सोनभद्र । वैसे तो देश में प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर फर्जीवाड़े की खबरें सामने आती ही रहती हैं ।पर अभी हालिया सम्पन्न मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में पकड़े गए सॉल्वर गैंग को जब पुलिस ने खंगालना शुरू किया तो पुलिस के माथे पर भी बल पड़ने लगे,क्योंकि इस गिरोह में केवल बेरोजगार युवा ही नहीं सरकारी डॉक्टरों के शामिल होने के सबूत मिलने लगे।पुलिस सामान्यतया यह मान कर चलती है कि इस धंधे में पैसे के लालच में बेरोजगार युवा ही होते हैं पर लाखों रुपये सरकार से तनख्वाह लेने वाले डॉक्टरों के इस गिरोह में शामिल होने को लेकर जांच कर रही पुलिस को भी को भी अपनी सोच बदलने को मजबूर कर दिया।
बार बार कहा जाता है कि किसी दूसरे के नाम पर परीक्षा में सॉल्वर यानी मुन्नाभाई को बिठा दिया गया और इसके लिए मोटी रकम वसूल की गई , लेकिन इस बार बात इतनी भर ही नहीं है । इस बार NEET के एग्जाम में सॉल्वर गैंग ने बड़ा खेल किया है । ‘ हालांकि वाराणसी पुलिस ने पूरे मामले का भंडाफोड़ कर अब तक सॉल्वर गैंग के सरगना समेत 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है । इसी क्रम में वाराणसी पुलिस ने कुछ और मुन्नाभाई के नामों का खुलासा किया है , उनमें से एक नाम सोनभद्र में तैनात एक डॉक्टर का भी है ।
सोनभद्र के सीएचसी में तैनात एक डॉक्टर का नाम नीट सॉल्वर गैंग में आने के बाद स्वास्थ्य महकमे में खलबली मच गई है । विभागीय सूत्रों की माने तो अक्सर विवादों में रहने वाला उक्त डॉक्टर मोबाइल बंद कर 12 जनवरी से ड्यूटी से भी नदारद है ।अब नीट के सॉल्वर गैंग में इसका नाम जुड़ने से चर्चाओं का बाजार है ।
बताते चलें कि 12 सितंबर 2021 को सारनाथ स्थित परीक्षा केंद्र पर नीट सॉल्वर गैंग की सदस्य जूली कुमारी और परीक्षा केंद्र के बाहर उसकी मां बबिता कुमारी को गिरफ्तार करते हुए कमिश्नरेट पुलिस ने गैंग का खुलासा किया था । इसके बाद पटना निवासी मास्टरमाइंड पीके , पटना सचिवालय में लिपिक उसके बहनोई रितेश कुमार सहित 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया । पांच आरोपियों को पुलिस ने भगोड़ा घोषित किया है । अन्य जिन आरोपियों की तलाश चल रही है उसमें से एक नाम जनपद के सीएचसी में तैनात एक चिकित्सक का बताया जा रहा है ।