सोनभद्र। शिकायतकर्ता ओम प्रकाश ने जिलाधिकारी को पत्र लिख हल्का लेखपाल पर अधिकारियों को भ्रामक जांच रिपोर्ट देने का लगाया आरोप। आपको बताते चलें कि केंद्र और राज्य में सरकार किसी भी दल की हो , जन समस्याओं का समाधान और योजनाओं का लाभ जनता को तभी मिलेगा जब अधिकारी सही तरीके से उन्हें क्रियान्वित कराये ।
योजनाओं का लाभ जनता तक सीधे पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार महीने में पहले और तीसरे शनिवार को तहसील समाधान दिवस और दूसरे व चौथे शनिवार को थाना समाधान दिवस का आयोजन कर जन शिकायतो का निस्तारण कर रही है , इन सब के बाद भी जनपद में सरकार जनता के द्वार योजना के तहत जिलाधिकारी चन्द्र विजय सिंह ग्राम प्रत्येक सोमवार को ग्राम समाधान दिवास का आयोजन करके जन समस्याओं का निस्तारण कर रहे है लेकिन इसके बावजूद भी सम्बंधित अधिकारियों द्वारा जांच रिपोर्ट में लीपापोती करने से कुछ समस्याए हल होने की बजाय और जटिल होती जा रही हैं ।
ओमप्रकाश द्वारा ग्राम समाज की कीमती जमीनों को फर्जी विनिमय के आधार पर प्राप्त कर गांव के कुछ लोगो द्वारा खरीद बिक्री की जांच हेतु जिलाधिकारी को दिए गए प्रार्थना पत्र पर क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा स्पष्ट जवाब नहीं देने का एक मामला संज्ञान में आया है । शिकायत करने वाले सदर विकास खण्ड के बढ़ौली ग्राम पंचायत के ओमप्रकाश चौबे ने जिलाधिकारी से शिकायत किया है कि सन 2005-2015 के दौरान तत्कालीन ग्राम प्रधानों एवं लेखपालों की साजिश से ग्राम सभा के कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा ग्राम समाज की कीमती जमीनों को फर्जी तरिके से विनिमय द्वारा प्राप्त दिखाकर उन जमीनों को महंगे दामों में बेच दिया गया है जबकि उक्त ग्राम समाज की जमीन के बदले में दी गयी कथित नम्बरी आराजी को भी उन्हीं व्यक्तियों द्वारा पहले ही बेचा जा चुका था।
इस तरह से ग्राम प्रधान व तत्कालीन क्षेत्रीय लेखपालों की मिलीभगत से फर्जी तरिके से किये गये विनिमय करण और फर्जी कब्जा दर्शाकर ग्राम समाज की कीमती जमीनों पर आज भी अतिक्रमण कर कुछ लोग काबिज है।ओम प्रकाश ने आरोप लगाया है कि उनके प्रार्थन पत्र पर चल रही जांच में क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा गोलमोल जबाब लगाकर उक्त कब्जेदारों को बचाने की कोशिश की जा रही है।
उनके मुताबिक उनके द्वारा साक्ष्य सहित प्रार्थना पत्र दिया गया है जिसे महीनों से पेंडिंग रख आईजीआरएस पर गोलमोल जबाब लगाकर की उक्त ग्राम समाज की जमीनों में से कुछ को वर्तमान कब्जेदार विनिमय के आधार पर प्राप्त किये हैं जिसकी जांच चल रही है और कुछ के बारे में अपने जबाब में बिना कुछ बताए ही शिकायत को निक्षेपित कर दिया गया।इससे एक बात तो साफ हो जाती है कि आज भी जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कहावत ही चरितार्थ हो रही ।