सोनभद्र । मानक विहीन चलते निजी अस्पतालों व उन अस्पतालों द्वारा मरीजों का किया जा रहा मनमाना धनदोहन के खिलाफ लगातार मीडिया में छपती खबरों को संज्ञान में लेते हुए जिला प्रशासन ने ऐसे अस्पतालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।मीडिया में उठते सवालों से हरकत में आये जिला प्रशासन ने आज सदर उपजिलाधिकारी और झोलाछाप डॉक्टरों के नोडल अधिकारी की संयुक्त टीम ने रॉबर्ट्सगंज नगर में संचालित निजी अस्पतालों पर ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू की।
छापेमारी के दौरान जहां एक हॉस्पिटल में मिली।ख़ामियों के बाद उक्त अस्पताल संचालक को नोटिस जारी कर जबाब तलब किया है वहीं एक अस्पताल में अत्यधिक अनियमितता पाए जाने पर उसे सील कर दिया गया।फिलहाल आज जिला प्रशासन की निजी अस्पतालों पर छापेमारी से अवैध रूप से हॉस्पिटल संचालित करने वालों में हड़कंप की स्थिति देखी जा रही है।
आपको बताते चलें कि आज रॉबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र में सदर उपजिलाधिकारी रमेश कुमार यादव और झोलाछाप के नोडल अधिकारी डॉ0 रामकुंवर की छापेमारी से हड़कंप मच गया। सदर एसडीएम और नोडल की संयुक्त टीम सर्वप्रथम वाराणसी पॉली क्लीनिक पहुंची, टीम ने हॉस्पिटल के मानकों की जांच के बाद कुछ कमियों को देखते हुए हॉस्पिटल को नोटिस जारी कर जबाब तलब किया है।
इसके बाद टीम स्वेता हॉस्पिटल पहुंची जहां जब जांच टीम पहुंची तो बगैर डॉक्टर के हॉस्पिटल संचालित होता हुआ मिला यहां आपको बताते चलें कि उक्त हॉस्पिटल में एक गर्भवती महिला सहित तीन मरीज भर्ती मिले। गर्भवती महिला ने हॉस्पिटल प्रशासन पर खून चढ़ाने के नाम पर धन उगाही करने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक यूनिट खून का 6 हजार रुपए लिया गया है। उक्त आरोपों को गंभीरता से लेते हुए जांच टीम ने हॉस्पिटल को सीज करते हुए तीन दिनों में स्पष्टीकरण तलब किया है।
सदर उपजिलाधिकारी रमेश कुमार ने बताया कि “जिलाधिकारी के निर्देश के क्रम में आज से निजी हॉस्पिटलों पर औचक छापेमारी अभियान शुरू किया गया है। छापेमारी के दौरान हॉस्पिटल के मानकों, हॉस्पिटल भवन के नक्शे, फायर एनओसी, डाक्टरों की उपस्थिति आदि की जांच की जाएगी। लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।