Thursday, April 18, 2024
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पारिवारिक उपभोग व्यय (एच०सी०ई०एस०) 2022-23
विषय पर 1 अगस्त 2022 से होगा सर्वेक्षण

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लखनऊ। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (फील्ड ऑपरेशंस डिवीज़न), मध्यांचल कार्यालय के उप महानिदेशक डॉ. प्रवीण शुक्ल एवं राज्य राजधानी क्षेत्रीय कार्यालय, लखनऊ के उप-महानिदेशक श्री सी. एस. मिश्र द्वारा “पारिवारिक उपभोग व्यय सर्वेक्षण” हेतु तीन दिवसीय क्षेत्रीय प्रशिक्षण शिविर का उद~घाटन होटल विजय पैराडाइस, विकास नगर, लखनऊ में आज को किया गया|

भारत सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (फील्ड ऑपरेशंस डिवीज़न) द्वारा “पारिवारिक उपभोग व्यय सर्वेक्षण (एच०सी०ई०एस०)” विषयक राष्ट्रव्यापी प्रतिदर्श सर्वेक्षण किया जाना है जिसके लिए क्षेत्रकार्य 1 अगस्त, 2022 से शुरू होगा, जो 30 जून, 2023 तक सम्पन्न किया जाएगा |

इस वृहद एवं विस्तृत सर्वेक्षण के लिए अधिकारियों को प्रशिक्षित करने हेतु तीन दिवसीय क्षेत्रीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन दिनांक 21 जुलाई से 23 जुलाई के दौरान किया जा रहा है | भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा जारी कोविड-19 प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने हेतु उक्त शिविर का आयोजन किया जा रहा है |

सी.एस. मिश्र, उप महानिदेशक, राज्य राजधानी, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (फील्ड ऑपरेशंस डिवीजन) ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए “पारिवारिक उपभोग व्यय सर्वेक्षण” का उद्देश्य एवं महत्त्व के विषय पर प्रकाश डाला|

उन्होंने जानकारी दी कि ग्रामीण और शहरी भारत के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांकों के संकलन के लिए कुल उपभोग में विभिन्न उत्पाद समूहों के बजट शेयरों के निर्धारण के माध्यम से पारिवारिक उपभोग व्यय सर्वेक्षण (एच.सी.ई.एस) का मुख्य रूप से Weighting Diagram (भार आरेख) तैयार करने के लिए उपयोग किया जाएगा।

इसके अलावा सर्वेक्षण में एकत्र किए गए आंकड़ों से जीवन स्तर, सामाजिक उपभोग और कल्याण और उसमें असमानताओं के सांख्यिकीय संकेतक भी संकलित किए जाएंगे। उन्होंने आगे बताया कि इस सर्वेक्षण में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के दुर्गम गांवों को छोड़कर पूरे भारतीय संघ को शामिल किया जाएगा ।

इस सर्वेक्षण के अंतर्गत परिवारों की सामाजिक- आर्थिक विशेषताओं, टिकाऊ वस्तुओं एवं अन्य उपभोग्य वस्तुओं एवं सेवाओं के विषय पर भी आंकड़े एकत्र किये जायेंगे |

श्री मिश्र ने प्रमुखता से कहा कि किसी भी सर्वेक्षण की सफलता एवं विश्वसनीयता बड़े पैमाने पर सूचना देने वालों के सहयोग एवं उपलब्ध करायी गयी सही जानकारी पर निर्भर करती है | अतः श्री मिश्र ने समस्त जनमानस से अपील की कि वे राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के अधिकारियों का सहयोग करते हुए सटीक जानकारी उपलब्ध कराएं |

उन्होंने विशेष रूप से बताया कि परिवारों द्वारा दी गयी जानकारी को गोपनीय रखा जाता है और इसका प्रयोग मात्र विकास, नियोजन, नीति -नियमन तथा शोध हेतु ही किया जाता है | उन्होंने प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा कवरेज हेतु सम्मानित समाचार पत्रों/चैनलों से आए प्रतिनिधियों से, विभिन्न संस्थाओं और ग्रामीण एवं नगरीय स्थानीय निकायों के मध्य व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु आग्रह किया जिससे कि इस महत्वपूर्ण सर्वेक्षण को नियोजन एवं नीति-नियमन हेतु सफल बनाया जा सके |

डॉ.प्रवीण शुक्ल, उप महानिदेशक (मध्यांचल) राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (फील्ड ऑपरेशंस डिवीज़न) जो समन्वयक के तौर पर शिविर में उपस्थित थे, अपने संबोधन में आँकड़ो की गुणवत्ता बनाए रखने की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि चूँकि यह कार्य सूचना प्रणाली/ सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाएगा एवं आँकड़े सीधे टेबलेट पर ई- सिग्मा प्लेटफॉर्म के कैपी सॉफ्टवेयर के द्वारा एकत्रित किये जायेंगे, अतः अधिकारियों को फील्ड ऑपरेशन के दौरान काफी सजग रहने की आवश्यकता है|

इस प्रशिक्षण में भारत सरकार के लखनऊ, गोंडा, झाँसी, कानपुर एवं फतेहपुर कार्यालयों के लगभग 120 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया|अंत में श्री ए.के.पाण्डेय, वरिष्ठ सांख्यिकीय अधिकारी, क्षेत्रीय कार्यालय, लखनऊ ने सभी गणमान्य व्यक्तियों/प्रतिभागियों को धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया।

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