सोनभद्र।पिछले कुछ दिनों से पी डब्ल्यू डी द्वारा कुछ सड़को के निर्माण के लिए निकाले गए टेंडरों,जो कि स्वीकृति की प्रत्याशा में निविदाएं निकाली गई थीं, पर जारी ठेकेदारों व विभागीय अधिकारियों के बीच रस्साकशी अंततः समाप्त हो गयी।
यहां आपको बताते चले कि लोक निर्माण विभाग द्वारा नियम विपरीत स्वीकृति की प्रत्याशा में निकाले गए टेंडरों के खिलाफ विंध्यलीडर समाचार पत्र लगातार खबर प्रकाशित करता रहा है। अधीक्षण अभियंता मिर्जापुर वृत्त लोक निर्माण विभाग ने 04 नवम्बर को जारी अपने पत्र में कहा है किस्वीकृति की प्रत्याशा में निकले टेंडरों की वित्तीय स्वीकृति न मिलने के कारण बार बार टेंडर की अवधि बढ़ानी पड़ रही है अथवा निविदा को निरस्त करने पड़ रहा है जिसकी वजह से विभाग की छवि धूमिल हो रही है।
ऐसी परिस्थितियों में जिन कार्यों की वित्तीय स्वीकृति न मिली हो उन निविदाओं को न खोला जाय और साथ ही भविष्य में वित्तीय स्वीकृति की प्रत्याशा में निविदाएं न निकाली जायँ अर्थात जिन कार्यो की वित्तीय स्वीकृति नहीं मिली हो उन कार्यों की निविदाएं प्रकाशित न की जांय।
यहां आपको बताते चलें कि विंध्यलीडर समाचर पत्र लगातार खबर प्रकाशित कर यह आवाज उठाता रहा है कि जब शासन ने स्वीकृति की प्रत्याशा में टेंडर निकालने पर रोक लगा दी है और व्यवस्था दी है कि यदि बहुत आवश्यक हो तो स्वीकृति की प्रत्याशा में टेंडर निकालने के लिए शासन से अनुमति प्राप्त कर ली जाय तो फिर सोनभद्र में आखिर किस मकसद से स्वीकृति की प्रत्याशा में टेंडर निकाले जा रहे हैं।आखिरकार अधीक्षण अभियंता ने स्वीकृति की प्रत्याशा में निकाली गयी निविदाओं पर रोक लगाकर विंध्यलीडर में प्रकाशित खबरों पर मुहर लगा दिया है।