Thursday, March 28, 2024
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योगी सरकार के बजट में रोजगार , महिला सुरक्षा , स्वास्थ्य और किसानों पर ज़ोर

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यूपी में योगी 2.0 सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट गुरुवार को विधानसभा भवन में पेश किया. वर्ष 2022-23 के लिए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट प्रस्तुत किया.

लखनऊ : यूपी में योगी 2.0 सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट गुरुवार को विधानसभा भवन में पेश किया. वर्ष 2022-23 के लिए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट प्रस्तुत किया.

योगी सरकार ने डिजिटल को बढ़ावा देते हुए 6.10 लाख करोड़ रुपये का पेपरलेस बजट पेश किया. इस बजट में महिलाओं और किसानों पर फोकस ज्यादा रहा. वहीं लोगों को रोजगार देने के लिए भी लक्ष्य तय किया गया. योगी आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल का अंतिम बजट 5,50,270.78 करोड़ रुपये था.

बजट की खास बातें :
सदन में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि हमारी सरकार के पिछले कार्यकाल के पहले वर्ष में प्रदेश के 86 लाख लघु और सीमान्त किसानों के फसली ऋण का समाधान किया गया. गन्ना मूल्य भुगतान में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है. हमारी सरकार द्वारा पेराई सत्र 2017-2018 से 2021-2022 तक के सापेक्ष 16 मई 2022 तक 1 लाख 72 हजार 745 करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया, जो एक कीर्तिमान है. इसमें पूर्व वर्षों की 10 हजार 662 करोड़ रुपये की धनराशि भी शामिल है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से 250 करोड़ किसानों को 6000 रुपये वार्षिक आर्थिक सहायता दिलाकर उत्तर प्रदेश में प्रथम स्थान पर है.

इन्वेस्टर्स समिट : वित्त मंत्री ने कहा कि हमने इन्वेस्टर्स समिट 2018 का आयोजन कराया, जिसमें प्राप्त 4.68 लाख करोड़ रुपये तक के निवेश प्रस्तावों में से लगभग 3 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों का कार्यान्वयन विभिन्न चरणों में है. इन निवेशों से 5 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं. आगामी 3 जून को इन्वेस्टर्स समिट की तीसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में 75 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारा जाएगा.

एक्सप्रेस-वे का निर्माण : कोविड कालखंड में औद्योगिक निवेश की गति को बनाए रखने के लिए विशेष हेल्प डेस्क को संचालित किया गया. राज्य सरकार एक्सप्रेस-वे, जलमार्ग, हवाई अड्डों और अन्य मल्टी मॉडल परियोजनाओं के माध्यम से विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे तथा निर्बाध कनेक्टिविटी के विकास को सुनिश्चित करते हुए त्वरित अवस्थापना विकास को बढ़ावा दे रही है. उत्तर प्रदेश 5 एक्सप्रेस-वे वाला देश का पहला प्रदेश बन गया है. लखनऊ से गाजीपुर तक 340.824 किलोमीटर लंबे 6 लेन के प्रवेश नियंत्रित पूर्वाचल एक्सप्रेसवे का संचालन नवंबर 2021 से शुरू हो चुका है. इसके अलावा बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे का 90 प्रतिशत से अधिक कार्य पूर्ण हो चुका है. इसे शीघ्र जनसामान्य के लिए खोला जाएगा.

गोरखपुर को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़े जाने के लिए निर्माणाधीन गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य 40 प्रतिशत से अधिक पूर्ण कर लिया गया है. बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे के साथ डिफेन्स कॉरिडोर परियोजनान्तर्गत 8640 करोड़ रूपये के 62 हस्ताक्षर किये हैं. लोक कल्याण संकल्प पत्र 2022 की भावना के अनुसार राज्य सरकार द्वारा राज्य के सभी ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवेज के किनारे इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित करने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए प्रथम चरण में 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लम्बी 06 लेन गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना हेतु भूमि क्रय का कार्य लगभग पूर्ण हो गया है तथा निर्माण कार्य प्रक्रियाधीन है. इसके लिये 695 करोड़ 34 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. इस एक्सप्रेसवे में शाहजहांपुर में एक्सप्रेसवे पर वायुसेना के विमानों की आपातकालीन लैंडिंग के लिए हवाई पट्टी भी प्रस्तावित है.

अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण : लखनऊ एवं वाराणसी में वर्तमान अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों तथा कुशीनगर में नवीन अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के साथ ही जेवर में नोएडा ग्रीन फील्ड अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के साथ उत्तर प्रदेश शीघ्र ही 5 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला देश का पहला प्रदेश बन जाएगा.

औद्योगिक परियोजनाओं को मिली गति : विभिन्न औद्योगिक परियोजनाओं जैसे मेडिकल डिवाइस पार्क, बल्क ड्रग पार्क, धनवन्तरि हेल्थ पार्क, अमृतसर-कोलकता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, आईआईटी, जीएनएल, ग्रेटर नोएडा, फिल्म सिटी की स्थापना, मेगा फूड पार्क, ट्रांस गंगा सिटी प्लास्टिक सिटी, गारमेन्ट पार्क, लॉजिस्टिक्स हब, अप्रैरेल पार्क, टॉय पार्क, हस्तशिल्प पार्क, फ्लैटेड फैक्टरियां आदि के संबंध में तेज गति से कार्रवाई जारी है.

ODOP को मिली पहचान : प्रदेश के सभी जनपदों के उत्पादों एवं पारम्परिक शिल्पों के समग्र विकास के लिए संचालित ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ के प्रभावी क्रियान्वयन से प्रदेश से होने वाला निर्यात 88 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 1.56 लाख करोड़ रुपये हो गया है. यह हर्ष का विषय है कि उत्तर प्रदेश एक उत्कृष्ट निवेश डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है. इस दिशा में राज्य सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में अभूतपूर्व प्रगति करते हुए देश में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है.

