धर्म

हनुमान जयंती :श्री हनुमान जी के 12 नामों से बनेगी बिगड़ी बात

भगवान हनुमान जी को 11वां रुद्रावतार भी माना जाता है.अष्ट सिद्धि नवनिधि के दाता हनुमान जी की जयंती 6 अप्रैल को मनाई जाएगी.

ऊषा वैष्णवी

हनुमान जयंती 2023 :अष्ट सिद्धि नवनिधि के दाता 11वें रुद्र अवतार हनुमान जी की जयंती 6 अप्रैल को मनाई जाएगी. एक अन्य मान्यता के अनुसार माता सीता ने कलयुग के सबसे प्रभावशाली देवताओं में से एक हनुमानजी की भक्ति-समर्पण देखकर उन्हें अमरता का वरदान दिया था. उस दिन नरक चतुर्दशी थी.इस प्रकार साल में दूसरी बार हनुमान जयंती दिवाली के एक दिन पहले मनाई जाती है.

श्री हनुमान

भगवान शिव के अवतार हैं हनुमान
भगवान हनुमान जी को 11वां रुद्रावतार भी माना जाता है.हनुमान जी की पूजा करने और व्रत करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में किसी भी प्रकार की परेशानी से बचा जाता है, इसलिए हनुमान जी को संकटमोचक भी कहा जाता है. जिन लोगों की कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हो या शनि की साढ़ेसाती चल रही हो उन्हें हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से शनि ग्रह से संबंधित परेशानियां दूर होती हैं. हनुमान जी को मंगलकारी कहा जाता है, इसलिए उनकी पूजा करने से जीवन में सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

भगवान हनुमान की पूजा विधि
हनुमान जी का जन्म सूर्योदय के समय हुआ था.इसलिए हनुमान जयंती के दिन ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करना शुभ माना जाता है. इसके बाद घर की सफाई करने के बाद गंगाजल छिड़क कर घर की सफाई करें. स्नान आदि के बाद हनुमान मंदिर में या घर में पूजा करनी चाहिए. पूजा के दौरान हनुमानजी को सिंदूर चढ़ाना चाहिए.माना जाता है कि चमेली का तेल अर्पित करने से प्रसन्न होते हैं. पूजा के दौरान पूरा जल और पंचामृत चढ़ाएं, फिर अक्षत, फूल, अबीर, गुलाल, धूप-दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें, सरसों के तेल का दीपक जलाएं. हनुमान जी को विशेष पान चढ़ाएं. इसमें गुलकंद, बादाम डाल दें. ऐसा करने से आपको हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और हनुमान आरती का पाठ करें और आरती के बाद प्रसाद बांटें.

हनुमानजी के 12 नाम
ॐ हनुमान , अंजनी सुत , वायुपुत्र , महाबल , रमेश , फाल्गुन सखा , पिंगाक्ष , अमित विक्रम , उद्धिक्रमण , सीता शोक विनाशन , लक्ष्मण प्राण दाता , दशग्रीव दर्पहा . हनुमान जयंती के अवसर पर बजरंगबली की पूजा करने से अपेक्षित फल मिलता है, लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि हनुमानजी की पूजा करने के पहले श्री राम जी की पूजा करनी चाहिए.


चावल के फूलों की माला से उनकी पूजा की जाती है. साथ ही पापों और दुष्ट आत्माओं से मुक्ति पाने के लिए हनुमान जी को उड़द की काली दाल भी चढ़ाई जाती है. रामायण में वर्णित है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से सभी संकट दूर हो जाते हैं. इसलिए हनुमान भक्त बड़ी श्रद्धा से हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं. हनुमान जयंती पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है. इस साल हनुमान जयंती 6 अप्रैल को है, ऐसे में पूरे देश में उत्साह का माहौल है.


Hanuman Jayanti एक हिंदू त्योहार है. चैत्र मास की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला यह पर्व इस साल 6 अप्रैल को मनाया जाएगा. हनुमान जयंती अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीके से मनाई जाती है.तमिलनाडु और केरल में मार्गशीर्ष माह की अमावस्या को हनुमान जयंती मनाई जाती है.ओडिशा में हनुमान जयंती वैशाख महीने के पहले दिन मनाई जाती है. इसलिए भले ही हनुमान जयंती अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीके से मनाई जाती है, लेकिन इससे पता चलता है कि हनुमान के प्रति नागरिकों की भक्ति समान है. Hanuman Jayanti 2023

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