Friday, April 19, 2024
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बिग डीजल बुल्स को एसटीएफ ने किया अरेस्ट,डीजल चोरी के रैकेट का पर्दाफाश

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सोनभद्र से समर सैम की रिपोर्ट
सोनभद्र। सोनभद्र के शक्तिनगर थाना क्षेत्र में एसटीएफ टीम ने डीज़ल तस्करी के बिग बुल्स को किया अरेस्ट। पूर्वांचल के विख्यात डीज़ल माफिया मुर्तुज़ा खान का खेल एसटीएफ ने किया बेनकाब। डीज़ल माफियाओं के आका अभी भी पुलिस की गिरफ्त से कोसों दूर नज़र आ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक डीजल चोरी के खेल में वाजिब हिस्सेदारी न मिलने पर एक पूर्व डीज़ल तस्कर ने बनारस में निवास कर रहे एसटीएफ प्रभारी परिहार से मुलाकात कर डिजल्स तस्करी के बिग बुल्स गैंग के बारे में विस्तार से जानकारी मुहैया कराई। उक्त गैंग फिलहाल कबाड़ और कोयले की तस्करी में लगा हुआ है। जिसने वर्तमान में डीजल चोरी करने वाले गैंग के रंग में भंग डालने के लिए एसटीएफ प्रभारी परिहार से मुखबिरी कर दी।उक्त जानकारी के आधार पर एसटीएफ टीम ने दुद्दीचुआ परियोजना के गेट पर जाल बिछा कर डीजल टैंकर सहित दो स्कॉर्पियो और उसमें सवार लोगों को हिरासत में लेकर छानबीन की तो अपराध की अनकही दास्तान परत दर परत खुलने लगी।

हिरासत में रंगे हाथों पकड़े गए डीजल तस्कर मक़बूल खान, पुष्पराज, राजेश कुमार यादव, अशोक कुमार यादव एवं टैंकर चालक कलीम से एसटीफ टीम ने पूछताछ की तो वास्तिवकता सामने आ गई। टैंकर की जांच करने पर 17000 लीटर डीज़ल कम पाया गया जिसे एमपी के निगाही में स्थित भैरव फ्यूल स्टेशन पर बेचा गया था जिसके संचालन का दायित्व डीजल माफिया मुर्तुज़ा खान के हाथों में है।

डीजल खेल का मास्टर माइंड मुर्तुज़ा खान ही है। साथ ही इस खेल में एनसीएल परियोजना के फ्यूल मैनेजमेंट के कर्ताधर्ता एक सफेदपोश का भी अहम रोल है। जिनकी मर्ज़ी के बगैर टैंकर से एक रत्ती भी डीजल कम नहीं हो सकता। दिलचस्प बात यह है कि परियोजना के भीतर टैंकर में लदे डीजल की नाप जोख होती है। मौके पर कैमरा भी लगा हुआ है। फिर इसके बाद भी परियोजना के टैंकर बाहर ही डिजल्स काटकर कैसे अंदर सब कुछ ओके हो जाता है। यह पब्लिक है सब जानती है साहब।

दरअसल मुगलसराय के इंडियन ऑयल डिपो से एक टैंकर 29000 लीटर डीजल लेकर दुद्दीचुआ परियोजना के लिए निकला। वहां न जाकर पहले से ही सेटिंग के मुताबिक निगाही स्थित भैरव फियुल स्टेशन पहुँच गया। जहां पहले से घात लगाये डीजल माफिया मुर्तुज़ा खान के लोगों ने 17000 लीटर डीजल ठिकाने लगा दिए।उसके बाद टैंकर वापस अपने सही मुकाम पर जाते ही एसटीफ टीम द्वारा धर लिया गया। रंगे हाथों पकड़े गए डिजल्स चोरों के पूछताछ के आधार पर डिजल्स माफिया मुर्तुज़ा खान, पप्पू टण्डन एवं श्री राम पेट्रोल पंप के संचालक को हिरासत में ले लिया गया। बाद में एसटीएफ टीम ने सभी आरोपियों सहित आठ लाख रुपए नगद व वाहनों को शक्तिनगर थाने को सौंप दिया गया। जहां ज़्यादा दबाव पड़ने पर तबियत बिगड़ने के बहाने के आधार पर पप्पू टण्डन को फिलहाल छोड़ दिया गया। हालांकि उनके खिलाफ भी मुकदमा कायम हो चुका है।

