उत्तर प्रदेश के पुलिस का अजब कारनामा सामने आया है. दरअसल औरास थाने के विवेचक दरोगा सुरेश चंद्र ने मारपीट के मामले में मृतक के खिलाफ न सिर्फ एफआईआर दर्ज की बल्कि उन्नाव न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी. वहीं, मृतक के पिता की शिकायत पर कोर्ट ने दरोगा और अन्य तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई का आदेश दिया है.
उन्नाव. यूपी के उन्नाव से पुलिस के दरोगा का अजब कारनामा सामने आया है. दरअसल दरोगा ने दो साल पहले सड़क हादसे में जान गवां चुके मृतक के खिलाफ मारपीट का मुकदमा दर्ज करने के साथ जांच में बड़ी लापरवाही बरतते हुए उन्नाव न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी. मृतक के पिता ने कोर्ट को शिकायत पत्र देकर कहा कि विवेचना कर रहे दरोगा ने दूसरे पक्ष से घूस लेकर फर्जी विवेचना की है. वहीं, कोर्ट ने शिकायत पत्र का संज्ञान लेते हुए विवेचना कर रहे तत्कालीन दरोगा और तीन अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया.
वहीं, कोर्ट के आदेश के बाद उन्नाव जिले की औरास पुलिस ने आईपीसी 419 व 420 की धारा में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. जानकारी के मुताबिक, विवेचक दरोगा सुरेश चंद्र ने औरास थाने में 9 फरवरी 2020 को कार्यभार संभाला था. वहीं, वह 30 जुलाई 2020 को रिटायरमेंट हो चुके हैं.
जानें पूरा मामला
उन्नाव की नगर पंचायत औरास के मोहल्ला मुरौव्वन टोला निवासी अनवर पुत्र बदुल्ला ने कोर्ट में दायर किये वाद में बताया कि जनवरी 2020 में औरास सीएचसी के पास सार्वजनिक शौचालय और रैन बसेरा निर्माण के दौरान हेमनाथ, नौशाद, ऊदन से झगड़ा हुआ था. इसमें हेमनाथ ने दरोगा सुरेश चंद्र से सांठगांठ कर उसके और बेटों मंजीत, साजिद और वसीम के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल करवा दी थी. साथ ही दरोगा से अनुरोध भी किया कि उसके बेटे वसीम की 5 मई 2018 को सड़क हादसे में मौत हो गई है.
औरास पुलिस ने वसीम का पोस्टमार्टम भी कराया था, लेकिन दारोगा ने उसकी बात नहीं मानी और चारों के विरुद्ध 20 मार्च 2020 को मुकदमा दर्ज कर लिया और सबके विरुद्ध कार्रवाई की बात भी कही. अनवर ने आरोप लगाया कि दरोगा ने उन सभी के आधार कार्ड मांगे जो मैंने दे दिए. इसके बाद दरोगा ने वसीम की जगह मंजीत का अंगूठा लगवा लिया. वहीं, मारपीट के मामले में 16 अप्रैल 2020 को चार्जशीट भी दाखिल कर दी.