Breaking : खनन निदेशक के सोनभद्र दौरे के बाद खनन क्षेत्रों में चल रही धुंआधार कार्यवाही से खनन क्षेत्र में मची अफरा तफरी के बीच आज क्रेशर ओनर्स एशोसिएशन की बैठक,आगे की बनेगी रणनीति
Sonbhadra khanan news (सोमभद्र)।पिछले हप्ते सोनभद्र ट्रक ओनर्स एशोसिएशन के पदाधिकारी लखनऊ जाकर खनन निदेशक रोशन जैकब से मिल खनन सामग्री लेकर परिवहन करने में आ रही दिक्कतों से निदेशक को अवगत कराते हुए उनकी समस्याओं के समाधान के बाबत गुहार लगायी थी।इसी के बाद खनन निदेशक रोशन जैकब अचानक जनपद आ गईं और यहां आने के बाद उन्होंने खनन व्यवसायियों के साथ ट्रक ऑनर्स एशोसिएशन की एक साथ बैठक कर खनन क्षेत्र की समस्याओं से रूबरू होते हुए उसके समाधान के लिए जिले के अधिकारियों के साथ भी मंथन किया और जाते जाते उन्होंने आश्वासन भी दिया कि जल्द ही सारी समस्याओं का समाधान निकाल लिया जाएगा। उनकी इस घोषणा के बाद खनन व्यवसायियों सहित खनन सामग्री के परिवहन में लगे व्यवसायियों में भी खुशी की लहर देखने को मिल रही थी। पर उनके जाने के बाद खनन क्षेत्र में जिस तरह से कार्यवाही की जा रही है उसके बाद सभी के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही हैं।
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यहां आपको बताते चलें कि खनन निदेशक रोशन जैकब ने जब जिले के खनन क्षेत्र का निरीक्षण किया तो उन्हें सब कुछ ठीक नहीं लगा और उन्होंने अपने साथ निदेशालय से आये अधिकारियों की एक टीम को सोनभद्र के पत्थर खदानों में किये गए खनन की मापी व क्रेशर पर भण्डारण कर रखी गयी खनन सामग्री मसलन बोल्डर व गिट्टी का आकलन कर और यह परीक्षण करने के बाद कि उक्त क्रेशर पर उपलब्ध खनिज सामग्री के सापेक्ष एम एम 11 की स्थिति क्या है , के सम्बंध में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। खनन निदेशक के उक्त आदेश के बाद सोनभद्र के खनन पट्टेधारकों व क्रेशर व्यवसायियों में हड़कंप की स्थिति देखी जा रही है और निदेशालय की टीम के निर्देशन में की जा रही मापी की कार्यवाही के बाद निदेशालय को भेजी गई रिपोर्ट के बाद जिस तरह से कुछ लीज धारकों पर कार्यवाही की गई है उससे खनन क्षेत्र में सन्नाटा पसर गया है।
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यहां आपको यह भी स्पष्ट करते चलें कि खनन निदेशक के जनपद में आने के बाद खनन से जुड़े व्यवसायियों में जो यह उम्मीद जगी थी कि अब प्रदेश की आला अफसर आ गयी हैं और अब खनन क्षेत्र की समस्याओं का समाधान निकल ही जायेगा और अब खनन व्यापार में गति आएगी,वह आशा अब धूमिल पड़ने लगी है और उनके जाने के बाद जिस तरह से खनन क्षेत्र में सन्नाटा पसरा हुआ है उसे देख लोगों को यह डर सताने लगा है कि क्या सोनभद्र वर्ष 2012 के खनन हादसे के बाद अचानक बन्द हुए खनन गतिविधियों की तरफ तो नहीं बढ़ रहा ? लोग इस आशंका से भयाक्रांत हो आने वाले समय की कल्पना मात्र से सिहर जा रहे।खनन व्यवसाय से रोजी रोटी का जुगाड़ करने वाले वर्ष 2012 की खनन बंदी की कल्पना मात्र से ही कांप उठते हैं। यहां आपको बताते चलें कि खनन निदेशक के जनपद दौरे के बाद की जा रही ताबड़तोड़ कार्यवाही से जिस तरह खनन क्षेत्र में सन्नाटा पसरा हुआ है और व्यापारियों को कार्यवाही का डर सता रहा है और डरा सहमा खनन व्यापारी यदि पूँजी के पलायन की मनसा बना लेता है तो निश्चित ही सोनभद्र के खनन क्षेत्र में उपजी बेरोजगारी सरकार के लिए भारी पड़ सकती है।
मिली जानकारी के मुताबिक फिलहाल क्रेशर उद्योग पर की जा रही उक्त कार्यवाही से उपजे हालात और उससे निपटने के तरीकों पर विचार करने के उद्देश्य से आज क्रेशर व्यवसायियों की एक बैठक की जाने वाली है जिसमे क्रेशर उद्योग पर छाए संकट के बादलों व उससे निपटने के उपायों पर क्रेशर व्यवसायियों द्वारा मंथन किया जा सकता है।फिलहाल यदि जल्द ही खनन क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करने की कोशिश नहीं हुई तो निश्चित ही इसके बड़े ही घातक परिणाम सामने आ सकते हैं क्योंकि सोनभद्र के खनन उद्योग में यदि मंदी आयी अथवा उसपर बंदी के बादल छाए तो उक्त क्षेत्र में जो बेरोजगारी आएगी समाज पर उसका बड़ा ही नकारात्मक असर पड़ेगा जो न तो सरकार के हित में होगा और न ही समाज के।अब देखना होगा कि सरकार में शामिल लोग इसका क्या समाधान ढूंढते हैं।फिलहाल चारों तरफ जिस तरह की खमोशी छाई हुई है वह बड़ा ही भयावह स्थिति पैदा कर रही है।