मुफ्त बिजली कनेक्शन : सौभाग्य योजना के अन्तर्गत 1 करोड़ 41 लाख मुफ्त विद्युत कनेक्शन दिए गए. एंटी भू-माफिया अभियान के अन्तर्गत 64 हजार 399 हेक्टेयर भूमि अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई. 2471 अतिक्रमणकर्ताओं को भू-माफिया के रूप में चिह्नित किया गया. वर्तमान में 186 भू-माफिया जेल में निरुद्ध हैं. 4274 अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की गयी है.

सेफ सिटी योजना प्लान : सेफ सिटी योजना के अन्तर्गत महिलाओं की सुरक्षा के लिए लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर आगरा, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज में योजना लागू करने के लिए 523 करोड़ 34 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

पीएम किसान सम्मान निधि : प्रदेश में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना माह दिसंबर 2018 से संचालित है. योजना के अन्तर्गत 2.55 करोड़ कृषकों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्मय से 42 हजार 565 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं.

किसान दुर्घटना बीमा योजना : मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना दिनांक 14 सितंबर 2019 से लागू की गई है. इस योजना के अन्तर्गत कृषक की परिभाषा का विस्तार करते हुए खतौनी में दर्ज खातेदार/ सहखातेदार के साथ-साथ उनके परिवार के ऐसे सदस्य जिनकी आजीविका का मुख्य स्रोत खातेदार/ सहखातेदार के नाम दर्ज भूमि से होने वाली कृषि आय है. इसके अलावा ऐसे भूमिहीन व्यक्ति जो पट्टे से प्राप्त भूमि पर अथवा बटाई पर कृषि कार्य करते हैं, उन्हें भी सम्मिलित किया गया है. इस योजना के अन्तर्गत दुर्घटनावश मृत्यु / दिव्यांगता की दशा में अधिकतम 5 लाख रूपये दिए जाने का प्रावधान है.

किसानों के उत्थान के लिए बिद्युत के स्थान पर वैकल्पिक ऊर्जा की व्यवस्था : वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट में इस योजना के लिए 650 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. कृषकों को सिंचाई के लिए डीजल, विद्युत के स्थान पर वैकल्पिक ऊर्जा प्रबंधन के अन्तर्गत प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना के अन्तर्गत कृषकों के प्रक्षेत्रों पर सोलर पम्पों की स्थापना करायी जा रही है. वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 15,000 सोलर पंपो की स्थापना कराई जाएगी.

कृषि उत्पादन में गुणवत्तायुक्त बीजों का सर्वाधिक महत्व है. इसलिए वर्ष 2021-2022 में 60.10 लाख कुन्टल बीजों का वितरण किया गया है. वर्ष 2022-2023 में 60.20 लाख क्विंटल बीजों का वितरण किया जाना प्रस्तावित है. प्रदेश सरकार द्वारा कृषकों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जा रही है. वर्ष 2021 2022 में 99.80 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का वितरण किया गया है. वर्ष 2022-2023 में 119.30 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य है.

किसानों के लिए मुफ्त सिंचाई की व्यवस्था : प्रदेश में 34,307 राजकीय नलकूपों तथा 252 लघु डाल नहरों द्वारा कृषकों को मुफ्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है. मुख्य मंत्री लघु सिंचाई योजना हेतु 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना : खरीफ विपणन वर्ष 2021-2022 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा धान कामन का समर्थन मूल्य 1940 रुपये प्रति क्विंटल एवं धान ग्रेड-ए का समर्थन मूल्य 1960 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया. खरीफ वर्ष 2021-2022 में 4656 स्थापित क्रय केन्द्रों के माध्यम से 11 लाख से अधिक किसानों से 65 लाख 53 हजार मीट्रिक टन धान खरीद की गई. इसके सापेक्ष किसानों के खातों में ई-पेमेन्ट के माध्यम से 12 हजार 485 करोड़ रुपये का सीधे भुगतान किया जा चुका है.

रबी विपणन वर्ष 2022-2023 में भारत सरकार द्वारा गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया. प्रदेश में गेहूं क्रय अवधि की तारीख 1 अप्रैल 2022 से 15 जून 2022 तक निर्धारित है. किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ दिलाने हेतु प्रदेश में 5608 क्रय केन्द्र स्थापित कर दिनाँक 25 अप्रैल, 2022 तक लगभग 94 हजार मीट्रिक टन गेहूं का क्रय किया गया.

वर्ष 2020-21 में रूपये 7 हजार पचासी करोड़ 59 लाख का अल्पकालिक ऋण प्रदेश के किसानों को वितरित किया जा चुका है, जिससे 17.99 लाख किसान लाभान्वित हुए. वर्ष 2021-2022 में लगभग रुपये 7 हजार 539 करोड़ 81 लाख ऋण का वितरण किया जा चुका है, जिससे 18.61 लाख किसान लाभान्वित हुए.

महिला हेल्प डेस्क की स्थापना : बजट 2022-23 में महिला उत्थान की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा सुदृढ़ बनाये रखने के उद्देश्य से प्रदेश के सभी जनपदों के समस्त 1535 थानों पर महिला बीट आरक्षी नामित करते हुए “महिला हेल्प डेस्क” की स्थापना की गई. ससम्मान उनकी शिकायतों का निराकरण कराया जा रहा है. इससे महिलाओं में सुरक्षा की भावना जागृत हुई है, उनकी शिकायतों पर प्रभावी कार्रवाई तत्काल की जा रही है.