वहीं इस प्रकरण में जांच अभी जारी है। श्री राम पेट्रोल पंप के मालिक लम्बे समय से डीजल सप्लाई का टेंडर हासिल किए हुए हैं। डिजल्स के खेल में उन्होंने अकूत सम्पत्ति हासिल कर ली है। यही हाल पप्पू टण्डन और डिजल्स माफिया मुर्तुज़ा खान का भी है। यहां आपको बताते चलें कि इस खेल में तीन लोगों का रोल बहुत ही अहम होता है। पहला डीजल आपूर्ति करने वाली फर्म का। दूसरा तस्करी के डिजल्स को ठिकाने लगाने वाले का और तीसरा परियोजना में डिजल्स मैनजमेंट देखने वाले का। जब यह तीनों एक मंच पर आएंगे तभी डिजल्स की तस्करी व्यापक पैमाने पर हो सकती है।

सूत्रों की माने तो शक्तिनगर थाना क्षेत्र के खड़िया में रहने वाले डिजल्स माफिया मुर्तुज़ा खान बीस साल से डीजल तस्करी का खेल खुले आम खेल रहा है। आज हाल यह है कि समूचे पूर्वांचल में डीजल माफिया मुर्तुज़ा खान का नाम डीजल चोरी का पर्याय बन चुका है। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले से टैंकर का खलासी बनकर सोनभद्र की धरती पर कदम रखने वाला मुर्तुज़ा खान आज दर्जनों टैंकरो का मालिक बन बैठा है। डीजल तस्करी के दम पर अकूत सम्पत्ति का मालिक बन बैठा डीजल माफिया मुर्तुज़ा खान। कभी मामूली डीजल चोर हुआ करता था। आज दिन भर में पूरी की पूरी टैंकर के डीजल की कटिंग करने में सिद्धहस्त हो चुका है। अपने ऊपर बैठे आकाओं और चांदी के जूतों के दम पर अच्छे अच्छओं की बोलती बंद करने में यह डीजल चोर पूरी तरह पारंगत हो चुका है।

पहले सारा खेल यह शक्तिनगर थाना क्षेत्र से संचालित कर रहा था। नियम बदलने पर इसने बार्डर के एमपी स्थित निगाही को अपना ठिकाना बनाया। भैरव फ्यूल स्टेशन के मालिक से सांठगांठ करके फ्यूल स्टेशन के संचालन की बागडोर अपने हाथों में लेकर खुला खेल फरुखाबादी करने लगा। उसी भैरव फ्यूल स्टेशन पर अलग से तीन कमरों वाला वातानुकूलित ऑफिस भी अपने लिए अलग से बनवा लिया। जहां हरवक्त आपको एक दर्जन लक्ज़री कारें खड़ी मिल जाएगी। यदि जांच सही से हो जाये तो हज़ारों करोड़ के डीजल की तस्करी का खेल सामने आ सकता है। निगाही स्थित भैरो फ्यूल स्टेशन के एक किनारे पर डिजल्स माफिया मुर्तुज़ा खान के केबिन में दिन रात एमपी और यूपी के ज़िम्मेदार विभाग के अधिकारी सलामी ठोकने आते रहते हैं। खासकर फेस्टिवल्स के मौके पर ज़मीर बेचकर बख्शीश लेने आने वालों का तांता लगा रहता है। अगर सही से डीजल तस्करी की जांच हो जाये तो इन डीजल माफियाओं की पुस्त पनाही करने वाले सफेद पोश बिग बुल्स भी कानून के शिकंजे में कैद हो सकते हैं। अब देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि डिजल्स तस्करी के बिग बुल्स सलाख़ों के पीछे कैद होते हैं या फिर लचर कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते हुए खुली फिज़ा में सांस लेते हुए लूटम लूट मचाते हैं।

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