4 मार्च सोनभद्र के स्थापना दिवस पर विशेष
सोनभद्र ।अलग पूर्वांचल राज्य की मांग कर रहे संगठन पूर्वांचल राज्य जनमोर्चा ने सोनभद्र जनपद के स्थापना दिवस पर आज रावर्ट्सगंज सोनभद्र में मनाया गया । संगठन प्रमुख पवन कुमार सिंह एडवोकेट ने कहा कि 04 मार्च 1989 को उत्तर प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री नरायन दत्त तिवारी ने मिर्जापुर जिले से अलग कर सोनभद्र जिले की आधारशिला रखी।
अपने उदय के तीन दशक बाद भी यहां का अपेक्षित विकास नहीं हो सका। पूर्वांचल राज्य जनमोर्चा ने सोनभद्र के स्थापना दिवस के अवसर पर मांग किया कि यहां एम्स जैसे एक उच्च स्तरीय स्वास्थ्य संस्थान बने एवं यहां के आदिवासियों की उच्च शिक्षा हेतु एक केंद्रीय विश्वविद्यालय बने जिसमें छात्र पढ़ सके। नए कल कारखाने बने जिनमें स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार मिले ।जनपद में जनहित के काम होने चाहिए, जनसरोकारी सोच होनी चाहिए जिससे की जनपद का चहुमुखी विकास हो ।
राष्ट्रीय प्रवक्ता अतुल प्रताप पटेल एडवोकेट ने कहा कि सोनभद्र उत्तर प्रदेश मे क्षेत्रफल के हिसाब से बड़ा जिला है । यह भारत का एकमात्र जिला है जो चार राज्यों की सीमा से जुड़ा है, अर्थात् पश्चिम में मध्य प्रदेश , दक्षिण में छत्तीसगढ़ , दक्षिण-पूर्व में झारखंड और उत्तर-पूर्व में बिहार ।
सोनभद्र जिला एक औद्योगिक क्षेत्र है और इसमें बहुत सारे खनिज बॉक्साइट, चूना पत्थर, कोयला, सोना आदि हैं। इसे “भारत की ऊर्जा राजधानी” कहा जाता है क्योंकि यहां बहुत सारे बिजली संयंत्र हैं। और कैमूर वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी, सलखन जीवाश्म पार्क, विजयगढ़ किला, अगोरी फोर्ट , मुक्खा वॉटरफाल जैसे स्थलों के साथ रॉक पेंटिंग जल्द ही पर्यटन मानचित्र पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराएगी। इस अवसर पर काकु सिंह, संदीप जायसवाल, वीरेंद्र कुमार सिंह एडवोकेट, राजेश तिवारी ,लक्ष्मी कांत शुक्ला, अशोक कुमार कनौजिया एडवोकेट, ईश्वर जायसवाल एडवोकेट, संतोष चतुर्वेदी, पवन कुमार द्विवेदी एडवोकेट, राजकुमार सिंह, नवीन कुमार पांडे, नेतराज पटेल, दीप नारायण पटेल अशोक सिंह, आदि लोग उपस्थित थे।