आज के इस कार्यवाही से एक बात तो साफ है कि सरकारी विभागों के गरीबी व गरीबों के प्रति संवेदनशीलता पर उठते सवालों का जीता जागता उदाहरण है जो वर्षो पुराना है।ऐसा लगता है सरकार दावे चाहे जितना कर ले इन नॉकरशाहों के रवैये में कोई परिवर्तन नहीं होने वाला।
सोनभद्र।नगरपंचायत चुर्क के वार्ड नं.1 व 5 में बन रहे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबो के घर को वन विभाग के लोगों ने यह कह कर उजाड़ दिया कि उक्त जमीन वन विभाग की है।यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि जब वर्षो से उक्त गरीब परिवार के लोग उसी जमीन पर कच्चे घर बनाकर रह रहे हैं तो अचानक यह जमीनें वन विभाग की कैसे हो गई।
यहाँ यह बात भी गौरतलब है कि जब प्रधानमंत्री आवास में किसी को घर आवंटित होता है तो उसकी कई स्तर पर जांच की जाती है।अब बात करते हैं चुर्क नगर पंचायत में बन रहे प्रधानमंत्री आवास की तो यहां यह भी है कि पैसा लाभार्थी के खाते में भेजने से पहले उसकी नगरपंचायत से विधिवत जांच होती है।
अब जब नगरपंचायत व डूडा से जांच के बाद ही आवास बनाने के लिए लाभार्थी के खाते में पैसा भेजा गया होगा तो आधा से अधिक आवास बन जाने के बाद उन गरीबों के आशियाने पर वन विभाग द्वारा रोक लगाने का औचित्य समझ से परे तथा सरकारी विभागों के गरीबी व गरीबों के प्रति संवेदनशीलता पर उठते सवालों का जीता जागता उदाहरण है जो वर्षो पुराना है।ऐसा लगता है सरकार दावे चाहे जितना कर ले इन नॉकरशाहों के रवैये में कोई परिवर्तन नहीं होने वाला।