Wednesday, April 24, 2024
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निजी अस्पताल में इलाज के दौरान हुई मौत प्रकरण पर जिलाधिकारी ने बैठाई जांच:त्रिस्तरीय कमेटी करेगी मौत के पहलुओं की जांच

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सोनभद्र। गत 29 मई को राबर्ट्सगंज कोतवाली के समीप स्थित एक निजी चिकित्सालय में इलाज के दौरान महिला की हुई मौत के बाद उपजे विवाद जिसमे सोसल मीडिया प्लेटफार्म पर उक्त मौत की खबर लिखने के बाद अस्पताल प्रबंधन की तहरीर के आधार पर खबर लिखने वाले पत्रकार पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करने व उसके बाद पत्रप्रतिनिधियों द्वारा उक्त हॉस्पिटल में इलाज के दौरान हुई मौत की जांच के लिए उच्चाधिकारियों को दिए पत्रक के बाद जिलाधिकारी सोनभद्र ने उक्त हॉस्पिटल में इलाज के दौरान हुई मौत प्रकरण की विधिवत जांच हेतु उपजिलाधिकारी राबर्ट्सगंज ,मुख्यचिकित्साधिकारी सोनभद्र व पुलिस उपाधीक्षक सोनभद्र नगर के रूप में त्रिस्तरीय कमेटी का गठन कर दिया है जो उक्त प्रकरण पर तथ्यगत रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रस्तुत करेगी,जिसके आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

जिलाधिकारी ने जांच टीम गठित कर निर्देश दिया है कि उक्त जांच टीम दो दिन के अंदर उक्त हॉस्पिटल के बिल्डिंग के बाबत विनियमित क्षेत्र से नक्शा पास होने व उसके अनुरूप भवन निर्माण होने या न होने तथा उपरोक्त्त हॉस्पिटल के पंजीकरण व नवीनीकरण तथा मानक या उसके फिटनेस आदि की स्थितियों तथा उक्त हॉस्पिटल के चिकित्सकीय कर्मचारियों की योग्यता आदि की रिपोर्ट सहित वर्णित घटना में मृत्यु के कारणों एवम जिम्मेदार चिकित्सकों की रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।

जिलाधिकारी ने अपने पत्र में यह भी निर्देश दिया है कि उपरोक्त्त के अतिरिक्त अन्य ऐसी घटना पर भी कमेटी को रिपोर्ट करना है जिससे कि उपरोक्त घटना के कारित होने में महत्वपूर्ण भूमिका हो अर्थात कोई ऐसी तथ्यगत पहलू जिससे उपरोक्त प्रकार की घटनाएं हो सकती है पर भी तथ्यगत रिपोर्ट भी उपरोक्त कमेटी को अपनी जांच रिपोर्ट में शामिल करना है।

आपको बताते चलें कि सोनभद्र एक पिछड़ा आदिवासी बहुल जिला है और यही कारण है कि इन अशिक्षित आदिवासियों को सोनभद्र जिले में कुकुरमुत्तों की तरह उग आए मानक विहीन हॉस्पिटलों द्वारा इलाज के नाम पर उनके जान माल के साथ खिलवाड़ करने की अक्सर खबरें आती रहती हैं।

यहां यह बात भी उल्लेखनीय है कि इन हॉस्पिटलों के संचालन में स्वास्थ्य विभाग की भूमिका भी संदिग्ध है क्योंकि इनके नियमन की जिम्मेदारी भी स्वास्थ्य विभाग की है ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि जिले में मानक विहीन हॉस्पिटल व पैथोलॉजी सेंटरों का संचालन आखिर चल कैसे रहा है ?आखिर आम आदमी की जिंदगी व स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने की छूट इन्हें क्यों दी जा रही है।

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