सोनभद्र।नरायनपुर से सोनभद्र के हाथीनाला तक बनी फोरलेन सड़क निर्माण करने वाली कम्पनी एसीपी टॉलवेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा लोढ़ी में बने टोल बूथ जो कि कैमूर वन्य जीव क्षेत्र में स्थित है में आवास व ऑफिस बनाये जाने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है । कैमूर वन्य जीव क्षेत्र में बने उक्त कम्पनी के आवास व ऑफिस को अधिवक्ता आशीष चौबे ने एनजीटी कोर्ट में चुनौती देते हुए इसे नियम विरुद्ध बताया है तथा पर्यावरण सरक्षण अधिनियम , वन्यजीव संरक्षण अधिनियम आदि के उलंघन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता याचिका कर्ता आशीष चौबे ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है ।
अधिवक्ता आशीष चौबे का कहना है कि जनपद सोनभद्र अपार प्राकृतिक संपदाओं वाला जिला है , प्राकृतिक संपदाओं का सरक्षण करना हर व्यक्ति का संवैधानिक कर्तव्य के साथ ही अधिकार भी है । संविधान के अनुच्छेद 51 क के खंड ( छ ) के अनुसार प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि ” प्राकृतिक पर्यावरण , जिसके अंतर्गत वन , झील , नदी और वन्य जीव हैं , की रक्षा करे और उसका संवर्धन करे तथा प्राणि मात्र के प्रति दया भाव भी रखे ” ।
अधिवक्ता आशीष चौबे द्वारा दायर याचिका पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सुनवाई करते हुए जिलाधिकारी सोनभद्र समेत नौ लोगों को नोटिस जारी कर एक महीने के अंदर जवाब मांगा है। यहाँ आपको बताते चलें कि उक्त याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 7 सितंबर 2022 को जारी अपने आदेश में एक ज्वाइंट कमेटी अतिरिक्त मुख्य सचिव वन विभाग , उत्तर प्रदेश सरकार , • प्रधान मुख्य वन संरक्षक ( HOFF ) , उत्तर प्रदेश सरकार , उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व जिलाधिकारी सोनभद्र को शिकायत कर्ता के साथ स्थलीय निरिक्षण कर वास्तविक स्थिति की रिपोर्ट मांगी थी । परंतु उक्त कमेटी निर्धारित समय में रिपोर्ट देने में विफल रही ।
कोर्ट ने 19 दिसम्बर को मामले में सुनवाई करते हुए कड़ा रुख अख्तियार किया है और जिलाधिकारी सोनभद्र , एसीपी टोलवेज प्राइवेट लिमिटेड , पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार , यूपी राज्य राजमार्ग प्राधिकरण , प्रधान मुख्य वन सरक्षक वन विभाग , जिला वन अधिकारी सोनभद्र , क्षेत्रीय वन अधिकारी कैमूर वन्यजीव , पर्यावरण मंत्रालय लखनऊ ( सेंट्रल ) को नोटिस जारी कर एक महीने के अंदर जवाब मांगा है । कोर्ट ने अब इस मामले की अगली सुनवाई 6 फरवरी 2023 को निर्धारित की है।