गुड्डी यादव की पंचशील अस्पताल में हुई मौत प्रकरण में यह साबित हो गया है कि उसके उपचार में लापरवाही बरती गई और यही आरोप मृतका के बेटे ने भी लगाया था और यही हमने लिखा भी था यह कहना है पत्रकार विजय विनीत का।आगे वह कहते हैं कि लेकिन जिस तरह पंचशील अस्पताल के संचालक ने कुछ लोगों के जरिए जब धमकी देने का काम शुरू किया तो हमने जो कहा उसे सब ने सुना ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने इस प्रकरण की जांच के लिए अधिकारियों की जो टीम गठित की थी उसने अपनी रिपोर्ट 3 तारीख को ही उन्हें सौंप दिया है और जांच टीम ने निष्कर्ष यह निकाला है की उपचार के दौरान लापरवाही बरती गई। इसका मतलब साफ है कि गुड्डी यादव पत्नी गुलाब यादव निवासी लोहर तलिया की मौत का जिम्मेदार इलाज करने वाला हॉस्पिटल व उसका मैनेजमेंट है। ऐसे में अब जिला प्रशासन व मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अस्पताल संचालक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या यानी धारा 304 और सबूत नष्ट करने की धारा 201 मामले को दबाने के लिए तमाम साजिशें करना आदि में प्राथमिकी दर्ज कर आगे की जांच करना चाहिए तथा मृतक के परिजनों को दस लाख का मुआवजा भी उक्त अस्पताल द्वारा दिया जाना चाहिए।
आगे उन्होंने कहा की लोग यह भ्रम पाल रखे हैं कि पत्रकार विजय विनीत डर जाएंगे परन्तु मैंने भी प्रण कर लिया है कि गुड्डी की मौत के जिम्मेदार लोगों को जेल की सलाखों तक पहुंचाने तक मेरी लड़ाई जारी रहेगी। सोनभद्र में पत्रकारों ने बड़ी बड़ी लड़ाइयां जीती है रन टोला मुठभेड़ कांड में 15 पुलिसकर्मी यदि जेल में हैं तो यह श्रेय पत्रकारों को भी जाता है ।अनपरा कोयला चोरी में सीबीआई का छापा पत्रकारों की देन है ।मनरेगा घोटाले में 100 से अधिक लोगों को आरोपी बनवाने में भी सोनभद्र के पत्रकारों ने अपनी भूमिका निभाई है।
कुछ बड़ी कम्पनियों द्वारा हड़पी गई जमीन का खुलासा करना पत्रकारों की देन है ,तमाम ऐसे मामले है जिसमे पत्रकारों ने गाली सहकर मुकदमा झेल कर सफलता प्राप्त की है, इस मामले में भी जिस तरह कुछ पत्रकार भाई व सामाजिक कार्यकर्ता कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं उससे हमारा हौसला बढ़ा है और मुझे उम्मीद है मैं रहूं या ना रहूं अब गुड्डी की लड़ाई इस जनपद के लोगों की लड़ाई बनेगी और इस गुड्डी की लड़ाई प्रतिवर्ष इस तरह सोनभद्र के मानक विहीन अस्पतालों में दम तोड़ने वाली तमाम गुड्डीयो की जान बचाने में मील का पत्थर होगी।