सोनभद्र । प्रदेश और केंद्र सरकार गांव की तस्वीर बदलने के लिए तथा गांवो के विकास को सरकारी धन भेज रही है लेकिन वो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जा रहा है। गांवों के विकास के लिए आये धन के बंदरबांट की हकीकत अब पंचायत राज विभाग में चल रही नित नई कार्रवाई से सामने आ रही है। ताजा ममाला राबर्ट्सगंज ब्लाक के कबरी ग्राम पंचायत का है। जहाँ मनरेगा से मनउर माइनर से कबरी तालाब तक कच्ची नाली के सिल्ट सफाई के नाम पर फर्जी भुगतान का मामला सामने आया है। सत्यापन टीम द्वारा पकड़ी गई गड़बड़ी के बाद, अब संबंधितों से भुगतान की गई धनराशि के वसूली की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
जिला पंचायत राज अधिकारी विशाल सिंह ने बताया कि “सिल्ट सफाई के फर्जी भुगतान का मामला सामने आया है। जिसमें जाँच के बाद ग्राम प्रधान रईसा बेगम, तकनीकी सहायक सुभाष गिरि और पंचायत सचिव मनोज दूबे को बराबर का जिम्मेदार मानते हुए कुल 86088 रूपये की रिकवरी नोटिस जारी की है। प्रत्येक को 28696 रूपये जमा करने का निर्देश दिया गया है। धनराशि जमा न करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।”
सवाल तो यह है कि आखिर इस तरह के फर्जी भुगतान क्यों और कैसे हो जा रहे हैं?क्या भुगतान के पूर्व कार्य की मॉनिटरिंग नही हो रही ?अब तो पूरे सिस्टम पर सवाल उठ रहा है।कभी ब्रेंच घोटाला तो कभी सोलर लाइट लगाने में गड़बड़ी तो कभी शौचालय घोटाला, देखा जाय तो पंचायत विभाग में घोटालों की लंबी फेहरिस्त बनती जा रही है।आखिर जब पंचायत विभाग का यही हाल रहेगा तो गांव की तस्वीर कैसे बदलेगी ? यह बड़ा सवाल प्रशासन के सामने मुंह बाए खड़ा है।