योगी सरकार ने जब जिलेवार योजना का सत्यापन कराया तो कई चौंकाने वाले तथ्य निकल कर सामने आए कि कुछ किसानों की तो मृत्यु हो चुकी है फिर भी उनके खातों में पैसा आ रहा है. साथ ही कई ऐसे लोग भी हैं जो निधि का फायदा लेने के लिए पात्र नहीं हैं मगर उनके खातों में भी पैसा आ रहा है.
राजेन्द्र द्विवेदी
लखनऊ । केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने दिसंबर 2018 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी, जिसमें किसानों को एक साल में 6000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है. इसका बंपर फायदा 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी को मिला था और नरेंद्र मोदी ने रिकॉर्ड सीटों के साथ देश में दोबारा सरकार बनाई थी.
इस योजना के तहत हर चार माह में 2000 रुपये की किश्त किसानों के बैंक खातों में सीधे आ जाती है. उत्तर प्रदेश की बात करें तो करीब ढाई करोड़ किसान इस योजना के लाभार्थी हैं. उत्तर प्रदेश में ही करीब तीन लाख से ज्यादा ऐसे अपात्र किसान हैं जो इस योजना का लाभ उठा रहे हैं, जिसमें ऐसे किसान भी शामिल हैं जो आयकरदाता हैं.
साथ ही कई ऐसे मामले भी शासन के संज्ञान में आएं हैं जहां मृतक किसानों और गलत बैंक खातों में सरकारी पैसा ट्रांसफर हो रहा है. योगी सरकार ने इस पर कड़ा एक्शन लेते हुए ऐसे लोगों से धन वसूलने के लिए तीन माह का समय निर्धारित किया है. साथ ही अगर पैसा देने में कोई भी व्यक्ति हीलाहवाली करता है तो उसके खिलाफ एफआईआऱ सहित और भी सख्त कदम उठाने के आदेश मुख्यमंत्री ने दिए हैं.
आंकड़ों की बात करें तो जनवरी 2022 तक उत्तर प्रदेश के लगभग ढाई करोड़ किसानों को 42,565 करोड़ रुपये का भुगतान सरकार कर चुकी है. नियम के मुताबिक, पेंशन धारकों और आयकरदाता किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिल सकता, मगर हैरानी की बात है कि ऐसे लाखों लोग इस योजना के तहत पैसा ले रहे थे.
केंद्र सरकार ने जैसे ही बैंक खातों जिसमें इस निधि का पैसा आता है, उसको आधार से लिंक करने का नियम बनाया तब ये बात खुली कि बड़ी संख्या में इस योजना के लाभ लेने वाले किसान इस योजना के हिसाब से अपात्र हैं, नियमानुसार उन्हें पैसा नहीं मिलना चाहिए.
मृतक किसानों के खातों में जा रहा पैसा!
योगी सरकार ने जब जिलेवार योजना का सत्यापन कराया तो कई चौंकाने वाले तथ्य निकल कर सामने आए कि कुछ किसानों की तो मृत्यु हो चुकी है फिर भी उनके खातों में पैसा आ रहा है. साथ ही कई ऐसे लोग भी हैं जो निधि का फायदा लेने के लिए पात्र नहीं हैं मगर उनके खातों में भी पैसा आ रहा है.
3 महीने के भीतर वापस करना होगा पैसा
अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए सूची को फिर से जांचने और अपात्रों का नाम सूची से हटाने के निर्देश दिए हैं, साथ ही मृत लोगों की जगह पर नए किसानों के नाम शामिल करने को बोला है. साथ ही जिन लोगों ने गलत तरीके से सरकारी फायदा लिया है उनसे तीन महीने के भीतर वसूली के निर्देश भी जारी किए हैं.
केवाईसी करने के दिए गए हैं निर्देश
उल्लेखनीय हैं कि 2,07,180 किसान इनकम टैक्स जमा करते हैं. 32,293 किसान हैं जिनकी मृत्यु हो चुकी हैं मगर सूची में अभी भी उनका नाम है, जबकि 78,954 ऐसे लोग हैं जो किसी ना किसी कारण से इस योजना के लिए अपात्र हैं. भारी तादाद में ऐसे किसान भी हैं जो इस योजना का लाभ तो ले रहे हैं मगर उनका डाटा अभी भी ठीक नहीं है.
इसीलिए सरकार ने लाभ लेने वाले किसानों को 31 मई तक ई-केवाईसी करने के निर्देश दिए हैं. इसमें आधार के साथ मोबाइल नंबर भी दर्ज कराना होगा. कृषि विभाग 5,90,108 किसानों का डाटा नाम में अंतर या आधार में कमी की वजह से सुधारने की दिशा में काम कर रहा है. साथ ही सवा दो लाख के करीब किसानों के डाटा का सत्यापन भी कराया जाएगा.
ऐसे होगा पैसा वापस
आपको बता दें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का पैसा वापस करने के लिए जिले के उप-कृषि निदेशक से मिल सकते हैं. साथ ही bharatkosh.gov.in पोर्टल के माध्यम से भी धन वापस कर सकते हैं.