Tuesday, April 23, 2024
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ब्लैक फ्राईडे का डर सता रहा कर्मचारियों को: आखिर एआरटीओ भवन में आत्माओं के बसेरा का क्या है राज: दहशत में कर्मचारियों ने ड्यूटी से किया इंकार

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(समर सैम की एक्सक्लुसिव रिपोर्ट)
सोनभद्र। सोनभद्र जनपद के मुख्यालय से तक़रीबन 5 km दूर स्थित एआरटीओ दफ़्तर में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। रात में आत्माओं के खौफ से रात्रिकालीन ड्यूटी किसी भी कीमत पर अकेले करने से कतरा रहे कर्मचारी। कर्मचारियों का कहना है कि विगत दिनों आरटीओ मिर्ज़ापुर वर्मा जी से एआरटीओ केबिन में मिलकर जैसे ही निकले वैसे ही केबिन गेट के नज़दीक ही अचानक डाटा इंट्री ऑपरेटर रामसेवक मौर्या की सडेनली डेथ हो गई। तब से रात्रिकालीन ड्यूटी करने वालों को भवन में मृतक रामसेवक मौर्य टहलते दिखाई पड़ रहे हैं। जिसके चलते कर्मचारियों में दहशत का आलम है।

आखिर आत्माओं के बंधन से कब मुक्त होगा सोनभद्र का एआरटीओ भवन। दफ्तर में दिनभर चहल पहल रहती है। परंतु जैसे ही दिन के उजाले को रात का अंधेरा निगलना शुरू करता है। उस वक्त पूरा एआरटीओ भवन एक रहस्यमय आवरण में कैद हो जाता है। रात के अंधेरे में जंगली जानवरों की अजीबोगरीब आवाज़ माहौल को और भी खौफनाक बना देती है। बीच बीच में वातावरण में मनहूसियत घोलती परिंदों और बरसाती कीड़ों का कोरस रोम रोम में भय का बारूद भर देता है। ऐसे हालात में कमज़ोर दिल वालों की सांसे कभी भी रूह से परवाज़ कर सकती है।

वहीं रात में पर्याप्त रोशनी भी भवन को नसीब नहीं होती। ऐसे विस्मयकारी माहौल में तन्हा किसी कर्मचारी की नाइट ड्यूटी लगाना कहां की अक्लमंदी है। फ़िलहाल विभाग के ही दो कर्मचारियों ने लिखित तहरीर देकर अकेले रात में ड्यूटी करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि रात में भवन में मृतक रामसेवक मौर्या जी टहलते हुए नज़र आते हैं। यह नाईट ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों का महज़ वहम भी हो सकता है। इसबात में कोई अतिश्योक्ति नहीं है की आज हम चाहे जितनी भी तरक्की कर गए हों पर कभी कभार समाज में इस तरह की खबर आ ही जाती है।फिलहाल इस वैज्ञानिक युग मे जहां हम चांद पर जाने की तैयारी में लगे हैं वहीं आत्माओं के बसेरे वाली बात पर आखिर कौन विश्वास करेगा।

वहीं ब्लैक फ्राइडे के नाम से आने वाले शुक्रवार को लेकर परिवहन विभाग के कर्मचारियों में दहशत व्याप्त है। इसे संयोग ही कहा जा सकता है कि पिछले कुछ दिनों से आने वाले किसी न किसी शुक्रवार को दफ्तर के कर्मचारियों के परिवार के किसी न किसी सदस्य की मौत हो जा रही है। यह महज़ इत्तेफाक है कि पिछले कुछ महीनों में कुछ कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों की मौत शुक्रवार को ही हुई। इसीलिए आने वाला शुक्रवार कर्मचारियों में दहशत पैदा कर रहा है। कर्मचारियों के बीच हर आने वाला शुक्रवार ब्लैक फ्राईडे साबित हो रहा है।

विज्ञान के उड़नखटोले पर सवार दुनिया चांद पर बस्ती बसाने के लिए सरपट भाग रही है। ऐसे में भूत प्रेत एवं तंत्र मंत्र के लिये कोई जगह नहीं होनी चाहिये। ज़रूरत जहाँ भयभीत कर्मचारियों की मनोचिकित्सकों से काउंसिलिंग की है। वहीं अनिष्ठ की आशंका से भयभीत कर्मचारी फूंक झाड़ एवं तंत्र मंत्र के चक्कर में बाबाओं की शरण में नतमस्तक हो रहे हैं।

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