झोलाछाप डॉक्टर से इलाज के दौरान एक व्यक्ति की मौत
जितेंद्र शुक्ला((कर्मा)
करमा थाना क्षेत्र के अंर्तगत एक निजी क्लीनिक में इलाज कराने के दौरान एक अधेड़ व्यक्ति की मौत हो गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार पापी स्थित जोकही गांव निवासी मो0 रफीक 56 वर्ष तकरीबन 6 बजे खैराही में स्थित एक प्राइवेट क्लीनिक में इलाज करवाने के लिए घर से चल कर गए ।उन्होंने डॉक्टर से बताया की उन्हें बहुत जादा कमजोरी लग रही है तो डॉक्टर ने बोतल चढ़ाने की बात करते हुए उन्हें बोतल लगा दिया। उनके बेटे ने बताया की बोतल चढ़ रहा था तब तक मेरे पिता जी मुझसे बात कर रहे थे। फिर डॉक्टर ने उन्हें इंजेक्शन लगा दिया।इंजेक्शन लगाते ही वे उठाकर बैठ गए और बोले की पता नही क्यू बहुत घबराहट हो रही है।जब तक कुछ समझ पाते तब तक वे गिर गए और उनकी मौत हो गई।
मौत की खबर सुनते ही डा0 राधेश्याम उन्हें बाहर निकाल कर फरार हो गए। अभी तक इसकी तहरीर नहीं दी गई है। भाइयों के आने के बाद इस संबंध में आगे की करवाही की जाएगी ऐसा मृतक के बेटे नवी ने बताया।
आपको बताते चलें कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही या फिर उनकी मिलीभगत से कुकुरमुत्ते की तरह उग रहे झोलाछाप ,नीम हकीम डॉक्टरों की वजह से आए दिन ऐसा देखा जा रहा है की झोला छाप डॉक्टर के इलाज से लोगों की मौत हो जा रही है या उनकी बीमारी को और भी गंभीर करके छोड़ दिया जा रहा है।
इस लापरवाही में कही न कही सरकारी अस्पताल भी जिम्मेदार है। क्यूंकि सरकारी अस्पतालों में सही से दवा नही की जाती है ।रामभरोसे चल रहे सरकारी अस्पतालों में दवा हो भी रही है तो उनका समय फिक्स है ।अगर उसके बाद कोई बीमार होता है तो कहां जाए। तब तो उनके लिए भगवान झोलाछाप डॉक्टर ही हो रहे है। क्यूंकि बीमारी समय पूछकर नही आती है।