ग्राम प्रधानों का मानदेय 15 हजार रुपये किया जाए
सोनभद्र। राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन के पदाधिकारियों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम 21 सूत्री मांग पत्र जिलाधिकारी को सौंपा । उक्त अवसर पर संगठन के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष गोपीनाथ गिरी ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानों की समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है जिससे गांव का विकास नहीं हो पा रहा है। संविधान के 73 वें संशोधन में पंचायतों को स्वतंत्र इकाई घोषित किया गया है ताकि ग्राम स्वराज की अवधारणा को पूरी तरह से सच साबित किया जा सके। परन्तु 73 वें संवैधानिक संशोधन के अनुरूप सभी अधिकार ग्राम पंचायत को अभी तक वास्तविक रूप से नहीं दिया जा सका है।
ग्राम प्रधानों का मानदेय 15000 हजार महीने किया जाय । ग्राम पंचायतों को 20 लाख तक की लागत की परियोजनाओं की वित्तीय स्वीकृत का अधिकार दिया जाए ।न्यूनतम वेतन के राजकीय प्रावधानों के अनुरूप ग्राम पंचायत में वेतनभोगी कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए । ग्राम सभा में हुए अवैध कब्जों को मुक्त कराकर ग्राम सभा को सुपुर्द कराया जाए तथा अवैध कब्जों के निषेध की प्रभावी व्यवस्था नियोजित किया जाए ।भूमि प्रबंधन समिति की बैठक प्रत्येक तीन माह में अनिवार्य कराई जाए।
सोनभद्र की भौगोलिक व पहाड़ी क्षेत्र की स्थिति को देखते हुए शासन तत्काल विकास खंडों में एक – एक खंड विकास अधिकारी तथा एक – एक सहायक विकास अधिकारी एवं प्रत्येक ग्राम सभा मे पंचायत सचिवों की नियुक्ति कराई जाए । रॉबर्ट्सगंज ब्लॉक अध्यक्ष महेंद्र कुमार यादव ने कहा कि विकास कार्य सुगमता से हो सके इस हेतु शासन द्वारा नवसृजित ब्लॉक करमा कोन को वित्तीय संस्थाओं द्वारा तत्काल दोनों ब्लॉकों को भवनों का निर्माण कराया जाए इन मांगों समेत अन्य मांग को लेकर संगठन के पदाधिकारियों ने विरोध प्रदशन किया।इस मौके पर कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन गोपीनाथ गिरी , जिला अध्यक्ष लक्ष्मी कुमार जायसवाल, जिला प्रभारी मोहन पांडे, राजकुमार सिंह, जुबेर अहमद,वीरेंद्र सिंह, मुन्ना मौर्य ,नीरज सिंह , विजय दिनेश कुमार यादव समेत अन्य प्रधान शामिल थे।