प्रदेश के जनपदों में 2,740 महिला पुलिस कार्मिकों को 10,370 महिला बीटों का आवंटन किया गया. महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी के लिए 3 महिला पीएसी बटालियन लखनऊ, गोरखपुर तथा बदायूं का गठन किया जा रहा है. अगस्त 2020 में गठित “महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन” का क्रियान्वयन/पर्यवेक्षण अपर पुलिस महानिदेशक, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन उत्तर प्रदेश द्वारा किया जा रहा है.

प्रदेश के समस्त जनपदों में जनपद स्तर पर साइबर हेल्प डेस्क स्थापना की जा रही है. महिला सामर्थ्य योजना के लिए 72 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है. बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओं के आह्वान में यूपीएसईई 2018 की 100 टॉपर छात्राओं को लैपटॉप एवं 100 टॉपर एससी/एसटी छात्राओं को लैपटॉप प्रदान किया गया.

सूक्ष्म एवं लघु उद्योग क्षेत्र में मिशन शक्ति कार्यक्रम के अन्तर्गत महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तिकरण तथा कौशल विकास के लिए 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को बेहतर कार्य प्रदर्शन के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से सितम्बर 2021 से 1500 रुपये प्रतिमाह की दर से प्रोत्साहन राशि प्रदान की रही है.

बजट 2022-23 में बाल कल्याण के क्षेत्र के लिए किए गए वित्तीय प्रावधान के बारे में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि हाल के वर्षों में उत्तर प्रदेश सरकार ने बच्चों के मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया है. इसके परिणामस्वरूप पिछले कुछ वर्षों में शिशु मृत्यु दर में गिरावट आई है. दस्तक कार्यक्रम इस सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है जिसके परिणामस्वरूप एईएस/जेई से प्रभावित सभी क्षेत्रों में बच्चों की मृत्यु में बड़ी कमी आई है. सिक एण्ड न्यूबॉर्न करते हुए सरकार अधिक बच्चों की केयर यूनिट्स के विस्तार पर ध्यान केन्द्रित ने पिछले पांच वर्षों में प्रति वर्ष एक लाख से मृत्यु को रोका है.

सरकार कुपोषण के मुद्दों को दूर करने पर भी ध्यान केन्द्रित कर रही है और 203 ब्लॉक स्तरीय केन्द्रों को बढ़ावा देकर कुपोषण पुनर्वास केन्द्रों को जिलों से ब्लॉक तक ले जाने के लिए बजटीय प्रावधान किया जा रहे है. कोविड-19 संक्रमण के कारण अनाथ/प्रभावित हुये बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्था के लिए जून 2021 से उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का संचालन किया जा रहा है. योजनान्तर्गत पात्र बच्चों को 4000 रुपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है.

नया सवेरा कार्यक्रम का उद्देश्य हमारे समाज से बाल श्रम को पूरी तरह समाप्त करना है. जरूरतमंद परिवारों को नकद हस्तांतरण किया जा रहा है. ताकि परिवार उन बच्चों की शिक्षा जारी रख सकें जिनके बाल श्रम में शामिल होने का खतरा है. कार्यक्रम के अत्यन्त उत्साहजनक परिणाम आए और कई ग्राम पंचायतों को बाल श्रम मुक्त घोषित किया जा रहा है.

ऑपरेशन विद्यालय कायाकल्प कार्यक्रम का उल्लेख भी महत्वपूर्ण है, जिसके माध्यम से सरकारी स्कूलों में बुनियादी ढांचे को रूपान्तरित किया गया है। जिसके परिणामस्वरूप पिछले कुछ वर्षों में सरकारी स्कूलों में बच्चों के नामांकन में वृद्धि हुई है, जिसने वर्षों की गिरावट के रूझानों को उलट दिया.

बजट 2022-23 में युवाओं के लिए खास प्रावधान के बारे में बजट भाषण पढ़ते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के उद्देश्य से 25 दिसम्बर 2021 से निशुल्क टैबलेट/स्मार्टफोन वितरण योजना प्रारम्भ की गयी है. इस योजना के अन्तर्गत अब तक लगभग 12 लाख टैबलेट/स्मार्ट फोन वितरण के लिए जनपदों को उपलब्ध कराए जा चुके हैं.

लोक कल्याण संकल्प पत्र 2022 में आगामी 5 वर्षों में 2 करोड़ स्मार्ट फोन/टैबलेट वितरित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-2023 के लिए 1500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. युवाओं के बीच विभिन्न क्षेत्रों में उद्यमशीलता एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए नयी उप्र स्टार्टअप नीति 2020 के अन्तर्गत 5 वर्ष में प्रत्येक जनपद में कम से कम से एक तथा कुल 100 इन्क्यूबेटर्स एवं 10,000 स्टार्टअप्स की स्थापना का लक्ष्य है, जिसके सापेक्ष अब तक 47 इन्क्यूबेटर्स कार्यरत हैं तथा 5600 से अधिक स्टार्टअप्स पंजीकृत हो चुके हैं.

प्रतियोगी छात्रों के लिए कोचिंग की व्यवस्था : प्रतियोगी छात्रों को अपने घर के समीप ही कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के उददेश्य से राज्य सरकार द्वारा सभी मण्डल मुख्यालयों में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का संचालन किया गया है. योजना का विस्तार प्रदेश के सभी जनपदों में किया जा रहा है योजना हेतु 30 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. युवा अधिवक्ताओं को कार्य के शुरूआती 03 वर्षों के लिए किताब एवं पत्रिका क्रय करने हेतु आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने के लिये 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. अन्तर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में उत्तर प्रदेश के मूल निवासी पदक विजेता खिलाड़ियों की सीधी भर्ती के माध्यम से राजपत्रित पदों पर नियुक्ति की व्यवस्था की गई है.

