ओबरा खनन व्यवसाइयों के बीच गूँज उठी रणभेरी


समर सैम की एक्सक्लुसिव रिपोर्ट


सोनभद्र। हिसाब किताब माँगने पर पार्टनरों पर एफआईआर पर एफआईआर, मामला इतना बढ़ गया कि खनन व्यवसाइयों के बीच रणभेरी बज गई। मामला बिल्ली मारकुंडी में ई टेंडरिंग से हुई एक पत्थर खदान का है। इस झगड़े में अब जमकर पॉलिटिक्स का खेल खेला जा रहा है। जब व्यवसाय में खादी और खाखी की इंट्री होती तब मामला पूरी तरह से बिगड़ जाता है। ओबरा के खनन व्यवसाई अरुण सिंह यादव ने अपने व्यापारिक सहयोगियों पर एक के बाद एक तहरीर पुलिस अधीक्षक सोनभद्र को देकर आपसी विवाद को काफी बढ़ा दिया। मौके के मुंतज़िर कप्तान ने सबकुछ जानते हुए भी एक पार्टी के खिलाफ एक तरफा एफआईआर दर्ज़ करवा दिया। अरुण कुमार सिंह यादव ने अपनी तहरीर में रंगदारी मांगने और परिवार के किडनैप का आरोप लगाया है। इसी आधार पर आनन फानन में पुलिस अधीक्षक ने ओबरा थाना अध्यक्ष को एफआईआर क़ायम करने का आदेश दे दिया। जबकि दूसरी पार्टी का कहना है कि उन लोगों  की बात नहीं सुनी गई। दो बार दी गई तहरीर के आधार पर दो बार विभिन्न धाराओं में आनन फानन में मुकदमा क़ायम कर दिए गए। जबकि इस गंभीर प्रकरण में जांचोपरांत एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए थी। परन्तु ऐसा न करके सोनभद्र जनपद के सम्मानित एवं प्रतिष्ठित खनन व्यवसाई व समाजसेवियों के ऊपर गंभीर धाराओं में मुकदमा क़ायम कर उनकी छवि धूमिल की जा रही है।

उक्त एफआईआर वरिष्ठ बैरिस्टर एवं नामचीन समाजसेवी सुधीर श्रीवास्तव उर्फ गणेश श्रीवास्तव, पत्थर खनन में अपनी धाक रखने वाले खनन व्यवसायी इश्तेयाक अहमद व  बॉबी सिंह के विरूद्ध संगीन धाराओं में दर्ज की गई है। जबकि इस प्रकरण में ओबरा के लोगों का कहना है कि यह सिर्फ व्यवसायिक विवाद है जिसे राजनीतिक रंग देकर मामले को तूल दिया जा रहा है।
   उक्त मामले पर पैनी नजर रखने वाले लोगों की मानें तो मामला दो खदानों जो महादेव कंस्ट्रक्शन के नाम से हुई हैं में  ई टेंडरिंग के समय से ही पार्टनरों के बीच खींचा तानी के रूप में सामने आने लगी थी। यहां आपको बताते चलें कि पत्थर खदान महादेव कंस्ट्रक्शन आराजी संख्या 4949 का रेट 1758 घन मीटर है वहीं आराजी नम्बर 7536 में आवंटित महादेव नामक खदान का रेट सिर्फ 468 रुपये है। जबकि इन्हीं पार्टनरों की एक और खदान राधे राधे आराजी नम्बर 5006 में हुई खदान का रेट 1234 है। इसमें से महादेव कंस्ट्रक्शन के दोनों खदानों में अरुण सिंह यादव पार्टनर हैं। महंगी रेट वाली खदान को घाटे की वजह से कुछ पार्टनर सरेंडर करना चाहते हैं, वहीं कुछ पार्टनर इसे अभी कुछ दिन और चलाना चाहते थे। क्योंकि मुख्यालय स्तर पर एम एम 11 जो अभी घन मीटर पर जारी होता है को बदल कर टन में करने का मामला पेंडिंग है। उम्मीद है कि जल्दी ही परिवर्तन हो जाएगा इससे पत्थर खदान का घाटा लाभ में बदल जायेगा।

जानकारों की मानें तो यही विवाद पार्टनरों के बीच विवाद का प्रमुख कारण बन गया। इसके साथ ही डिम्पल यादव पर सभी पार्टनरों ने आरोप लगाया की शुरू से ही इनके नियत में खोट था। पत्रावलियों में इन्होंने चुपके चुपके एड्रेस बदलकर इश्तेयाक अहमद के घर के पते को चेंज कर अपना एड्रेस डाल लिया। वहीं बैरिस्टर गणेश श्रीवास्तव का कहना है कि करोड़ों रुपये के हिसाब किताब के लिए पार्टनरों के साथ बैठने से डिम्पल यादव हिला हवाली कर रहे थे। शायद इसी कारण पार्टनरों के बीच लेन देन को लेकर हॉट टाक हुई हो। इसके बाद व्यवसाइयों के लेन देन के आपसी मामले को दोनों पार्टियों को बैठाकर सुलझाने के बजाय कप्तान महोदय ने एक पार्टी के प्रार्थना पत्र पर कार्यवाही करते हुए मामले को फिलहाल उलझा दिया है।

जिले के सम्भ्रांत खनन व्यवसाईयों पर बिना जांच पड़ताल के गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर समाज में उनकी छवि को धूमिल करने का काम किया गया। इस प्रकरण में युवा भाजपा नेता विनय श्रीवास्तव ने कहा कि हिसाब किताब के आपसी विवाद के चलते खनन व्यवसाइयों को सिस्टम ने अपराधी बना दिया जबकि सोनभद्र खनन सेक्टर के लिए यह एक आत्मघाती कदम है क्योंकि खनन व्यवसाय सोनभद्र की आर्थिक रीढ़ है। इसलिए प्रशासन को सूझ बूझ के साथ इस मसले को हल कराना चाहिए था। उन्होंने आगे कहा कि फर्जी मुकदमा क़ायम करा कर किसी की छवि को धूमिल करने का अधिकार किसी को नहीं है।

   मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस कप्तान से मिलकर भाजपा नेता विनय श्रीवास्तव ने इस प्रकरण को रखा। पुलिस अधीक्षक यशवीर सिंह ने इस प्रकरण में दोनों पार्टियों को आपस में मिल बैठकर आपसी मतभेद को हल करने की बात कही है। फ़िलहाल इस प्रकरण की चर्चा पूरे जिले में हो रही है। इस मामले में व्यवसाई एवं बैरिस्टर गणेश श्रीवास्त ने कहा कि पार्टनरों द्वारा करोड़ों रुपए के हिसाब किताब मांगने पर डिम्पल यादव के द्वारा फर्जी मुकदमों में जेल भेजने की धमकी दी जा रही है। वहीं इस पर डिम्पल यादव का कहना है कि फोन पर धमकी देते हुए गाली गलौच किया जा रहा था। खैर इन सब बातों से विवाद को बढ़ावा मिलता है। युवा भाजपा नेता विनय श्रीवास्तव की पहल से अब यह विवाद आपसी सहमति से सुलझने की तरफ बढ़ता हुआ नज़र आ रहा है। अंत में एक शेर बस बात ख़त्म, एक ही उल्लू काफी है बर्बाद गुलिस्तां करने को। हर शाख पे उल्लू बैठे हैं अंजाम ए गुलिस्तां क्या होगा।