Friday, April 19, 2024
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परमिट व ओभरलोड की आड़ में चल रहा अवैध खनन का खेल

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परमिट होता है 500 से 600 फीट बालू परिवहन का और परमिट की आड़ में ओभरलोड के सहारे 800 से 1000 फीट तक का खुलेआम किया जा रहा परिवहन

उक्त ओभरलोड परिवहन की आड़ में लीज धारक करते हैं एक वर्ष में खनन की निर्धारित मात्रा का उल्लंघन जो एक तरह से अवैध खनन की श्रेणी में आता है।

आखिर लीज धारक जब 500 या 600 फीट खनन सामग्री (बालू )का परमिट देता है तो निर्धारित मात्रा से दुगनी बालू ट्रक पर लोड ही क्यों की जाती है।पूर्व में जिलाधिकारी ने आदेश निर्गत किया था कि यदि ओभरलोड खनन सामग्री परिवहन होते सड़क पर पकड़ी जाएगी तो उक्त खनन सामग्री देने वाले लीज धारक के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।आखिर उक्त आदेश के आलोक में कार्यवाही क्यों नही की जा रही है। ओभरलोड पकड़े जाने के बाद यदि लीज होल्डर पर कार्यवाही की जाय तो ओभरलोड पर अंकुश लगने की संभावना रहती है।

सोनभद्र। भाजपा सरकार के गठन के बाद से ही सोनभद्र में बालू खनन लगभग बन्द हो जाने के बाद पूर्वांचल की मंडी में लाल बजरी के आसमान छूते दामों से चुनाव में इसकी वजह से किरकिरी होने के डर से सोनभद्र में बालू खनन की अनुमति जारी होते ही खनन व्यापार से जुड़े लोगों की सरगर्मी तेजी से बढ़ी है।खनन चालू होते ही जिले में ओभरलोड का खेल भी जारी हो गया है और इसी ओभरलोड के सहारे अवैध खनन का खेल किया जा रहा है।यहां आपको बताते चलें कि जब भी किसी खनन क्षेत्र में किसी को खनन की अनुमति दी जाती है तो उस अनुमति के साथ एक वर्ष में उक्त अधिसूचित क्षेत्र में खनन किये जाने की मात्रा भी निर्धारित की जाती है और इसी खनन किये जाने वाली मात्रा का उल्लंघन करने के लिए ही ओभरलोड का सहारा लिया जाता है।

यहाँ आपको बताते चलें कि ओभरलोड से जहां एक तरफ खनन किये जाने वाली निर्धारित मात्रा का उल्लंघन किया जाता है वहीँ दूसरी तरफ उक्त ओभरलोड से राजस्व की भी हानि होती है क्योंकि जितनी मात्रा में ओभरलोड खनिजो का परिवहन किया जाता है उसके लिए सरकार को कोई राजस्व अदा नहीं किया जाता। यहां आपको यह भी बताते चलें कि नियमानुसार छः चक्का ट्रक के लिए 7 घन मीटर,10 चक्का ट्रक के लिए 11 घन मीटर,12 चक्का ट्रक के लिये 14 घन मीटर तथा 14 चक्का ट्रक के लिए 18 घन मीटर का परमिट (एम एम 11) जारी किया जाता है ।

जैसे ही जिले में बालू खनन शुरू हुआ 12 चक्का ट्रक के लिए जारी परमिट पर 800 से 1000 घन फीट बालू लदी ट्रकों को खुलेआम सड़क पर परिवहन करते देखा जा सकता है।यहां आपको बताते चलें कि यदि उक्त ट्रक को 14 घन मीटर का परमिट जारी किया गया है तो उक्त ट्रक पर 462 घन फीट बालू ही परिवहन की जानी चाहिए जबकि 14 अथवा 12 घन मीटर परमिट के सहारे 800 से 1000 फीट तक ओभरलोड परिवहन किया जा रहा है।इससे जहां 500 अथवा 600 फीट के परिवहन प्रपत्र पर प्रति ट्रक 300 से 400 फीट तक बिना राजस्व दिए ही बालू का परिवहन किया जा रहा है।उक्त ओभरलोड से जहां एक तरफ राजस्व को खुलेआम चूना लगाया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ परमिट की आड़ में किये जा रहे ओभरलोड के सहारे अवैध खनन को भी प्रशासन द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है।

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