Saturday, May 18, 2024
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नहीं रहे मुलायम सिंह यादव, यूं तय किया अखाड़े से मुख्यमंत्री तक का सफर

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समाजवादी पार्टी के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का निधन हो चुका है. धरती पुत्र कहे जाने वाले मुलायम सिंह यादव का अखाडे से सपा राजनीति का पुरोधा बनने तक का सफर बहुत लंबा रहा. करीब 6 दशकों के राजनीतिक सफर में उन्होंने लगभग हर शीर्ष पद को हासिल किया.

मुलायम सिंह यादव का सियासी सफर

  • 1967 से लेकर 1996 तक 8 बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे .
  • पहली बार साल 1967 में उन्होंने संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की थी.
  • 1977 में वह पहली बार यूपी में पहली बार मंत्री बने
  • 1982 से 87 तक विधान परिषद के सदस्य रहे.
  • 1989 में पहली बार यूपी के मुख्यमंत्री बने
  • 1992 में नई पार्टी बनाई, समाजवादी पार्टी. पार्टी का चुनाव चिह्न साइकल को बनाया.
  • 1993-95 में दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने
  • 1996 में पहली बार लोकसभा पहुंचे और केंद्र में रक्षामंत्री बने
  • 2003 में तीसरी बार यूपी के सीएम बने 2007 तक गद्दी पर रहे
  • 2012 में उनकी पार्टी सपा को यूपी में बहुमत मिला तो सीएम की कुर्सी बेटे अखिलेश यादव को दे दी.
  • मुलायम सिंह यादव लोकसभा के लिए सात बार चुने जा चुके हैं.

पहलवानी ने सियासत में पहुंचाया
1962 में कुश्ती के एक मुकाबले ने मुलायम सिंह यादव की किस्मत बदल दी. वह कुश्ती के अखाड़े के साथ सियासत के मैदान में आ गए. जसवंत नगर क्षेत्र में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान एक कुश्ती कॉम्पिटिशन चल रहा था. उसे देखने के लिए संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार नत्थू सिंह भी पहुंचे थे. वहां मुकाबले में छोटे कद के मुलायम सिंह यादव ने बड़े-बड़े पहलवानों को पटखनी दे दी. इसके बाद वह नत्थू सिंह के फेवरेट हो गए. नत्थू सिंह ने 1967 में उन्हें विधानसभा का टिकट दिलाया.

क्या आप जानते हैं
मुलायम सिंह यादव अपने राजनीतिक जीवन में नौ बार जेल जा चुके हैं. 1975 में इमरजेंसी के दौरान भी लंबे समय तक जेल में रहे. 1954 में जब डॉ राम मनोहर लोहिया ने फर्रूखाबाद में बढे हुए नहर रेट के विरोध में आंदोलन किया तो मुलायम भी उसमें कूद पड़े. उन्होंने आंदोलन के दौरान पहली बार गिरफ्तारी दी. उस समय मुलायम सिंह यादव की आयु महज 15 वर्ष थी.

अमर सिंह ने खोला था दूसरी शादी का रहस्य
मुलायम सिंह यादव ने अपने जीवनकाल में दो बार शादियां की थीं. मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी का नाम मालती देवी था. साल 2003 में मुलायम की पहली पत्नी मालती का निधन हो गया. यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव उनकी पहली पत्नी मालती देवी के बेटे हैं. अखिलेश यादव की पत्नी का नाम डिंपल यादव है. वह भी सक्रिय राजनीति में हैं और सांसद रह चुकी हैं.

मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी का नाम साधना यादव था. मार्च 2022 में उनका निधन हो गया. बताया जाता है कि साल 1982 के दौरान मुलायम सिंह यादव और साधना सिंह एक-दूसरे के करीब आए. 2007 में अमर सिंह ने पहली बार सार्वजानिक रूप से साधना गुप्ता का नाम लिया था. उन्होंने मुलायम सिंह से साधना गुप्ता को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करने का आग्रह किया था. प्रतीक यादव मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना यादव के बेटे हैं. प्रतीक यादव की पत्नी का नाम अपर्णा यादव है.

मुलायम सिंह का सफरनामा
22 नवंबर 1939 को यूपी के सैफई जन्मे मुलायम सिंह यादव अपने भाइयों में मंझले रहे मुलायम सिंह यादव के बड़े भाई रतन सिंह किसान रहे, जबकि छोटे भाई अभयराम सिंह, शिवपाल सिंह यादव, रामगोपाल सिंह यादव सक्रिय राजनीति में रहे. उनकी छोटी बहन का नाम कमला देवी है. मुलायम सिंह यादव ने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद इटावा के के.के. कॉलेज से ग्रैजुएशन और आगरा के भीमराव अंबेडकर कॉलेज से पोस्ट ग्रैजुएशन पूरी की. वह राजनीति शास्त्र के छात्र रहे. मुलायम सिंह यादव पहलवान के साथ-साथ स्कूल टीचर भी रहे.

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