बागपत, उत्तर प्रदेश से विवेक जैन।
बागपत की स्वर्णकार धर्मशाला में महर्षि दयानन्द सरस्वती के जन्मोत्सव कार्यक्रम के अन्तर्गत हवन का आयोजन किया गया और महर्षि के महान व्यक्त्तिव व भारतीय समाज के उत्थान के लिए उनके द्वारा दिये गये महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला गया।
प्रमुख समाजसेवी मास्टर राकेश मोहन गर्ग ने कहा कि सत्य की खोज के लिए महर्षि ने मात्र 21 वर्ष की आयु में ही वैराग्य धारण कर लिया था और उन्होंने अपने लक्ष्य की खोज में देशभर में कई स्थानो का भ्रमण किया और सच को जानने के लिए अनेकों योगियों, साधु-संतो से भेंट की। महान योगी व संत विरजानंद जी के ज्ञान से प्रभावित होकर उन्होंने उनको अपना गुरू बनाया।
अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रमुख समाज सेवी अभिमन्यु गुप्ता ने बताया कि महर्षि ने देश में प्रचलित अनेक प्रकार की कुरीतियों, अंधविश्वासो, रूढ़िवादिता, विभिन्न प्रकार के आडंबरों को नष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। उनकी दी गयी शिक्षाओं का भारतीय समाज सदैव ऋणी रहेगा।
लायंस क्लब अग्रवाल मंडी टटीरी के अध्यक्ष दीपक गोयल ने बताया कि स्वामी दयानन्द एक युगपुरूष थे और अद्भूत शक्तियों के स्वामी थे, हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिये और अपने बच्चों को भी उनके महान जीवन से प्रेरणा लेने और उनकी दी गयी शिक्षाओं को अपने जीवन में धारण करने लिए प्रेरित करना चाहिए।
प्रमुख समाज सेवी लॉयन पंकज गुप्ता टटीरी ने कहा कि लगभग 35 वर्षो तक महर्षि ने समस्त वेदों व उपनिषदों का अध्ययन किया और उसके उपरान्त मानवजाति और भारतीय समाज की भलाई व उन्नति के लिए देशवासियों को जागरूक किया। प्रमुख समाज सेविका पारूल नीरज नैन ने कहा कि महर्षि ने आर्य समाज की स्थापना की और सत्यार्थ प्रकाश, वेदांग प्रकाश, ऋग्वेद भूमिका, व्यवहार भानु जैसे अनेको महान ग्रन्थो की रचना मानवजाति की भलाई के लिए की।
इस अवसर पर महाशय बेगराज जी ने आर्य समाज की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए एक से बढ़कर एक भजन सुनाये। इस अवसर पर रोहित वर्मा, करिश्मा वर्मा, राकेश आर्य, उत्तर प्रदेश सरकार से सम्मानित पत्रकार विपुल जैन, मनीष गर्ग, ब्रजभूषण आर्य, शीशपाल, शिवदत्त आर्य, ओमपाल आर्य, प्रवेश आर्य, श्रीमति ब्रिजेश सहित कार्यक्रम में क्षेत्र की जानी-मानी अनेकों हस्तियों ने शिरकत की।