सोनभद्र।क़भी तपस्वियों, मुनियों की पसंदीदा स्थलों मे से एक सोनभद्र की धरती तपस्वियों के लिए स्वर्ग हुआ करती थी ,समय बदला, अब इसे भ्रष्टाचारियोँ के लिए स्वर्गस्थली के रूप में नयी पहचान मिलती दिख रही है। कभी मनरेगा घोटाले के लिए तो कभी जंगल की ज़मीनों पर कब्जे के लिए जमीन घोटाले के लिए तो कभी अन्य घोटाले के लिए सोनभद्र का नाम मिडिया क़ी सुर्खियों में रहा है।वर्तमान में पीने के पानी का इंतजाम करने के लिए जहां सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है वहीं दूसरी तरफ सरकारी अधिकारी पैसा हजम करने के नित नए रास्ते तलाश कर ले रहे हैं।इसी कड़ी में अधिकारियों के शह पर पंचायत विभाग हैण्डपम्प रीबोर के नाम पर जमीन के अंदर भ्र्ष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं।
आपको बताते चलें कि जहाँ एक तरफ इसी जिले में जिलापंचायत द्वारा नए हैण्डपम्प के अधिष्ठापन पर मात्र 79000(उन्यासी हजार रुपए) खर्च करने पड़ते हैं तो वहीं दूसरी तरफ ग्रामपंचायत रीबोर पर कहीं एक लाख तीस हजार रुपये तो कहीं पर एक लाख पचास हजार रुपये खर्च किया जा रहा है।यह किस तरह का खेल है जब नए हैण्डपम्प लगाने पर जिलापंचायत 79000 खर्च कर रही है तो किस हिसाब से ग्रामपंचायत उससे दुगने पैसे में रीबोर कर रही है।इतना ही नहीं है पता तो यहां तक चल रहा है कि जिस हैण्डपम्प के बदले रीबोर हो गया वह भी चल रहा है।जब पुराना हैण्डपम्प चल रहा है तो आखिर किस बात का रीबोर।
चतरा विकास खण्ड के ग्रामपंचायत विरधी में रिबोर के नाम पर जम कर खेल हुआ है।ग्रामपंचायत में कपिल के घर के पास रीबोर के नाम पर दो बार पैसा निकला है एक 13 मार्च 2021 को 89714 रुपये तो फिर से इसी रीबोर के नाम पर 27 अप्रैल 2021 को पुनः एक बार और पैसा निकाल लिया गया है।आपको बताते चलें कि अभी तक उक्त रिबोर पर हैण्डपम्प नहीं लगा है।नए ग्रामप्रधान ने कहा कि जब से मैं प्रधान बना हूं तब से कोई रिबोर नहीं हुआ है।कपिल के घर के पास एक रिबोर जरूर हुआ है ।वहाँ उपस्थित ग्रामीणों ने बताया कि यहाँ एक बोर तो हुआ है परन्तु उसे अभी चालू नहीं किया गया है।जब पुराने हैण्डपम्प से ही पानी का काम चल जा रहा था तो केवल रिबोर के नाम पर पैसा निकालने का यह केवल एक खेल है।कपिल के घर के पास रीबोर के नाम पर पैसा खर्च करने का यह इकलौता मामला नहीं है।पूरे जिले में रिबोर के नाम पर जमीन के अंदर एक बड़ा घोटाला किया गया है ।
विरधी के ग्रामीणों ने बताया कि कपिल के घर के पास जो रीबोर किया गया है उसकी गहराई मात्र 140 फीट ही है।अब यह बात कहाँ तक ठीक है कि मात्र 140 फिट बोर करने के लिए 79714 रुपये निकल लिए जायँ जबकि एक फिट बोर करने का मार्केट में खुला रेत 100रुपये से लेकर 120 रुपये है।इन दरी बातों से एक बात तो साफ है कि रीबोर के नाम पर जम कर सरकारी धन की आपस मे जम कर बन्दरबाँट की गई है।ऐसा नहीं है कि इस बात की जानकारी उच्चाधिकारियों को नहीं है, सब को पता हैकी रिबोर के नाम पर जम कर खेल चल रहा है।पानी के लिए पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है परंतु लोगों की प्यास है कि बुझती ही नहीं।