचालको द्वारा जांच के नाम पर गरीब मरीजों को लूटने सम्बन्ध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखकर उनकी मीटिंग कर जिले में सभी प्रकार की जांच की फीस निर्धारित करने का आग्रह किया है। पत्र में सांसद ने कहा है की जनपद सोनभद्र में जितने भी पैथोलॉजी संचालित हो रहे है । ड़ेंगू व क्षय रोग व अन्य जांच के नाम पर मनमाना धन वसूल कर रहे है । गरीबों के इस शोषण में जनपद सोनभद्र के निजी हस्पिटल व, डॉक्टर भी सम्मिलित है ।
सांसद ने पत्र में चाहा है कि जनपद – सोनभद्र में जितने भी पैथोलॉजी संचालित हो रहे हैं उनके बोर्ड पर उनके यहाँ होने वाली जाँच की फीस डिस्प्ले होनी चाहिये। सांसद ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से यह भी अपेक्षा की है कि पूरे जिले के निजी पैथोलॉजी संचालकों की एक मीटिंग कर उनके यहाँ होने वाली जांच की फीस में एकरूपता लाने के लिए एक फीस स्ट्रक्चर पास कराएं जिससे कि जांच की फीस में एकरूपता आ जाये ।
इससे गरीब आदिवासी समाज का जांच के नाम पर होने वाली लूट से बचाव होगा।फिलहाल सांसद के पत्र पर यदि सही कार्यवाही होती है तो निश्चित ही गरीबो को लाभ मिलेगा तथा जांच के नाम पर मची लूट से भी अनपढ़ गरीबो को निजात मिल सकती है।फिलहाल यह कार्य आसान नहीं है क्योंकि जांच के नाम पर मची इस लूट में समाज के रसूखदारों का भी हिस्सा है जो सफेदपोश बनकर आसानी से उन्हें मिलता रहता है और इस कार्य मे सबसे बड़ी बाधा तो निजी पैथोलॉजी संचालकों की मजबूत लाबी भी स्वयं है। अब देखना होगा कि सांसद के पत्र पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी का क्या रुख रहता है।