खिलाड़ियों के उत्थान के लिए योजना : जनपद वाराणसी में अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की स्थापना के लिये भूमि क्रय हेतु 95 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. खेल के विकास एवं उत्कृष्ट कोटि के खिलाड़ी तैयार करने के लिए जनपद मेरठ में मेजर ध्यानचन्द खेल विश्वविद्यालय का शिलान्यास 2 जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री जी द्वारा किया गया जिस पर 700 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय होगी. विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. भारत सरकार की खेलो इण्डिया एक जनपद- एक खेल योजनान्तर्गत प्रदेश के 75 जनपदों में खेलों इण्डिया सेन्टर्स की स्थापना प्रस्तावित है. खेल अवस्थापनाओं एवं अन्य सुविधाओं को उपलब्ध कराते हुये वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रदेश में 36 अवस्थापनाओं का निर्माण किया जा रहा है तथा 6 अत्याधुनिक जिम विभिन्न जनपदों में स्थापित किये गये हैं.

रोजगार का सृजन :

बजट 2022-23 में रोजगार के अवसर सृजित करने के बारे में बजट भाषण पढ़ते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि प्रदेश में निजी निवेश के माध्यम से 01 करोड़ 81 लाख युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराया गया. 60 लाख से अधिक युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया. निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से विगत 05 वर्षों में युवाओं को 4.50 लाख सरकारी नौकरियों में लिया गया. उन्होंने कहा गया कि जून 2016 में प्रदेश में बेरोजगारी की दर 18 प्रतिशत थी, वहीं अप्रैल 2022 में यह घटकर 2.9 प्रतिशत रह गई है.

उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा विगत 5 वर्षों में 9.25 लाख से अधिक युवाओं को विभिन्न प्रकार के अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में प्रशिक्षित करते हुए प्रमाणीकृत किया गया. जिनमें 4.22 लाख युवाओं को विभिन्न प्रतिष्ठित कम्पनियों में सेवायोजित कराया गया है. सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स उद्योग नीति के अन्तर्गत 05 वर्षों में 40,000 करोड़ रूपये के निवेश और 04 लाख व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

मनरेगा योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 26 करोड़ मानव दिवस का सृजन किया गया, जिसके सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2022-23 में मनरेगा योजना के अंतर्गत 32 करोड़ मानव दिवस सृजन किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. प्रदेश सरकार द्वारा अधिकाधिक सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमों की स्थापना के प्रोत्साह के वातावरण का सृजन किया गया है. जिसके फलस्वरूप वित्तीय वर्ष 2021-22 में लगभग 3 लाख 97 हजार 028 उद्यम पंजीकृत हुए. जिसमें 27 लाख 84 हजार 117 रोजगार का सृजन हुआ.

प्रदेश की 54,876 ग्राम पंचायतों में स्थापित ग्राम सचिवालयों के सुचारू संचालन हेतु 56,436 पंचायत सहायक/लेखाकार सह डाटा एंट्री ऑपरेटर्स का चयन कर उन्हें प्रशिक्षण प्रदान किया गया है. मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 5000 इकाईयों को स्थापित कराया गया तथा 4187 लाभार्थियों को लाभ मिला. मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के अन्तर्गत वर्ष 2022-2023 में 800 इकाइयों की स्थापना कराकर 16000 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराए जाने का लक्ष्य है. माध्यमिक शिक्षा में शिक्षक चयन में साक्षात्कार समाप्त कर 40,402 शिक्षकों का चयन एवं 7540 पदों का सृजन किया गया है. चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में रोजगार सृजन की अपार सम्भावनाएं है । लगभग 3000 नर्सों को राजकीय मेडिकल कॉलेजों/अस्पतालों में नियुक्ति दी गयी तथा लगभग 10,000 सृजित किये गये हैं जो आगामी वर्षों में भरे जाएंगे.

सामाजिक सुरक्षा :
बजट 2022-23 में सामाजिक सुरक्षा के संकल्प के बारे में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन योजनान्तर्गत प्रत्येक लाभार्थी की पेंशन की राशि को बढ़ाकर 1000 रुपये प्रतिमाह की दर से लगभग 56 लाख वृद्धजन को पेंशन प्रदान की जा रही है. इस योजना के लिए 7053 करोड़ 56 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. निराश्रित महिला पेंशन योजनान्तर्गत पात्र लाभार्थियों को देय पेंशन की धनराशि 500 रूपये प्रतिमाह को बढ़ाकर 1000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है. वित्तीय वर्ष 2021-2022 में इस 12 योजना के अन्तर्गत 31 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया.

वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट में इस योजना हेतु 4032 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना हेतु 600 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान की धनराशि जो वर्ष 2017 के पूर्व मात्र 300 रूपये प्रतिमाह प्रति व्यक्ति थी, को बढ़ाकर 1000 रूपये प्रतिमाह कर दिया गया है. प्रदेश के 11 लाख से अधिक दिव्यांगजन इससे लाभान्वित हो रहे हैं.

वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट में योजना हेतु 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. कुष्ठावस्था विकलांग भरण-पोषण योजना के अन्तर्गत 3000 रूपये प्रति माह की दर से 34 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. मैनुअल स्कॅवेन्जर मृत्यु क्षतिपूर्ति योजना हेतु 01 करोड़ 50 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. बुजुर्ग पुजारियों, सन्तों एवं पुरोहितों के समग्र कल्याण की योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु बोर्ड के गठन हेतु 01 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

श्रमिक एवं स्ट्रीट वेंडरों के लिए योजना :
पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों एवं अनाथ बच्चों को कक्षा 6 से 12 तक गुणवत्तापूर्ण निशुल्क आवासीय शिक्षा प्रदान किए जाने हेतु प्रदेश के 18 मण्डलों में प्रत्येक मण्डल में 01-01 अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना करायी जा रही है. इस हेतु 300 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. कामगारों/श्रमिकों को सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा तथा उनके सर्वांगीण विकास के उद्देश्य को सुनियोजित ढंग से प्राप्त किये जाने हेतु “उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन और रोजगार) आयोग” का गठन किया गया है.

