सोनभद्र। परिवहन विभाग के कार्यालय के गेट पर मोटे अक्षरों में लिखी इबारत “दलालों का प्रवेश वर्जित है” इस विभाग की पूरी सच्चाई बयां करने के लिए काफी है।इसका मतलब साफ है कि इस विभाग में कभी दलालों का बोलबाला रहा होगा ऐसा विभाग के कर्ताधर्ताओं का भी मानना है तभी तो विभाग के बाहर उसके प्रवेश द्वार पर ही यह इबारत सार्वजनिक रूप से लिखी है।अब सवाल यही है कि क्या इस इबारत के दीवाल पर लिख देने भर से विभाग के भ्रष्टाचार को समाप्त किया जा सकता है ? यदि आप ऐसा सोचते हैं तो शायद यह आपकी भूल हो सकती है क्योंकि उक्त विभाग में भ्र्ष्टाचार को समाप्त करने के लिए सरकार जितना ही पारदर्शी नियम बना रही है भ्र्ष्टाचार में लिप्त विभाग के लोग भ्र्ष्टाचार के उतने ही रास्ते खोज निकाल रहे हैं।
सोनभद्र का एआरटीओ कार्यालय आज कल अखबार की सुर्खियों में है कभी फिटनेश के नाम पर जिम्मेदार लोगों द्वारा मानकों को ताक पर रख की जा रही वसूली को लेकर तो कभी ऑफिस में कर्मचारियों के बीच काम के बंटवारे को लेकर जिसमे कुछ बाबुओं को आवश्यकता से अधिक काम देकर जिसमे सारे मलाईदार पटल केवल कुछ बाबुओं को देने व कुछ को बिना काम के ही रखने को लेकर ए आर टी ओ कार्यालय खाशी चर्चा बटोर चुका है। जो ताजा मामला अखबारों की सुर्खियां बटोर रहा है वह है विभाग द्वारा बिना मानक या गलत या बिना वैध परिवहन प्रपत्र जिसमे या तो ओभरलोड माल लेकर या बिना वैध परिवहन प्रपत्र के सड़को पर परिवहन कर रही ट्रकों को विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा पकड़ कर विभिन्न पुलिस थानों में बंद किया गया था,ऐसी दो दर्जन से अधिक ट्रकों को एआरटीओ कार्यालय से जारी होने वाले फर्जी रिलीज ऑर्डर से विभिन्न थाना क्षेत्रों से रिलीज करा लिया गया है।
यह तो जांच में खुलासा हो चुका है कि केवल तीन थाना परिसर में से लगभग दो दर्जन ट्रकों को फर्जी रिलीज ऑर्डर के ही रिलीज कराया जा चुका है।एक चर्चा के अनुसार यदि ठीक से जांच किया जाय तो जिले भर से सैकड़ों ट्रकों को बिना परिवहन विभाग में शुल्क जमा किये ही फर्जी रिलीज ऑर्डर के सहारे रिलीज कराया जा चुका है।उक्त फर्जी रिलीज ऑर्डर के सहारे छुड़ाई गयी ट्रको की वजह से करोड़ो रूपये राजस्व का चूना लगाया जा चुका है।
अब जब उक्त फर्जी रिलीज ऑर्डर के सहारे ट्रकों के छुड़ाए जाने का खुलासा हो चुका है तो उक्त फर्जी रिलीज ऑर्डर के बाबत उप संभागीय परिवहन अधिकारी(प्रवर्तन) जो प्रभारी उप सम्भगीय परिवहन अधिकारी(प्रशासन) के चार्ज पर भी हैं कहते हैं कि जिन लोगों ने विभिन्न थानों पर बन्द ट्रकों को फर्जी रिलीज ऑर्डर के सहारे रिलीज कराने वाले वाहन स्वामियों के खिलाफ विभग मुकदमा दर्ज कराएगा। जो भी हो यह एक तथ्य है कि फर्जी रिलीज ऑर्डर के सहारे इतनी बड़ी मात्रा में विभिन्न थानों से ट्रकों को रिलीज कराकर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाया जा चुका है और विभाग के जिम्मेदार लोग सोते रहे।इससे एक बात तो साफ है कि लुटती रही रियासत और सोते रहे पहरेदार।