—विपक्ष ने कहा सत्तापक्ष के इशारे पर पर प्रशासन चुनाव को प्रभावित करने का कर रहा प्रयास
—आखिर सत्ताधारी दल के नेता मोबाइल से वोट देने का ई वी एम की फोटो खींच कर कैसे कर रहे सोसल प्लेटफॉर्म पर वायरल जबकि मीडियाकर्मियों को भी अपने कैमरे व मोबाइल लेकर अंदर जाने की है मनाही।
—-अपरजिलाधिकारी ने कहा मामला संज्ञान में आया है इसके लिए जो भी दोषी हैं उन पर कानूनी कार्यवाही होगी
सोनभद्र।वैसे तो सत्ताधारी दल के लोगों द्वारा कानून को अपने मन माफिक चलाने की बात कोई नई नहीं है पर चुनाव के समय चुनाव प्रभावित न हो और लोग निष्पक्ष रूप से वोट कर सकें इसके लिए चुनाव आयोग को चुनाव के दौरान यह सुनिश्चित करने के लिए की कोई सत्ता की धौंस के बल पर कुछ न कर सके प्रशासन को काफी शक्ति दी गयी है।
परन्तु आज चुनाव के अंतिम चरण के पड़ रहे वोटिंग के दौरान सोनभद्र में कुछ ऐसे पल आये जब यह सोचने को विवश होना पड़ा कि क्या चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारी स्वतंत्र और निष्पक्ष हैं ?यदि हाँ तो आखिर क्यूँ जब मीडिया तक को उनके कैमरों व मोबाइल को प्रशासन के लोग अंदर नहीं ले जाने दे रहे हैं तो कुछ सत्ताधारी दल के नेता बूथ के अंदर अपने वोट देने समय का ई वी एम की फोटो खींच कर सोसल प्लेटफार्म पर वायरल कर रहे हैं ?इससे प्रशासन की निष्पक्षता पर सवाल उठना लाजिमी भी है।
सवाल तो यही उठ रहा है कि क्या सत्ताधारी दल के ये नेता आज भी आम आदमी नहीं बन पाए ?आखिर जब आम मतदाता को कैमरा अथवा मोबाइल बूथ के अंदर प्रवेश द्वार के आगे नहीं ले जाने दिया जा रहा है तो इन सत्ताधारी दल के नेताओं के मोबाइल बूथ के अंदर गए कैसे ? जिससे यह लोग ई वी एम पर अपने वोट देने की फोटो खींच कर सोसल मीडिया प्लेटफार्म पर अपनी फोटो वायरल कर रहे हैं।