शहरी स्ट्रीट वेंडर्स को आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेण्डर्स आत्मनिर्भर निधि योजना के अन्तर्गत 08 लाख 45 हजार से अधिक स्ट्रीट वेण्डर्स को ऋण वितरित कर उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है. प्रदेश के 10 शहरों में 19 मॉडल स्ट्रीट वेण्डिंग जोन्स का विकास किया जा रहा है. शहरी बेघरों के लिये आश्रय योजना के अन्तर्गत 130 शेल्टर होम क्रियाशील किए जा चुके हैं.

स्वास्थ्य सेक्टर के लिए बजट :
बजट 2022-23 में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेक्टर में वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश को “आत्मनिर्भर भारत” का मंत्र दिया है. इसका परम उद्देश्य भारत देश को हर क्षेत्र में चाहे वह मैन्यूफैक्चरिंग हो, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स हो उद्योग-धन्धे हों, शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो या कृषि हो, आत्मनिर्भर बनाना है. सरकार ने उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर प्रदेश के रूप में विकसित किए जाने का विजन दिया. हम इस दिशा में दृढ़ इच्छाशक्ति और ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहे हैं.

वित्त मंत्री ने कही ये खास बातें :

वित्त मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भरता एक स्वस्थ विकसित और सशक्त समाज का प्रधान लक्षण है. उन्होंने शेर पढ़ा कि “गैर के परों से उड़ सकते हैं हद से हद दीवारों तक, अम्बर तक तो वहीं उड़ेंगे जिनके अपने पर होंगे.”

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति को बेहतर चिकित्सा सुविधा सुलभ कराने की दिशा में हमारी सरकार द्वारा निरन्तर कार्य किया जा रहा है.

विभिन्न वायरस जनित संक्रामक रोगों पर नियंत्रण एवं उपचार की क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि रिकार्ड समय में की गई.

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के लिए 10,547 करोड़ 42 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना हेतु 620 करोड़ रूपये व्यवस्था प्रस्तावित है.

आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत 2,949 चिकित्सालयों को आबद्ध किया गया है.

प्रदेश के 1.78 करोड़ लाभार्थी परिवारों को लाभ दिये जाने का लक्ष्य निर्धारित है, अब तक 1.84 करोड़ व्यक्तियों को आयुष्मान कार्ड वितरित किए जा चुके हैं.
योजना के लिए 560 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना हेतु 250 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना हेतु 320 करोड़ 07 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

पन्द्रहवें वित्त आयोग की संस्तुतियों के अधीन विभिन्न योजनाओं हेतु 2908 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

राज्य कर्मचारियों तथा पेंशनरों की असाध्य बीमारी के उपचार हेतु राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के लिए 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

प्रदेश में 9 से 14 वर्ष तक की एक लाख बालिकाओं को एचपीवी वैक्सीन की दोनों खुराक से कवर किए जाने के लिए 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

आशा कार्यकर्ता एवं शहरी आशा संगिनियों को राज्य सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति की धनराशि में की गई. वृद्धि के दृष्टिगत 300 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है.

राज्य औषधि नियंत्रण प्रणाली के सुदृढीकरण हेतु खाद्य औषधि प्रयोगशालाओं एवं मण्डलीय कार्यालयों के निर्माण के लिए 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

प्रदेश के सीमावर्ती व अन्य क्षेत्रों में सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सालयों की स्थापना हेतु 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

बजट में 81 हजार 177 करोड़ रुपये का राजकोषीय घाटा अनुमानित जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 3.96 फीसदी है। बजट में आबकारी शुल्क से राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य 49152 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है.

औद्योगिक विकास : वित्त मंत्री ने कहा कि अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास राज्य सरकार ने आगामी 10 वर्षों में 10 लाख करोड़ रूपये के अभूतपूर्व स्तर पर निवेश आकर्षित करने की योजना बनाई है. फास्ट ट्रैक प्रोजेक्ट प्लानिंग के लिए पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टरप्लान तथा संभावित बिजनेस पार्टनर्स के लिए उच्च गणवत्ता की औद्योगिक अवस्थापना सुविधाएं के विकास के लिए ‘अटल इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्टचर मिशन का कार्यान्वयन किया जायेगा. इसके प्रधम चरण के लिए 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना के अन्तर्गत मल्टी मोडल कनेक्टिविटी परियोजनाओं हेतु 897 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

डिजिटाईजेशन का विकास : आप्टिकल फाईबर केबल नेटवर्क पर पूंजीगत परियोजनाओं के लिए 300 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. प्रदेश में डिजिटाईजेशन को बढ़ावा देने वाली पूंजीगत परियोजनाओं के लिए 200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. राज्य सरकार के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र की बंद पड़ी वस्त्र उद्योग इकाईयों के विनिवेश से प्राप्त होने वाली धनराशि से पूंजीगत परियोजनाओं के निर्माण की कार्ययोजना बनाई गयी है.

