ऐ आब-ए-रूद-ए-गंगा ।तेरा शायर-ए-मश्रिक़
तुझे आवाज़ दे रहा है।। वो तेरी कलकल के संगीत को, घुटन में तबदील होते देख रहा है।।अली जावेद साहब की एक कविता
लखनऊ। प्रगतिशील लेखक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष और दिल्ली विश्वविद्यालय में ऊर्दू के प्रोफेसर रहे अली जावेद अब हमारे बीच में नहीं रहे। मिली जानकारी के मुताबिक 12 अगस्त को ब्रेन हैमरेज के कारण उन्हें मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था बाद में उनके कोमा में जाने पर जीबी पंत अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां कल रात उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी मृत्यु से न सिर्फ साहित्यिक जगत की क्षति हुई है अपितु जन राजनीति की भी अपूरणीय क्षति हुई है। आइपीएफ उनकी आकस्मिक मृत्यु पर शोक श्रद्धांजलि तथा उनके परिवार के लिए गहरी संवेदना व्यक्त करता है।