Friday, March 29, 2024
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विश्व गठिया दिवस पर गोष्ठी का हुआ आयोजन : उम्र होने के बाद भी अपनी हड्डियों को कैसे रखें जवान

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सोनभद्र। आज की बदलती जीवनशैली, अधिक मोटापा, गलत खानपान के कारण गठिया यानी आर्थराइटिस रोग युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है। जिसके कारण पिछले कुछ ही वर्षो में इस बीमारी के मरीजों में काफी बढ़ोतरी हो गई है। यह रोग मधुमेह के बाद सबसे तेजी से फैल रहा है। गठिया को अधिक फैलने से रोकने और इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व गठिया दिवस मनाया जाता है।

उक्त अवसर पर लाइफ केयर एंड ट्रामा सेंटर में बुधवार को एक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें हड्डी रोग विशेषज्ञ एवं पूर्व आर्थोपेडिक सर्जन जिला अस्पताल डॉ प्रमोद कुमार प्रजापति ने कहा कि प्रतिवर्ष 12 अक्टूबर को विश्व गठिया दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन लोगों के बीच गठिया की बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाई जाती है। गठिया में जोड़ों में सूजन आ जाती है, जिसके कारण मरीज को चलने-फिरने में परेशानी होने लगती है।

आगे उन्होंने बताया कि आज की जीवनशैली में लोग बिल्कुल गतिहीन हो गए हैं, जिसका बुरा असर उनके शरीर और हड्डियों पर पड़ता है। यही वजह है कि गठिया (खासतौर पर घुटनों का आर्थराइटिस) महामारी का रूप ले रहा है। उम्र के साथ होने वाला गठिया आर्थराइटिस ऑस्टियोआर्थराइटिस

कहलाता है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की मानें तो भारत में आस्टियोआर्थराइटिस आमतौर पर 55-60 की उम्र में होता है, लेकिन आज कम उम्र में भी लोग आर्थरिटिस और अपंगता का शिकार बन रहे हैं, जो चितनीय विषय है। इस मौके पर प्रबंधक रेखा प्रजापति, डॉ आशीष मिश्रा, डॉ पीके सिंह, डॉ अविनाश त्रिपाठी, जितेंद्र, महेंद्र, प्रीति, महेश, सुरेश आदि मौजूद रहे।

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