जानिए युवाओं के लिए क्या है खास

  • बजट 2022-23 में रोजगार के अवसर सृजित करने के बारे में बजट भाषण पढ़ते हुए कहा कि प्रदेश में निजी निवेश के माध्यम से 1 करोड़ 81 लाख युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराया गया.
  • 60 लाख से अधिक युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया. निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से विगत 5 वर्षों में युवाओं को 4.50 लाख सरकारी नौकरियों में लिया गया.
  • यह बताते हुए हर्ष है कि जहां जून 2016 में प्रदेश में बेरोजगारी की दर 18 प्रतिशत थी, वहीं अप्रैल 2022 में यह घटकर 2.9 प्रतिशत रह गयी है.
  • उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा विगत 5 वर्षों में 9.25 लाख से अधिक युवाओं को विभिन्न प्रकार के अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में प्रशिक्षित करते हुए प्रमाणीकृत किया गया. इनमें 4.22 लाख युवाओं को विभिन्न प्रतिष्ठित कम्पनियों में सेवायोजित कराया गया है.
  • सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स उद्योग नीति के अन्तर्गत 5 वर्षों में 40,000 करोड़ रुपये के निवेश और 4 लाख व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
  • मनरेगा योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 26 करोड़ मानव दिवस का सृजन किया गया, जिसके सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2022-23 में मनरेगा योजनान्तर्गत 32 करोड़ मानव दिवस सृजन किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
  • प्रदेश सरकार द्वारा अधिकाधिक सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमों की स्थापना के लिए प्रोत्साहनात्मक वातावरण का सृजन किया गया है, जिसके फलस्वरूप वित्तीय वर्ष 2021-22 में लगभग 3 लाख 97 हजार. 28 उद्यम पंजीकृत हुए, जिसमें 27 लाख 84 हजार 117 रोजगार का सृजन हुआ.
  • प्रदेश की 54,876 ग्राम पंचायतों में स्थापित ग्राम सचिवालयों के सुचारू संचालन के लिए 56,436 पंचायत सहायक/लेखाकार सह डाटा एंट्री ऑपरेटर्स का चयन कर उन्हें प्रशिक्षण प्रदान किया गया है.
  • मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 5000 इकाइयों को स्थापित कराया गया और 4187 लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया.
  • मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के अन्तर्गत वर्ष 2022-2023 में 800 इकाइयों की स्थापना कराकर 16000 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य है.
  • माध्यमिक शिक्षा में शिक्षक चयन में साक्षात्कार समाप्त कर 40,402 शिक्षकों का चयन और 7540 पदों का सृजन किया गया है.
  • चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में रोजगार सृजन की अपार सम्भावनाएं हैं. लगभग 3000 नर्सों को राजकीय मेडिकल कॉलेजों/अस्पतालों में नियुक्ति दी गई तथा लगभग 10,000 सृजित किए गए हैं, जो आगामी वर्षों में भरे जाएंगे.

बजट भाषण में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कही ये खास बातें :

  • विधानसभा सदन में बजट भाषण करते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि विधान सभा सामान्य निर्वाचन-2022 के अन्तर्गत प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव निर्विघ्न एवं निर्विवाद रूप से सकुशल सम्पन्न हुए.
  • चुनाव के दौरान पुलिस द्वारा सोशल मीडिया, डिजिटल वालंटियर एवं अन्य माध्यमों से प्रदेश में छोटी से छोटी सूचना का त्वरित गति से संज्ञान लेकर उन पर तत्परता पूर्वक कार्रवाई की गई. इसके परिणामस्वरूप कोई अफवाह वृहद रूप ले उससे पूर्व ही उस पर सकारात्मक निरोधात्मक कार्रवाई की गई, जिससे निर्वाचन के दौरान कोई भी वृहद घटना नहीं घटित हुई. प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी इसकी सराहना की गई.
  • आतंकवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए एटीएस सेन्टर देवबन्द का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिसे शीघ्र पूर्ण किया जाएगा और मेरठ, बहराइच, कानपुर, आजमगढ़ व रामपुर में एटीएस सेंटर का निर्माण कराया जाएगा.
  • उच्च न्यायालय इलाहाबाद/लखनऊ खण्डपीठ एवं जिला न्यायालयों, राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित किसी अन्य न्यायालय, मेट्रो रेल, धार्मिक स्थलों (अयोध्या, काशी, मथुरा), ऐतिहासिक स्थल ताजमहल, हवाई अड्डों, बैंकों, अन्य वित्तीय संस्थानों, औद्योगिक उपक्रमों, सामरिक एवं महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों आदि की उत्तम संरक्षा तथा सुरक्षा के लिए उप्र विशेष सुरक्षा बल का गठन किया गया है, जिसके लिए 276 करोड़ 66 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
  • पुलिस इमरजेंसी प्रबन्ध प्रणाली के अन्तर्गत यूपी 112 योजना के द्वितीय चरण को वित्तीय वर्ष 2022-2023 में प्रारम्भ किया जाना है. इसके सुदृढीकरण के लिए 730 करोड़ 88 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
  • सेफ सिटी योजना के अन्तर्गत महिलाओं की सुरक्षा के लिए लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज में योजना लागू किए जाने के लिए 523 करोड़ 34 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
  • जनपदीय थानों के लिए सुरक्षा उपकरणों एवं अस्त्र-शस्त्र के लिए 250 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है.
  • विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं की स्थापना और उप्र फोरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट लखनऊ का निर्माण कराया जा रहा है.
  • पुलिस के आवासीय भवनों के लिए 800 करोड़ रुपये, अनावासीय भवनों के लिए 800 करोड़ रुपये, नवसृजित जनपदों में पुलिस के आवासीय/अनावासीय भवनों के लिए 300 करोड़ रुपये तथा नवसृजित जनपदों में पुलिस लाइन के निर्माण के लिए भूमि क्रय को 65 करोड़ 70 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
  • हम जानते हैं कि वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री ने भारत देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित करने का लक्ष्य घोषित किया. उत्तर प्रदेश देश का सबसे अधिक मानव संपदा वाला प्रदेश है. अतः देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा.
  • इसी दृष्टि से प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित करने का लक्ष्य लेकर हमारी सरकार कार्य कर रही है.
  • कोविड-19 महामारी से वित्तीय वर्ष 2020-2021 और 2021 2022 में विश्व व्यापी आर्थिक मंदी रही, जिसका प्रभाव प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा.
  • अब प्रदेश उस दौर से निकल चुका है. प्रदेश की अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है. हमारा विश्वास है कि हम प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने में सफल होंगे.
  • दूसरी शायरी “मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है. पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों में उड़ान होती है.”

