करमा /सोनभद्र।(जितेंद्र कुमार शुक्ल)
अप्रैल माह में ही गर्मी अपने शबाब पर है और गर्मी के इस तड़पते माह में बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों का खेल भी शुरू हो गया है। जी बात की जा रही है उपकेंद्र पसही फिटर से सप्लाई की जा रही बिजली के बारे में। यहां से सप्लाई की जाने वाली एरिया में बिजली की कटौती चरम सीमा पर चल रही है। शायद अधिकारी भी लोगों को गर्मी के इस मौसम से परिचित करवाना चाहते हैं। बिजली कटौती की दशा यह हो गई है कि लोग मेहमान की तरह बिजली का इंतजार करते हुए अपना समय काट रहे हैं। जब देखो तब केवल जनता और बिजली के साथ रोस्टिंग का खेल खेला जा रहा है।
गरमी का हाल देखे तो पिछले सालों की अपेक्षा इस वर्ष अप्रैल माह में ही मई जून की तरह गर्मी पड़ने से आम जन का हाल बेहाल है उस पर बेहिसाब बिजली कटौती और उसपर सरकार का दावा कि विजली आपूर्ति वाधित न की जाय। सरकार का आदेश ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली सप्लाई का आदेश है। परन्तु यहां तो अधिकारी और कर्मचारी लोग खुद अपना ही आदेश चला रहे है। रात के 12 बजे से देखे तो पता चलेगा की जितनी बिजली सप्लाई का आदेश नही आता उससे कही ज्यादा रोस्टिंग का आदेश पड़ा रहता है। अब यह खेल जिले के अधिकारी खेल रहे है या खुद उत्तर प्रदेश सरकार किसी को कुछ पता नहीं है ।
अगर यही हाल चलता रहा तो लोग गर्मी कैसे बिताएंगे इससे अधिकारियों को कोई लेना देना नहीं है। बस वह लोग कटौती के खेल में ही मगन है। सुबह से ही बिजली विभाग के लोग फाल्ट आदि ढूंढ कर कहते हैं कि अब सब ठीक रहेगा पर शाम होते ही फिर से वहीं आदेश कि रोस्टिंग है।अब तो पानी भी हर गांव में बिजली के सहारे ही है कारण कि गांवों में अब हैंड पंप पानी उगलना बन्द कर दिए हैं लेकिन इससे बिजली विभाग के लोगों को कोई लेना देना नही रह गया है। बस राम भरोसे चल रहे पसही फिटर और उससे सप्लाई वाले गांव,देखना होगा कब व्यवस्था में परिवर्तन की बयार बहती है।