● प्रदेश स्तर पर अन्तर्जनपदीय राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी संचालित किए जाने के उपरान्त भारत सरकार की “वन नेशन वन राशन कार्ड योजना ” के अन्तर्गत प्रदेश में राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी की सुविधा मई 2020 से लागू है, जिसके अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के कार्ड धारक अन्य राज्यों की किसी भी उचित दर की दुकान से अपना खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं.

● मई 2020 से मार्च 2022 तक अन्य राज्यों के 37.971 राशन कार्डधारकों द्वारा उत्तर प्रदेश से तथा उत्तर प्रदेश के 8,99,798 कार्डचारकों द्वारा अन्य राज्यों से अपना खाद्यान्न प्राप्त किया गया है.

● राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत आच्छादित 3.58 करोड़ अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को निशुल्क खाद्यान्न के साथ-साथ आयोडाइज्ड नमक, साबुन, चना एवं खादय तेल दिसम्बर 2021 से मार्च 2022 तक निशुल्क वितरित कराया गया. जिस पर लगभग 4801 करोड़ रुपये का व्यय हुआ. इस योजना से प्रदेश के लगभग 15 करोड़ लोग लाभान्वित हुए.

● यह देश का विशालतम खाद्यान्न वितरण कार्यक्रम है, जिसका विस्तारअप्रैल 2022 से जून 2022 तक कर दिया गया है.

● प्रदेश के 15 करोड़ निर्धन व्यक्तियों को मुफ्त अनाज और 3 करोड़ मजदूरों को मार्च 2022 तक 500 रुपये प्रतिमाह का भत्ता और 98 लाख नागरिकों को 1000 रुपये प्रतिमाह का मत्ता दिया गया.

● प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश की 167 करोड़ महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन देने वाला देश का पहला प्रदेश बना.

● पिछले 5 वर्षों में प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में 42 लाख 50 हजार आवास स्वीकृत किए गए हैं.

● स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत 2 करोड़ 61 लाख शौचालयों का निर्माण कराकर उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है.

● सौभाग्य योजना के अन्तर्गत 01 करोड़ 41 लाख मुफ्त विद्युत कनेक्शन दिये गए. एण्टी भू- माफिया अभियान के अन्तर्गत 64 हजार 399 हेक्टेयर भूमि अवैध कब्जे से मुक्त करायी गयी है.

● 2471 अतिक्रमणकर्ताओं को भू-माफिया के रूप में चिन्हित किया गया है. वर्तमान में 186 भू-माफिया जेल में निरूद्ध हैं तथा 4274 अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की गयी है.

● पिछले पाँच वर्षों के हमारे कार्यकाल में प्रदेश बीमारू राज्यों की श्रेणी से निकलकर देश के अग्रणी राज्यों में आ चुका है.

● योगी जी की सरकार ने इस भावना के साथ काम किया है और कर रही है. तभी हम यह दावा कर सकते हैं कि “जब तलक भोर का सूरज नजर नहीं आता, काम मेरा है उजालों की हिफाजत करना. मेरी पीढ़ी को एक चिराग बनके जलना है, जिसका मजहब है अंधेरों से बगावत करना.”

  • विधान सभा सामान्य निर्वाचन-2022 के अन्तर्गत प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव निर्विघ्न एवं निर्विवाद रूप से सकुशल सम्पन्न हुए.

● चुनाव के दौरान पुलिस द्वारा सोशल मीडिया डिजिटल वालण्टियर एवं अन्य माध्यमों से प्रदेश में छोटी से छोटी सूचना का त्वरित गति से संज्ञान लेकर उन पर तत्परता पूर्वक कार्रवाही की गई, जिसके परिणामस्वरूप कोई अफवाह वृहद रूप ले उससे पूर्व ही उस पर सकारात्मक निरोधात्मक कार्रवाही की गई, जिससे निर्वाचन के दौरान कोई भी वृहद घटना नहीं घटित हुई.

● प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी इसकी सराहना की गई.

● आतंकवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए एटीएस सेन्टर देवबन्द का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिसे शीघ्र पूर्ण किया जायेगा तथा मेरठ बहराइच कानपुर आजमगढ़ व रामपुर में एटीएस सेन्टर का निर्माण कराया जाएगा.

● मा. उच्च न्यायालय इलाहाबाद / लखनऊ खण्डपीठ एवं जिला न्यायालयों , राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित किसी अन्य न्यायालय , मेट्रो रेल , धार्मिक स्थलों (अयोध्या , काशी , मथुरा) , ऐतिहासिक स्थल ताजमहल , हवाई अड्डों , बैंकों , अन्य वित्तीय संस्थानों, औद्योगिक उपक्रमों , सामरिक एवं महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों आदि की उत्तम संरक्षा तथा सुरक्षा हेतु उप्र विशेष सुरक्षा बल का गठन किया गया है, जिसके लिये 276 करोड़ 66 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

● पुलिस इमरजेंसी प्रबन्ध प्रणाली के अन्तर्गत यूपी 112 योजना के द्वितीय चरण को वित्तीय वर्ष 2022-2023 में प्रारंभ किया जाना है. इसके सुदृढीकरण हेतु 730 करोड़ 88 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

● सेफ सिटी योजना के अन्तर्गत महिलाओं की सुरक्षा के लिए लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर आगरा वाराणसी,गोरखपुर, प्रयागराज में योजना लागू किए जाने हेतु 523 करोड़ 34 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

● जनपदीय थानों हेतु सुरक्षा उपकरणों एवं अस्त्र / शस्त्र हेतु 250 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है.

● विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं की स्थापना तथा उ ० प्र ० फोरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट लखनऊ का निर्माण कराया जा रहा है.

● पुलिस के आवासीय भवनों के लिये 800 करोड़ रूपये, अनावासीय भवनों के लिये 800 करोड़ रूपये, नवसृजित जनपदों में पुलिस के आवासीय/ अनावासीय भवनों हेतु 300 करोड़ रूपये तथा नवसृजित जनपदों में पुलिस लाईन के निर्माण के लिये भूमि क्रय हेतु 65 करोड़ 70 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

● हम जानते हैं कि वर्ष 2019 में माननीय प्रधानमंत्री जी ने में भारत देश को 05 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित करने का लक्ष्य घोषित किया उत्तर प्रदेश देश का सबसे अधिक मानव संपदा वाला प्रदेश है। अतः देश को 05 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा.

● इसी दृष्टि से प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित करने का लक्ष्य लेकर हमारी सरकार कार्य कर रही है.

● कोविड-19 महामारी से वित्तीय वर्ष 2020-2021 और 2021 2022 में विश्व व्यापी आर्थिक मंदी रही जिसका प्रभाव प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा.

● अब प्रदेश उस दौर से निकल चुका है, प्रदेश की अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है. हमारा विश्वास है कि हम प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने में सफल होंगे. उन्होंने कहा कि “मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है. पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों में उड़ान होती है.”

वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट अनुमानों पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना का बजट भाषण

● भारतीय जनता पार्टी की वर्तमान सरकार के इस द्वितीय कार्यकाल के पहले वित्तीय वर्ष 2022-2023 का बजट इस सम्मानित सदन के समक्ष प्रस्तुत करते हुये मैं प्रदेश की जनता का अभिनन्दन करना चाहूँगा जिसने हमारी सरकार के पिछले कार्यकाल में किये गये जन कल्याण और विकासोन्मुखी कार्य को देखते हुये जाति धर्म और समुदाय के समीकरण को नकारकर उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा को बनाये रखने के लिये भारतीय जनता पार्टी में विश्वास कायम रखते हुये हमें पुनः सेवा का अवसर प्रदान किया है.

● प्रदेश के इतिहास में ऐसा 37 वर्षों के बाद हुआ है जब किसी पार्टी को लगातार दो बार प्रदेश की जनता ने सरकार बनाने के लिये चुना हो.

● हमारी सरकार का वर्ष 2017-2018 से 2021-2022 का कार्यकाल हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल नेतृत्व में सफलताओं और प्रदेश के दीर्घकालिक व सतत् विकास की नीतियों के प्रतिपादन और निष्पादन का रहा है.

● हमने प्रदेश में कानून का राज कायम किया माफियाओं , गुण्ठों और दंगाईयों के आतंक से जनसामान्य को राहत दिलाई प्रदेश में उद्योग धन्धों को बढ़ावा दिया गया, आधुनिक तकनीकों के प्रयोग को शासन – प्रशासन और सामान्यजन के मध्य बढ़ावा दिया गया, अवस्थापना सुविधाओं में अभूतपूर्व विस्तार किया गया, चिकित्सा सुविधाओं विशेषकर कोविड- 19 जैसी वैश्विक महामारी की चुनौती से निपटने और अन्य संक्रामक रोगों की रोकथाम और इलाज के क्षेत्र में विश्वस्तरीय कीर्तिमान स्थापित किये गये.

● पिछले दो वर्षों में पूरे विश्व और देश के साथ उत्तर प्रदेश में कोविड -19 जैसे वैश्विक महामारी का जिसके समक्ष विश्व की बड़ी शक्तियां कहे जाने वाले देश बेबस और लाचार नजर आये की विभीषिका को माननीय प्रधानमंत्री जी और माननीय मुख्यमंत्री जी के कुशल मार्ग निर्देशन में बड़ी सूझबूझ और धैर्य के साथ सामना किया.

● प्रशासन तंत्र और हमारे देशवासी व प्रदेशवासी इस चुनौतीपूर्ण समय में कंधे से कंधा मिला कर खड़े रहे। ऐसी परिस्थितियों में ही नेतृत्व की परीक्षा होती है.

● यह कहने में अतिशयोक्ति नहीं होगी कि माननीय प्रधानमंत्री जी और माननीय मुख्यमंत्री जी ने अदभुद नेतृत्व प्रदान किया जिसकी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना की गयी.

● उन्होंने कहा कि मैं इन दोनों अप्रतिम नेताओं को यह पवितयों समर्पित करता हूं- “वह पथ क्या, पथिक कुशलता क्या, जिस पथ में बिखरे शूल न हों, नाविक की धैर्य परीक्षा क्या, जब धाराएं प्रतिकूल न हों.”

सदन में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा किहमारी सरकार के पिछले कार्यकाल के पहले वर्ष में प्रदेश के 86 लाख लघु और सीमान्त किसानों के फसली ऋण का मोचन कराया गया. गन्ना मूल्य भुगतान में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार द्वारा पेराई सत्र 2017-2018 से 2021-2022 तक के सापेक्ष 16 मई , 2022 तक 01 लाख 72 हजार 745 करोड़ रूपये के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जो एक कीर्तिमान है.

  • इसमें पूर्व वर्षों की 10 हजार 662 करोड़ रूपये की धनराशि भी शामिल है. यह धनराशि वर्ष 2012 से 2017 के मध्य हुये गन्ना मूल्य भुगतान से हजार 500 करोड़ रूपये अधिक है.
  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से 250 करोड़ किसानों को 6000 रूपये वार्षिक आर्थिक सहायता दिलाकर उत्तर प्रदेश में प्रथम स्थान पर है.

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